सरकार कोरोना महामारी से बचाव के लिए काफी जोर दिया यहां तक की जब वैक्सीनेशन शुरू हुआ तो कई तरह की अफवाहें भी फैली और लोग वैक्सीनेशन करवाने से पीछे हटने लगे। जिससे स्वस्थ्य कर्मचारियों के सामने एक बड़ी चुनौती खडी़ हो गई। जिसको लेकर काफी जागरुकता फैलाई गई, कैंप लगे, ऐलाउंस हुए और आशा आंगनवाड़ियों को भी जागरुक करने की ज़िम्मेदारी दी गई। फिर भी लोग वैक्सीन लगवाने के लिए आगे नहीं आ रहे थे, लेकिन जैसे ही कई तरह लोगों ने सुना कि उनका खाता बंद कर दिया जाएगा राशन नहीं मिलेगा। यह सब सुनते ही लोगों की भीड़ वैक्सीनेशन के लिए जोरों पर अस्पतालों में उमड़ने लगी। इस समय देखा जाए तो लगभग 95% लोगों ने वैक्सीन की पहली डोज लगभग ले लिया है।
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जब हमने इस पर कवरेज किया और लोगों से जाना तो लोगों ने बताया कि उन्हें वैक्सीनेशन के बाद कई तरह की दिक्कत हैं तो बहुत से लोगों ने यह भी बताया कि वह वैक्सीनेशन से नहीं डरते हैं और यह टीकाकरण सुरक्षित है लेकिन जिस तरह से अभी भी लोग डर रहे हैं और दूसरी तो बहुत से लोग लगवाने के लिए तैयार नहीं है, तो बहुत से लोगों ने पहली डोज ही नहीं लिया यह कहिए कि 5% लोगों ने पहली डोज ली ही नहीं है। बहुत से लोग अभी भी डर रहे हैं। लोगों का कहना है कि वैक्सीन लगवाने के बाद कई तरह की बीमारियां होने लगती हैं। इसलिए नहीं लगाएंगे।
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