खबर लहरिया चित्रकूट चित्रकूट: नहीं बनी सड़क, प्रसव के दौरान झोली में अस्पताल का सफर तय करतीं हैं महिलाएं

चित्रकूट: नहीं बनी सड़क, प्रसव के दौरान झोली में अस्पताल का सफर तय करतीं हैं महिलाएं

जहाँ एक तरफ मंत्री, नेता विकास भारत के विकास का दावा करते हैं। हमें हर सुख सुविधा पहुंचाने, बेहतर स्वास्थ्य के लिए अस्पताल खुलवाने और हमारे भविष्य को उज्जवल बनाने के लिए आए दिन नयी योजनाओं का उदघाटन भी किया जाता है। लेकिन इन सब के बावजूद आज भी देश की आधी से ज़्यादा आबादी बुनियादी मानवाधिकारों से वंचित है। आज हम आपको हमारे देश की एक ऐसी सच्चाई से रूबरू करवाने वाले हैं, जिसे सुनकर शायद आप भी सोचने पर मजबूर हो जाएंगे।

हाल ही में हम पहुंचे चित्रकूट ज़िले के मानिकपुर ब्लॉक के गाँव गढ़चपा, इस गाँव में दूर-दूर तक सड़क का नामोनिशान नहीं है। लोगों को अस्पताल तक पहुँचने के लिए लगभग 5 किलोमीटर का पैदल सफर तय कर पहाड़ियों, ढलानों और पथरीले रास्तों से होकर गुज़ारना पड़ता है। गढ़चपा में हाल ही में एक महिला को प्रसव के दौरान अस्पताल पहुंचाने के लिए उसके परिवार को कपड़े की डोली बनानी पड़ी और घंटों का सफर तय कर उसे मानिकपुर स्वास्थ्य केंद्र पहुँचाया, लेकिन इसी बीच महिला ने अपने बच्चे को जन्म दे दिया और समय पर अस्पताल न पहुँच पाने के कारण नवजात शिशु ने दम तोड़ दिया।

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गाँव की एक महिला ने बताया कि हाल ही में जब डिलिवरी के लिए उन्हें अस्पताल ले जाने का समय आया तब कोई भी एम्बुलेंस गाँव में आने को तैयार नहीं थी,जिसके बाद महिला के परिवार वाले डोली में लेकर घंटों पैदल सफर तय करके अस्पताल पहुंचे, लेकिन अस्पताल पहुँचते-पहुँचते महिला की डिलिवरी हो गयी और उसके नवजात शिशु की भी मृत्यु हो गई।

मानिकपुर ब्लॉक के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के अधीक्षक राजकुमार ने बताया कि ज़िले में ऐसे कई गाँव हैं जहाँ एम्बुलेंस नहीं पहुँच पाती। बच्चों के टीका लगाने के लिए, गर्भवती महिलाओं को दवाई देने के लिए डॉक्टरों की टीम समय-समय पर इन गावों में जाती रहती है। लेकिन प्रसव के दौरान महिलाओं के परिवारों को खुद ही किसी का वाहन का इंतज़ाम कर उन्हें अस्पताल तक लाना पड़ता है।

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पी डब्ल्यू डी के सहायक अभियंता के. एस. गौतम का कहना है कि 2011 में इस गाँव की आबादी करीब 250 थी, और सड़क निर्माण सिर्फ 300 से अधिक आबादी वाली गावों में ही होगा। लेकिन अब वो जांच करवाएंगे और जब भी दोबारा से सर्वे होगा उसके बाद सड़क निर्माण शुरू करवाया जाएगा।

जब विकास न होने के चलते लोगों के जीवन दांव पर लग जाएँ, तो क्या तब भी सरकार और प्रशासन की आँखें नहीं खुलतीं? प्रसव पीड़ा के दौरान सड़क न होने से अनेक दिक्कतों का सामना कर रहीं ग्रामीण महिलाओं का दर्द विभाग देख के भी आखिर क्यों अनदेखा कर रहा है?

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