खबर लहरिया क्राइम चित्रकूट: नबालिग से बलात्कार किया गर्भवती, समाज कर रहा है काना-फूसी

चित्रकूट: नबालिग से बलात्कार किया गर्भवती, समाज कर रहा है काना-फूसी

रेप के बाद लड़कियों को गर्भवती होकर और मां बन जाने के बाद सामाजिक, मानसिक और शारीरिक रूप से जो प्रताड़ना दी जाती है वह बहुत गम्भीर है। इस बारे में न ही हमारा समाज सोचता है और न ही परिवार बल्कि उसको इज़्ज़त से जोड़कर जो पहले से ही प्रताड़ित है उसको और जुल्म की खाएं में ढकेला जाता है। हमारी सरकार इस मामले में बहुत बाते करती हैं, नियम और कानून बनते हैं। नारे बाजी भाषण बाजी होती है लेकिन इन सबकी हकीकत कुछ और ही होती है। कुछ ऐसे ही दो मामलों को हमने कवरेज किया।

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चित्रकूट जिले के कर्वी कोतवाली अंतर्गत एक गांव की महिला बताती है कि उसकी तेरह साल की लड़की का रेप करीब 35 साल के पड़ोसी व्यक्ति ने किया। लड़की के अनुसार बलात्कार के आरोप में जेल गए उस व्यक्ति ने लड़की का दो बार रेप किया। लड़की के रोने चीखने पर उसके मां बाप भाई को जान से मारने की बात करता था। उसको किसी भी बहाने से घर बुलाता और ये घिनौने हरकत करता। उस लड़की का पेट बढ़ रहा था। गांव की महिलाओं ने उसके पेट को लेकर टोकना शुरू किया। गांव में काना फूसी होने लगी तब उसने अपनी बेटी से पूंछना शुरू किया। मारे डर के लड़की नहीं बता रही थी लेकिन बुरी तरह से मार खाने के बाद लड़की ने बताया। पुलिस थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई और वह व्यक्ति अब जेल में है।

इधर लड़की को जब प्रसव पीड़ा हुई तो समय रहते एम्बुलेंस न पहुंच पाने के कारण अस्पताल समय रहते नहीं पहुंची। बच्चा मरा पैदा हुआ। लड़की जो अब मां बन चुकी है इतनी कम उम्र में उसकी तबियत खराब है। जब हम रिपोर्टिंग करने पहुंचे तो वह जमीन पर बेसुध लेटी थी। सुबह के दस बज रहे थे उसने दातून तक नहीं किया था। लड़की की मां से पूंछने पर पता चला कि वह नहीं बीमार है।

पुष्पा शर्मा, नेतृत्व समूह, मानवाधिकार इकाई वनांगना का कहना कि कोरोना महामारी और लॉक-डाउन के चलते महिलाओं से कहीं ज्यादा केस लड़कियों के सामने निकलकर आये हैं। ऐसे में जब लड़कियों को रेप की दुर्घटना का सामना करने के बाद भी वह अपने भविष्य, कैरियर को लेकर समाज और घर परिवार से प्रताड़ित की जाती है तब वह उनके परिवारों की डीलिंग करते हैं। पुलिस का काम है कार्यवाही कर देना और जैसे ही वह केस अदालत में जाता हैं तो मानो पुलिस की कार्यवाही पूरी। लेकिन तब उनकी और उनके संस्था की जिम्मेदारी ज्यादा बढ़ जाती है।

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