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बचपन की यादों को लिखतें हैं महोबा के प्रसिद्ध कवि

जिला महोबा ब्लॉक जैतपुर कस्बा कुलपहाड़ तहसील के रहने वाले राजेश तिवारी को लगभग 10 साल की उम्र से कविता लिखने का शौक था।

राजेश कहते हैं कि बचपन के दिनों को याद करके वह खुद पर ही कविता लिखते हैं। वह आगे कहते हैं, ‘कविता लिखना साधारण बात नहीं होती। जब कविताएं लिखते हैं तो बिल्कुल शांत और फ्री टाइम होता है। मैं थोड़ा-सा समय सुबह कविता में देता हूं लिखने को और थोड़ी ही शाम को देता हूं।’

इसके अलावा उन्हें संगीत का भी शौक है। उन्हें संगीत और कवि प्रोग्रामों में भी बुलाया जाता है और सम्मानित किया जाता है। वह कहते हैं, ‘ मैं पैसों के लिए कविताएं नहीं लिख रहा हूँ। मैं सिर्फ अपने शौक के ही लिए लिख रहा हूँ।’

आगे कहा, ‘मैंने याद किया है कि बचपन को देखते हुए कि जो मेरा दिल कितना अलबेला था और गोबर के गाय के फंडों से रोटियां बनती थी। अपने बाबा-दादी के गोद में रहता था। इन्हीं सब बातों को याद कर के मैंने लिखी है कविता। बहुत लोग पसंद भी करते हैं। जब लोग हमारी कविताएं पसंद करते हैं तो अच्छा लगता है।’

उन्हें कविताएं लिखते हुए 20 साल हो गए। वह ग्रेजुएट हैं। इस समय उनकी उम्र 52 साल हैं। वह कहते हैं कि जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है कविताओं को लिखने का शौक भी बढ़ता है। कुछ भी देखते हैं तो उस पर कविताएं लिख लेते हैं। इसमें किसी की बताने की जरूरत नहीं होती है बस आंखों देखने की जरूरत होती है और दिमाग की जरूरत होती है।

उनके बेटे को भी कविताओं का शौक हैं। वह कहते हैं कि उनके परिवार में कोई भी उनकी तरह कविताएं नहीं लिखता है।

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