खबर लहरिया कोरोना वायरस वाराणसी में वैक्सीनेशन: लंबी दूरी, घंटों इंतजार, जातिगत भेदभाव

वाराणसी में वैक्सीनेशन: लंबी दूरी, घंटों इंतजार, जातिगत भेदभाव

ग्रामीणों ने वैक्सीनेशन सेंटर पर जातिगत भेदभाव होने के भी आरोप लगाए

 

लंबा सफर तय करना, घंटों इंतजार करना, लाइन में खड़े रहना, इसके बाद भी वैक्सीन न लग पाना. यही है वाराणसी के गांवों में वैक्सीन के लिए परेशान हो रहे लोगों की कहानी. उत्तरप्रदेश (Uttar Pradesh) के वाराणसी जिले के 4 गांवों के लगभग 5000 ग्रामीणों को अब तक कोरोना (Coronavirus) वैक्सीन नहीं लगी है. इसका कारण वो बताते हैं गांव में वैक्सीनेशन सेंटर न होना.

यूपी के उदयपुर की रहने वाली शीलादेवी बताती हैं कि 10-15 किलोमीटर दूर स्थित वैक्सीनेशन सेंटर जाने के बाद भी उन्हें वैक्सीन नहीं मिल पाती.

हम घर पर अपने बच्चों को छोड़कर वैक्सीन लगवाने जाते हैं. लेकिन, वो बोलते हैं कि समय खत्म हो गया है अब बाद में आइएगा. इस वजह से ही हम वैक्सीन नहीं लगवा पा रहे. अगर हम छोलापुर या दीनदयाल जाते हैं तो हमें 10 से 15 किलोमीटर का सफर तय करना होता है. – शीला देवी, गृहिणी
                                                                                 कोरोना वैक्सीन सेंटर के बाहर लगी लंबी कतार

                                                                                       शबनम बेगम/वीडियो वॉलेंटियर

वैक्सीनेशन सेंटर पर जातिगत भेदभाव के भी आरोप

कई ग्रामीणों ने वैक्सीनेशन सेंटर पर भेदभाव होने तक के आरोप लगाए. गृहणी शीला कहती हैं ”जिनके पास पैसा है, जैसे ठाकुर और बाकी लोग, कार से आते हैं और उन्हें वैक्सीन लगा दी जाती है. बाकी लोग लाइन में खड़े रहते हैं”

उदयपुर के ही रहने वाले नानका के मुताबिक, वे वैक्सीन लगवाने गए थे पर सिर्फ पंडितों को ही वैक्सीन लगाई जा रही है, लाइन में खड़े रहते हैं. वो आते हैं और वैक्सीन लगवा लेते हैं. जब वैक्सीन का बोलते हैं तो कहा जाता है कि वैक्सीन खत्म हो गई बाद में आइए.

उदयपुर गांव के क्षेत्रीय महिला संगठन की नेता मीरा देवी ने भी ये आरोप लगाया कि वैक्सीनेशन सेंटर पर सवर्ण जाति के लोगों को प्राथमिकता दी जा रही है. .

                                                                                   टेम्पो से वैक्सीनेशन सेंटर पहुंचते ग्रामीण

                                                                                        शबनम बेगम/वीडियो वॉलेंटियर

5000 ग्रामीणों को नहीं लगी वैक्सीन

महाडा के गांव प्रधान रजई राम बताते हैं कि इन गांवों के 5000 लोगों को अब तक वैक्सीन नहीं लगी है.

हम लाइन में खड़े रहते हैं, लेकिन कई बार टोकन दिए बिना ही लोगों को लौटा दिया जाता है. और ये सिर्फ हमारे गांव की नहीं, कई गांवों की समस्या है. करीब 5000 ग्रामीणों को वैक्सीन नहीं लगी है.- रजई राम, गांव प्रधान

                                                                दानगंज स्थित सेंटर के बाहर वैक्सीन लगने का इंतजार करते ग्रामीण

                                                                                     शबनम बेगम/वीडियो वॉलेंटियर

उदयपुर की रहने वाली छात्रा रचना देवी के मुताबिक, समस्या सिर्फ वैक्सीनेशन सेंटर दूर होने की नहीं है. कई बार ग्रामीणों से वैक्सीन लगवाने के लिए पैसे भी मांगे जाते हैं.

वैक्सीनेशन सेंटर काफी दूर है. कई बार हमारा नंबर ही नहीं आता. कई बार नंबर आने में 10 दिन लग जाते हैं. अगर आता भी है तो हमसे पैसे मांगे जाते हैं, वर्ना वो वैक्सीन नहीं लगाते.

रचना देवी, छात्रा

हालांकि, छोलापुर के मेडिकल सुप्रीटेंडेंट आरबी यादव ने इन सभी आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया. दानगंज, उदयपुर, महाडा और मंगोलपुर के अधिकतर ग्रामीण वैक्सीन लगवाने छोलापुर के वैक्सीनेशन सेंटर ही जाते हैं.

23 सितंबर 2021 तक. उत्तरप्रदेश में 8% लोगों को वैक्सीन के दोनों डोज लगाए गए हैं. एक्सपर्ट्स के मुताबिक वैक्सीनेशन ही कोरोना महामारी से निकलने का एकमात्र तरीका है. लेकिन, क्या वैक्सीनेशन में भी इस तरह की असमानता की घटनाओं का सामने आना इस लक्ष्य को और कठिन नहीं बना रहा?

(रिपोर्टिंग : वीडियो वॉलेंटियर्स से शबनम बेगम)

यह श्रृंखला क्विंट हिंदी और ख़बर लहरिया पार्टनरशिप का अंश है। लेख क्विंट द्वारा लिखा और रिसर्च किया गया है। 

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