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आन्दोलन में आन्दोलन हुआ पर किसानों का कर्ज माफ नहीं हुआ

साभार: पिक्साबे

 

योगी आदित्यनाथ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बनते ही कई घोषणाये शुरू की जिससे लोगो को लगा की योगी आदित्यनाथ जनता के हित में कुछ तो करेंगे पर शायद हमेशा की तरह योगी का भाषण भी गलत साबित हुआ। जिससे हर वर्ग का ब्यक्ति परेशान हो रहा है।

योगी ने किसानों के कर्ज माफ़ी के लिए बड़े बड़े वादा किये यह बात उनके चुनावी घोषणा मात्र में शामिल थी राज्य सरकार ने किसानों के 36 हजार करोड़ रूपये कर्ज माफ़ी की बात तो कही पर आज भी किसी किसान का कर्ज माफ़ नहीं है। इस वजह से किसान बहुत परेशान है।

इस समय गेंहू चना की बुआई का समय है पर सरकार ने बीज खाद के रेट भी बढ़ा दिए जिससे किसान फसल उगाने के लिए इधर उधर भटक रहे है। लोगो के खाली खेत पड़े है खेतो को देख किसानों  के आँखों में आंसू भर आता है। पर सरकार उनकी सुनवाई क्यों नहीं कर रही है उत्तर प्रदेश हो या बुन्देलखण्ड के चित्रकूट जिला के किसान यूनियन के जिला अध्यक्ष राम सिंह पटेल बताते हैं कि हर रोज सैकड़ो किसान यूनियन के लोग धरना प्रदर्शन करते है पर कभी सरकार के कान में जूं नहीं रेंगी है।

आखिर यू.पी.सरकार के डेढ़ साल होने के बाद भी किसान दर दर भटक रहे है। यह कैसी सरकार की कानून ब्यवस्था है।  कर्ज माफ़ी को लेकर देश भर के किसानों ने 23सितम्बर 2018 से हरिद्वार से पैदल यात्रा करके दिल्ली पहुच कर आन्दोलन किया था जो कि 2 अक्तूबर 2018 तक चला था उसमे ग्रहमंत्री राजनाथ ने किसानों को कर्ज माफ़ी का भरोसा देकर आन्दोलन खतम करने को कहा था। पर दो महीने होने के बाद भी हमे कुछ नहीं मिला भरोसा के आलावा।

आज भी चित्रकूट में 75 प्रतिशत किसान वंचित रह गया है। 2016—2017 में सूखा राहत का भी पैसा नहीं बता गया समय निकलने के बाद 6करोड़ 71लाख रूपये शासन को जिला  प्रशासन ने लौटा दिया प्रशासन कि गलती कि वजह से छोटे ओर बड़े दोनों किसान कर्ज माफ़ी कि मार झेल रहे हैं।

शासन कि तरफ से लघु सीमांत किसान को 27000 हजार रूपये कि चेक मिलनी चाहिए पर जिला प्रशासन कि लापरवाही के चलते उनको 9000 रूपये ही खाते में डाला गया।

क्या वोट लेने के पहले वादा करना ही जरुरी था। कुर्सी पाने के बाद कौन किसान कौन जनता कहने को तो हमारा देश कृषि प्रधान देश है पर सच में देखे तो किसानों  के खानें के लाले पड़े हैं तो वह देश के लिए कैसे पैदावार फसल की करेंगे।

योगी सरकार कहाँ है वह 36 हजार करोड़ किसानों  का कर्जा माफ़ी वाली बात? कैसे मनायेगे किसान इस साल दीवाली जिसके पास कुछ भी नहीं बचा है  क्या किसानों के बारे में सरकार कभी सोंच पाएगी।