खबर लहरिया Blog वाराणसी: महंगाई ने फिर से तोड़ी आम जनता की कमर पेट्रोल -डीज़ल से लेकर, गैस सिलेंडर भी हुआ महंगा

वाराणसी: महंगाई ने फिर से तोड़ी आम जनता की कमर पेट्रोल -डीज़ल से लेकर, गैस सिलेंडर भी हुआ महंगा

पेट्रोल का दाम 99 रूपए 27 पैसे है, वहीँ डीज़ल 89 रूपए 94 पैसे का हो गया है। वहीँ जो सब्ज़ियां पहले 20-30 रूपए प्रति किलो के हिसाब से मिलती थीं, वो अब 70-80 रूपए प्रति किलो के रेट से मिल रही हैं।

उत्तर प्रदेश के वाराणसी ज़िले में आम जनता वापस से महंगाई की मार झेल रही है। यहाँ हाल ही में गैस, डीज़ल-पेट्रोल के साथ-साथ सब्ज़ियों के दामों में भी बढ़ोत्तरी हुई है, जिससे आम जनता को कई प्रकार की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। लोगों ने हमें बताया कि 2 सितम्बर को पेट्रोल और डीज़ल के दाम वापस से बढ़कर 100 रूपए प्रति लीटर के आसपास पहुँच गए हैं, पेट्रोल का दाम 99 रूपए 27 पैसे है, वहीं डीज़ल 89 रूपए 94 पैसे का हो गया है। वहीँ जो सब्ज़ियां पहले 20-30 रूपए प्रति किलो के हिसाब से मिलती थीं, वो अब 70-80 रूपए प्रति किलो के रेट से मिल रही हैं।

आम जनता ने निजी वाहन का इस्तेमाल किया कम-

वाराणसी के रहने वाले संतोष का कहना है कि पेट्रोल-डीज़ल के बढ़ते दामों के कारण लोगों ने अपने निजी वाहनों से यात्रा करना भी बंद कर दिया है। उनका कहना है कि आम जनता के पास इतने पैसे नहीं हैं कि ये लोग हर दूसरे दिन अपने स्कूटर या मोटरसाइकिल में इतना महंगा तेल भरवा पाएं।

टेम्पो में यात्रा कर रहीं सीमा ने हमें बताया कि कुछ महीनों पहले तक टेम्पो, ऑटो में 10 रूपए देकर यात्रा करते थे, वहीँ अब टेम्पो ड्राइवर 30-40 रूपए से कम नहीं लेते हैं। सीमा का कहना है कि सार्वजनिक परिवहनों में यात्रा कर रहे लोग कई बार ड्राइवर से झगड़ते भी हैं और किराया कम करने की मांग भी करते हैं लेकिन वो लोग भी मजबूर हैं, जब सरकार ने ही पेट्रोल- डीज़ल इतना महंगा कर दिया है तब ड्राइवर भी मजबूर हैं किराया बढ़ाने के लिए।

ऑटो चालक भी महंगाई से परेशान-

ऑटो ड्राइवर सुजीत ने हमें बताया कि इन लोगों को रोज़ाना 300 से 400 रूपए किराया ऑटो मालिकों को देना पड़ता है, ऐसे में इस बढ़ती महंगाई को मद्देनज़र रखते हुए, इन लोगों ने यात्री किराया भी बढ़ा दिया है। सुजीत का कहना है कि सरकार को गरीब परिवारों के बारे में सोचना चाहिए और महंगाई से आम जनता को थोड़ी राहत देनी चाहिए। उनका कहना है कि कोरोना काल में वैसे ही लोगों के पास रोज़गार नहीं है, आमदनी का कोई ज़रिया नहीं है, ऐसे में अगर महंगाई भी इसी दर से बढ़ती रहेगी, तो ये गरीब परिवार कैसे अपने घर का खर्च उठा पाएंगे?

उन्होंने बताया कि उनकी रोज़ाना की कमाई से भी हर महीने 5-6 हज़ार रूपए टैक्स देने में निकल जाते हैं। वाराणसी के ज़्यादातर ऑटो चालाक अब यही चाहते हैं कि सरकार वापस से पेट्रोल और डीज़ल के दामों को सामान्य कर दे ताकि इन लोगों को मंहगाई की मार से कुछ छुटकारा मिल सके।

एलपीजी सिलेंडर के दामों ने भी छुआ आसमान-

वाराणसी की ऊषा ने हमें बताया कि एलपीजी गैस सिलेंडर का दाम 900 रूपए हो गया है, जो कि पहले 400-500 रूपए हुआ करता था। उन्होंने बताया कि वो लोग अब खाना चूल्हे पर बनाने को मजबूर हो गए हैं क्यूंकि इन गरीब परिवारों के पास इतने पैसे नहीं हैं कि ये लोग हर महीने 900-1 हज़ार रूपए तक का सिलेंडर भरवा सकें। ऊषा का कहना है कि चुनाव आने पर नेता वादे करते हैं कि गरीबी मिटाएंगे, महंगाई दूर करेंगे लेकिन चुनाव जीतते ही इन सभी वादों पर पानी फिर जाता है और आम जनता के लिए ही और चुनौतियों को खड़ा कर दिया जाता है। उनका कहना है कि अगर सरकार इतनी महंगाई बढ़ा ही रही है तो
फिर युवाओं के लिए रोज़गार के अवसर भी प्रदान करे ताकि इन गरीब परिवारों को कुछ राहत मिल सके।

सब्ज़ियों पर भी गिरी महंगाई की गाज़-

सब्जी विक्रेता बबलू का कहना है कि बारिश के कारण सब्ज़ियों के भाव में भी काफी उछाल आया है। सब्ज़ी विक्रेताओं को ही सब्ज़ियां महंगी मिल रही हैं जिसके कारण ये लोग ग्राहकों को भी महंगी सब्ज़ी बेच रहे हैं। उन्होंने बताया कि फिलहाल आलू का दाम 20 रूपए प्रति किलो, करेला 40 रूपए प्रति किलो, परवल 70 रूपए प्रति किलो, भिंडी 40 रूपए प्रति किलो, टमाटर 40 प्रति किलो, मूली 45 रूपए प्रति किलो है। बबलू ने हमें बताया कि सब्ज़ियों के इस बढ़ते रेट के चलते जो लोग पहले 2-3 किलो सब्ज़ियां खरीद लेते थे वो अब आधा किलो ही खरीद कर चले जाते हैं। उन्होंने यह भी बताया कि क्यूंकि आलू का दाम बाकी सब्ज़ियों के मुकाबले कम है, इसलिए आलू की ही बिक्री सबसे ज़्यादा हो रही है।

लोगों ने बताया कि दाल भी 140 रूपए प्रति किलो हो गई है और सरसों का तेल भी 200 प्रति किलो के हिसाब से मिल रहा है। ऐसे में मध्यम वर्ग के लोग और खासकर गरीब परिवार आखिर क्या खाएं और क्या पकाएं?

प्रमोद का कहना है कि महंगाई को लेकर के लगातार कई पार्टियों ने धरना प्रदर्शन और विरोध भी कर रहे हैं लेकिन सरकार की आंखें फिर भी नहीं खुल रही हैं। लोगों का कहना है कि ये लोग आगे भी महंगाई को कम कराने के लिए प्रदर्शन करते रहेंगे ताकि सरकार तक इन लोगों की आवाज़ पहुँच सके।

इस खबर को खबर लहरिया के लिए सुशीला द्वारा रिपोर्ट किया गया है।

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