खबर लहरिया Blog सरकार के सिस्टम की हकीकत, चारपाई पर ले जाया जाता है मरीज़ को

सरकार के सिस्टम की हकीकत, चारपाई पर ले जाया जाता है मरीज़ को

पक्की सड़क न होने से चारपाई पर ले जाया जाता है मरीज़ों को।

DIPLADATED ROAD

सड़क खराब होने की वजह से मरीज़ को चारपाई पर ले जाते हुए लोग

सरकार के वादे तो अक्सर झूठे देखे जाते हैं किन्तु इन झूठे वादों से आम आदमी के लिए एक नया संकट पैदा हो जाता है। सरकार के तमाम दावों के बाद भी प्रदेश में बहुत से ऐसे इलाके हैं जहाँ लोग सुविधाओं के लिए तरस रहें हैं। सुविधाएँ न उपलब्ध होने से लोगो को प्रतिदिन एक नयी परेशानी का सामना करना पड़ता है। ताज़ा मामला देवास जिले से सामने आया है जहाँ सड़क के अभाव में चारपाई पर अस्पताल ले जाया जा रहा है।

जिला देवास, ब्लॉक हटपिपलिया, गाँव भैरूपुरा और ब्रम्हपुरी के लोग सड़क न होने की वजह से लगभग 15 साल से करीब 5 किलोमीटर खराब सड़क से लोगों को आना जाना पड़ता है। कीचड़ भरी सड़क से निकलने के लिए मजबूर हैं। 35 साल के राजेश ने बताया कि 2 जुलाई 2021 को पूजा पत्नी मोहन गर्भवती थी। उसको प्रसव पीड़ा होने लगी तो गाँव के लोगो की मदद से डिलेवरी के लिए चारपाई से अस्पताल ले जाया गया था, क्योंकि परिवार वाले सब मजदूरी करने चले गए थे। गाँव की आबादी लगभग ढ़ाई सौ है। रास्ता खराब होने की वजह से कीचड़ भरा रहता है, जिससे न कोई साधन आता है न जाता है, यहाँ तक की मोटरसाइकिल और साइकिल से भी निकलना मुश्किल हो जाता है। बच्चे स्कूल भी समय से नही पहुँच पाते है।

राजेश ने यह भी बताया कि एक साल पहले गांव की एक बुजुर्ग महिला बीमार थी। अस्पताल ले जाते समय रास्ते में ही उसकी मौत हो गई थी। यह रास्ता खराब होने की वजह से गाँव मे कोई साधन भी नही चलता। फोन करने पर न ही कोई एम्बुलेंस आती हैं। सड़क जो लोगों की मूलभूत सुविधाओं में से एक है पर सड़क के अभाव में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

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कीचड़ भरी सड़क से दो गाँव का है आवागमन

इस सड़क से दो गाँव भैरूपुरा और ब्रम्हपुरी के लोग आते जाते है। हर साल यह सड़क चुनावी वादों का मुद्दा भी बनती है नेता विधायक भी आते हैं और आश्वासन देकर चले जाते हैं। प्रशासन से भी कई बार सड़क बनवाने की शिकायत की पर आज तक कोई सुनवाई नही हुई। हर साल बरसात के समय ऐसी स्थिति आती है। अगर रात में कोई बीमार हो जाता है तो चारपाई में लेटा कर दूसरे गांव अस्पताल ले जाना पड़ता है। रास्ता खराब होने की वजह से कई बार लोग रास्ते में ही दम तोड़ देते हैं।

यह सिर्फ एक जिले या एक गाँव की समस्या नहीं है ऐसे कई जिले और गाँव हैं जहाँ सड़क के अभाव में मरीज दम तोड़ रहे हैं। चित्रकूट जिले का ब्लाक रामनगर गांव बेलरी और बराछी गाँव यहाँ से आने जाने के लिए तीन किलोमीटर सड़क और पुल नहीं बना है जिससे लोगों को आने जाने में बहुत परेशानी होती है। चार महीना लोग नाव से निकलते हैं। कई बार अधिकारी और विधायक को लिखित और मौखिक सूचना दिया पर कुछ नही होता है। जब लोग बीमार हो जाते हैं तो तीन किलो मीटर चारपाई पर ले जाते हैं। कई लोगों की इस तरह की स्थिति में जान भी जा चुकी है।

बेलरी गाँव की सुन्दी ने बताया कि बच्चे पढ़ने जाते हैं तो डूब जाते हैं, नाव से गिर जाते हैं। हफ्तों तक स्कूल नहीं जा पाते हैं। बारिश के समय में 5 महीना यहाँ नाव चलती है। बिना चप्पल पहने लोगों को चलना पड़ता है तो उँगलियों के बीच सड़न पैदा हो जाती है। रामकेश जो बेलरी के निवासी हैं उन्होंने बताया कि डेढ़ साल पहले

एक महिला की मौत हो चुकी है। प्रसव पीड़ा से परेशान महिला को लोग चारपाई से ले तो गये लेकिन रास्ते में पानी के भराव के चलते समय से पहुँच नहीं पाई और उसकी मौत हो गई। इस तरह की स्थिति से लोग गुजर रहे हैं लेकिन कोई सुधार नहीं हुआ। लोग एक अंदाज से निकलते हैं।

