खबर लहरिया Blog दिन पर दिन गंदी हो रही वाल्मीकि नदी। आखिर कब होगा सुंदरीकरण ?

दिन पर दिन गंदी हो रही वाल्मीकि नदी। आखिर कब होगा सुंदरीकरण ?

वैसे तो यहाँ पहले से काफी ज़्यादा साफ़-सफाई होने लगी है लेकिन अभी भी इस नदी के आसपास रह रहे लोगों का कहना है कि स्थानीय लोगों द्वारा यहाँ काफी गंदगी करी जाती है।

जिला चित्रकूट के ब्लॉक मानिकपुर के गाँव बगरेही में बाल्मिकी नदी है। पिछले कुछ महीनों से चित्रकूट के डीएम ने मुख्यमंत्री योगी के आदेश पर मंदाकिनी नदी और बाल्मीकि नदी में सफाई अभियान शुरू करवाया था। वैसे तो यहाँ पहले से काफी ज़्यादा साफ़-सफाई होने लगी है लेकिन अभी भी इस नदी के आसपास रह रहे लोगों का कहना है कि स्थानीय लोगों द्वारा यहाँ काफी गंदगी करी जाती है। आसपास के लोग अपने घरों का कचरा भी इसी नदी में डाल देते हैं जिससे यहाँ का पानी बहुत दूषित हो गया है।

पर्यटक भी कर रहे अस्वछता की शिकायत-

इलाहाबाद से घूमने आए राकेश का कहना है कि यहाँ मौजूद बाल्मीकि आश्रम देशभर में प्रसिद्ध है, और बाल्मीकि नदी में स्न्नान करने दूर-दूर से लोग आते हैं। राकेश ने बताया कि इस नदी का पानी अब पहले जैसे नहीं रहा, यहाँ का पानी इतना गंदा होता है कि ज़्यादातर तीर्थयात्री बिना स्न्नान किये ही वापस चले जाते हैं। उन्होंने बताया कि नदी के किनारे कूड़े का ढेर लगा हुआ है और सफाई अभियान के बावजूद ऐसा लगता है कि यहाँ सालों से सफाई नहीं हुई है।

ग्रामीण चाहते हैं नदी के किनारे घाट बनवाना-

इसी गाँव की रहने वाली रानी देवी ने हमें बताया कि गाँव के ज़्यादातर लोग नदी में ही नहाने आते हैं, इसके साथ ही रोज़ाना दिनचर्या के काम जैसे बर्तन धोने, कपड़े धोने के लिए भी ग्रामीण इसी नदी पर आते हैं। जिसके कारण यह नदी दिन पर दिन गंदी होती जा रही है। उन्होंने बताया कि गाँव में पानी का और कोई स्त्रोत नहीं है जिसके कारण ग्रामीण भी मजबूर हैं यहाँ आने के लिए। रानी का मानना है कि अगर गाँव में पानी की कोई दूसरी सुविधा हो जाए तो उन लोगों को नदी के सहारे नहीं रहना पड़ेगा और नदी भी स्वच्छ रहेगी।

इसके साथ ही ग्रामीण यह भी चाहते हैं कि नदी के किनारे घाट बना दिया जाए ताकि लोग आसानी से अपने काम कर सकें और घूमने आ रहे लोगों को भी कोई दिक्कत न हो। इन लोगों ने कई बार डीएम से घाट बनवाने की मांग की है, लेकिन इस मामले में अबतक कोई सुनवाई नहीं हुई है।

क्या कहते हैं प्रधान?

बगरेही गाँव के प्रधान केदारनाथ का कहना है कि बाल्मीकि नदी के आसपास बहुत कचरा जमा हो गया था जिसके बाद उन्होंने वापस से डी एम को अर्ज़ी दी थी और यहाँ वापस से सफाई अभियान शुरू किया गया था। केदारनाथ का कहना है कि बाल्मीकि नदी घूमने बाहर के शहरों से पर्यटक भी आते हैं, इसलिए यह ज़रूरी है कि यहाँ रह रहे लोग भी इस नदी की स्वच्छता का ध्यान रखें और नदी में कूड़ा न फेंके। प्रधान का मानना यह है कि नदी के किनारे घाट बननी चाहिए ताकि यहाँ और सफाई रह सके, जिसकी मांग उन्होंने विभाग से भी की है।

क्या है डीएम का कहना ?

चित्रकूट के डीएम शुभ्रकांत कुमार शुक्ला का कहना है कि पिछले साल मुख्यमंत्री योगी ने बाल्मीकि नदी के सुंदरीकरण के लिए बजट पेश किया था जसके बाद यहाँ विकास कार्य शुरू भी करवा दिया गया था, लेकिन आसपास रह रहे ग्रामीण नदी के आसपास गंदगी कर देते हैं। उनका कहना है कि कई बार कर्मचारियों ने ग्रामीणों को नदी के आसपास और नदी के अंदर कचरा फेंकने से मना किया लेकिन लोग अभी भी साफ़-सफाई का महत्त्व नहीं समझ पाए हैं। उन्होंने बताया कि लोग प्लास्टिक के साथ-साथ खाने-पीने का सामान, सूखे फूल-पत्ते, घर का सूखा और गीला कचरा सब कुछ नदी में ही डाल दिया जाता है। उनका कहना है कि हम सभी को अपनी प्राकृतिक धरोहरों की हिफाज़त करने की ज़रुरत है और यह किसी एक व्यक्ति के आगे आने से नहीं होगा, हम सभी को मिलकर प्रकृति को बचाने में अपना योगदान देना होगा।

इस खबर को खबर लहरिया के लिए सहोद्रा द्वारा रिपोर्ट किया गया है।

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