खबर लहरिया जिला दिवाली पर मसहूर बुंदेलखंड का कल्चर जानिए कविता शो के ख़ास एपिसोड में |

दिवाली पर मसहूर बुंदेलखंड का कल्चर जानिए कविता शो के ख़ास एपिसोड में |

1.नमस्कार दोस्तों द कविता शो के इस एपीसोड में आपका स्वागत है।दीपावली की आप सभी को बहुत बहुत शुभकामनाएं और बधाईयाँ। आज के शो में मै आपको बताउंगी कुछ अपनी पसंदीदा बातें और कुछ बुन्देलखंडी त्योहारों के बारे में जो बुंदेलखंड के कल्चर में चार चाँद लगाते हैं तो दिवाली मेरा सबसे फेवरेट त्यौहार होता है इसी तरह से सायद आपका भी हो। दोस्तों इस त्यौहार में इतनी मौजमस्ती होती है की पूछो न ।और जो बुंदेलखंड में दिवाली पर ख़ास है वह है देवारी डांस, गधों का मेलाl और दोस्तों आपने भी देखा होगा की देवारी डांस में लो ख़ास तरह की ड्रेस पहनते है। और कमर में घुघरू बाधते है।मोर के पंख लगाते है। और फिर डंडे लेकर नाचते है और गाना भी गाते है, इसको लठ्ठ मार दिवारी भी बोला जाता है। इस पर हमने कई स्टोरियाँ की है इस बार भी पब्लिश हुई है जिसमे लड़कियां दिवारी खेल रही हैं तो देखिएगा जरुर।

2.दोस्तों दिवारी डांस अभी तक सिर्फ आदमी लोग करते थे, ये डांस महिलाओं और लडकियों का डांस नहीं माना जाता था। लेकिन अब लडकियाँ भी इस सोच को मात देने के लिए आगे आ रही हैं। महोबा जिले में इस साल लडकिया भी देवारी डांस सीख रही हैं। और खेल भी रही हैं और हमें गर्व हैं की हर छेत्र में अब लडकिया अपना कब्जा जमा रही हैं।

3. दिवारी डांस की बात तो हो गई पर जो दिवाली पर सबसे स्पेशल है उसकी बात तो हमने की ही नहीं है वह है मिटटी का दिया जो कुम्हार घर घर देकर जाते हैं, दोस्तों अभी तक आपने मिट्टी के दिए या फिर चायनीज दिए ही जलाए होगे लेकिन इस साल गोबर के दिए भी बनाये गये है चित्रकूट और अयोध्या में कुछ महिलाओं के समूहों ने गोबर के दिए बना कर बेच रही है। इससे उनको इस कोरोना कॉल में रोजगार का नया माध्यम भी मिल गया है और महिलाये भी इससे खुश नजर आ रही है।

4 .दोस्तों पहले का ज़माना था किसी त्यौहार पर मेला लगता था पर अब कम हो रहा है हाँ एक मेला चित्रकूट का ख़ास है वह है गधों का मेला! जो हर साल लगता ये मेला भी देखने लायक होता है बुन्देल खंड के आसपास के इलाके से लोग अपने गन्धो को सजा धजा कर ले जाते हैं इनको बाजार भी लगती है लाखो लाखो रूपये के कीमत की बिक्री भी होती है।ये ये ही एक ऐसा दिन होता है जब गधों की भी इज्जत बढ़ जाती है। और सजे धजे गन्धो का मेला देखने के लिए आस पास के इलाके के लोग दौड़ते चले जाते हैं। काफी रोमांटिक होता है गधों का मेला. इस मेले में गधों की खरीद और बिक्री भी होती है। कौन सा गंधा सबसे मंहगा बिका इसकी चर्चा सुनने के लिए लोग वेताब रहते है। तो अगर आपने अभी गधों का मेला नहीं देखा है तो इस बार जरुर से देखने के लिए आईये चित्रकूट ।

5 मेला और देवारी डांस के साथ साथ पटाखों की दुकाने भी सज रही हैं। बाजार भीड़ से गुलजार है। लोग बिना मास्क लगाये घूम रहे हैं ऐसे लग रहा है की कोरोना अब है ही नहीं । लेकिन दोस्तों ऐसा नहीं है कोरोना का खर अभी भी जारी है। अब तो ठंड भी पड़ने लगी है और प्रदुषण में भी तकलीफे हो रही है ।तो खुशियाँ मनाईये लेकिन अपना ख्याल भी रखिये हो सके तो पटाखें न छुडाइए ताकि हमारा पार्यावरण दूषित न हो .

6.तो दोस्तो कैसा लगा ये शो हमें लिख भेजिए कमेंट बॉक्स में बताइये, हमारे लाइक करें कमेंट करें और दोस्तों के साथ में सेयर जरूर करें ।