योजनाओं का हो रहा बंटरबाँट

निलेश ने हमें बताया कि 2020 के बरसात में एक युवक को सर्प ने काट लिया था। पानी के बीच से चारपाई पर लेकर गये लेकिन रास्ते में ही मौत हो गई। निलेश का आरोप है की कोई भी योजना यहाँ आती है तो सब आपस में बंटरबाँट कर लेते हैं। जब भी समस्या लेकर जाओ तो सिर्फ आश्वासन मिलता है। अनिरुद्ध छात्र ने बताया कि जब पानी भर जाता है तो वह नाव से जाते हैं। अगर पैसा नही है तो कपड़ा उतारकर तैरकर जाते हैं।

खराब सड़क से होती परेशानियों पर रिपोर्ट

ऐसा ही मामला जिला ललितपुर, ब्लाँक महरौनी, गांव टपरन पठा को जोड़ने वाली सड़क का है जिससे छह गांव के लोग निकलते हैं लेकिन सड़क की हालत बहुत ही दयनीय है। रामराजा पटेल ने बताया कि सड़क न होने की वजह से यहाँ के बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे हैं। पढ़ाई से वंचित हैं। बरसात में दिक्कत होती है एम्बुलेंस नहीं आ पाती है। चारपाई पर लिटाकर लोगों को ले जाना है। तारा निवासी टपरन पठा ने बताया कि चुनाव के समय लोग कहते हैं ये करवा देंगे वो करवा देंगे लेकिन कुछ होता नहीं है।

जिला चित्रकूट ब्लॉक रामनगर गांव बेलरी और बराछी, यहां से आने-जाने के लिए न तो पुल है और न ही सड़क। यहां के लोग चार महीने नाव से निकलते हैं। लोगों द्वारा यहां के अधिकारी और विधायक को भी कई बार लिखित सूचना दी पर कुछ नहीं हुआ। जब लोग बीमार पड़ते हैं तो तीन किलोमीटर तक मरीज़ को सड़क सही न होने के कारण चारपाई पर लेकर जाया जाता है।

वहीं अगर किसी महिला को प्रसव के लिए लेकर जाना हो तब भी उन्हें इसी तरह की समस्या का सामना करना पड़ता है। बरसात के मौसम में तो लोगों और बच्चों को नाव से जाना पड़ता है। रोज़ाना नाव का खर्चा उठा पाना उनके लिए मुश्किल पड़ता है। ऐसा तो नहीं है कि यह समस्या अधिकारीयों से छिपी है। लोगों द्वारा शिकायतें करने पर भी अधिकारी उन्हें नज़रअंदाज़ कर देते हैं।

जिला ललितपुर ब्लॉक महरौनी गाँव खिरिया लटकन्जू के लोगों का कहना है कि रास्ता बंद होने की वजह से उन्हें काफ़ी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। मोहल्ले में तकरीबन 50 लोगों का परिवार रहता है। लगभग 20 सालों से गाँव की सड़क बंद है और लोग मुश्किलों से रास्ता पार करते हैं। प्रधान से शिकायत करने पर भी समस्या का निपटारा करने के लिए कोई भी कदम नहीं उठाया जाता। लोगों का कहना है कि जब चुनाव का समय होता है तो वोट के लिए रास्ता प्रधान द्वारा कुछ समय के लिए रास्ता खुलवा दिया जाता है। लोगों की मांग है कि गांव के रास्ते को खुलवा दिया जाए ताकि लोगों को परेशानी का सामना ना करना पड़े।

इस मामले में गाँव के प्रधान अच्छे लाल कुशवाहा ने बताया है कि वहा किसी ने कब्जा कर के घर बना लिया जिससे जगह नहीं मिल रही है रास्ता की इस बारे में आगे अधिकारिओ को अवगत कराया गया है

कहते हैं कि गांवो में विकास देरी से आता है। लेकिन इस गांव में तो 20 सालों के बाद भी विकास का नामोनिशान नहीं है। पक्की सड़क होना, किसी भी गांव के विकास में पहला कदम माना जाता है। आखिर इन समस्याओं पर स्थानीय स्तर पर प्रशासन का ध्यान क्यों नहीं जाता?

तो देखा आप सबने किस तरह से लोगों को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। शिकायत करने के बाद भी सुनवाई नहीं होती है। नेता विधायक तो कभी एक या दो बार गाँव में जाते होंगे लेकिन वहां की जनता वो तो दिन रात वहां निवास करती है। फिर क्यों नहीं ध्यान दिया जाता? क्यों तमाम वादों के बाद भी विकास नहीं किया जाता है? सरकार के वादे झूठे साबित हो रहे हैं।

इस खबर की रिपोर्टिंग चंबल स्टूडेंट्स  ( गायत्री/ छात्रा चम्बल एकेडमी) और खबर लहरिया रिपोर्टर्स द्वारा की गयी है। 

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