खबर लहरिया Blog चित्रकूट : पुलिस पर लगा डाकुओं के गिरोह का आदमी बता गोली मारने का आरोप, पुलिस ने कहा मृत था नामजद आरोपी

चित्रकूट : पुलिस पर लगा डाकुओं के गिरोह का आदमी बता गोली मारने का आरोप, पुलिस ने कहा मृत था नामजद आरोपी

चित्रकूट पुलिस पर आरोप है कि आम व्यक्ति को डाकुओं के गिरोह का सदस्य बताकर गोली मारी गयी है। वहीं पुलिस का कहना है कि व्यक्ति नामजद आरोपी था।

चित्रकूट : पुलिस पर लगा डाकुओं के गिरोह का आदमी बता गोली मारने का आरोप, पुलिस ने कहा मृत था नामजद आरोपी

चित्रकूट पुलिस टीम

उत्तरप्रदेश का चित्रकूट जिला जितना उसकी धार्मिक नगरी के लिए मशहूर है। उसके इतिहास में उतना ही वहां के डाकुओं का भी ज़िक्र हुआ है। बड़े-बड़े डाकुओं ने पाठा के जंगलों में राज किया है। ज़्यादातर डाकू अपहरण की फिरौती लेकर व्यक्ति को छोड़ देते थे। डाकू कहां से आये। वह कैसे बने। इन सबका एक बहुत बड़ा इतिहास है।

जैसा की हम फिल्मों में देखते हैं कि राजनीतिक पार्टियां अपना वोट बैंक बढ़ाने के लिए डाकुओं का समर्थन करती हैं। जिसमें पुलिस का भी सहयोग दिखाई देता है। जहां डाकू होने के शक में आम और गरीब व्यक्ति को मार दिया जाता है। फिल्मों से हटकर एक ऐसा ही मामला पाठा के क्षेत्र में देखने को मिला है।

चित्रकूट के पड़वनिया थाना नयागाँव जिला सतना थाना में 31 मार्च के दिन पुलिस मुठभेड़ में भालचंद्र यादव नाम के व्यक्ति की मौत हो गयी।

झूठा मामला दर्ज़ कर बताया डाकू फिर मारी गोली – मृतक के पिता का आरोप

चित्रकूट : पुलिस पर लगा डाकुओं के गिरोह का आदमी बता गोली मारने का आरोप, पुलिस ने कहा मृत था नामजद आरोपी

मृतक का परिवार

मृत भालचंद्र यादव के पिता राम अवतार यादव का कहना है कि भालचंद्र और उसका भाई लालचंद्र दोनों सतना कोट गए थे। वह दोनों वहां से वापस आ ही रहे थे कि पुलिस ने उन्हें पकड़ लिया। वह पुलिस पर आरोप लगाते हुए कहते हैं कि पुलिस द्वारा जंगल में मुठभेड़ दिखाकर उसके बेटे को मारा गया है। जबकि उसके पास न तो कोई औज़ार थे और न ही कोई तमंचा या कारतूस।

वह कहते हैं कि उनके एक बेटे को तो पुलिस ने मार दिया। लेकिन दूसरे का कुछ पता नहीं चल रहा। पुलिस भी कुछ नहीं बता रही।

राम अवतार कहते हैं,“कहां गाँव पड़वनिया थाना नया गाँव जिला सतना और कहाँ माड़ो बांध। बहिलपुरवा पुलिस ने अचानक कुछ महीने पहले बताया कि तुम्हारे बेटे भालचंद्र पर 25 हज़ार रुपयों का इनाम है। तब हमें पता चला और हमने उसे तुरंत हाज़िर कर दिया था। फिर छूट गया था। मिली तारीखों को सतना जाता था।”

वह आगे कहते हैं कि उसके छह बच्चे हैं। उन्हें कौन देखेगा? उनका भरन-पोषण करेगा? उनका बेटा मज़दूरी करता था तो जैसे-तैसे घर चलता था। ” मैं बूढ़ा आदमी हूँ। कैसे ये ज़िम्मेदारी उठाऊंगा। मेरे दो बेटे आज पुलिस की वजह से मेरे पास नहीं है।”

राम अवतार पुलिस पर आरोप लगते हुए कहते हैं, उनका बेटा तो मनरेगा में काम करता था। उस पर झूठा केस बनाकर उसे डाकुओं के गिरोह का आदमी बताया गया और उसके बेटे को मार दिया गया।

रिश्तेदार ने कहा – पिटाई के बाद मारी गोली

राम अवतार के रिश्तेदार देलयांत का कहना है कि भालचंद्र सीधा-साधा आदमी था। उसके शरीर पर चोट के निशान थे। जैसे पहले उसे पकड़ा हो। फिर मारा हो और बाद में ले जाकर जंगल में गोली मारी हो।

चुनाव को बाधित करने को लेकर मिली सूचना के बाद हुई गोलीबारी – एसपी मित्तल

एसपी अंकित मित्तल का कहना है कि उन्हें चित्रकूट के बहिलपुरवा थाने से सूचना मिली थी कि कुछ बदमाश पंचायती चुनाव को बाधित करने के लिए योजना बना रहे हैं। सूचना के आधार पर उनकी टीम वहां पहुंची और मौजूदा अभियुक्तों को आत्मसमर्पण करने के लिए कहा। लेकिन अभियुक्तों द्वारा पुलिस पर गोलीबारी की गयी। जिसके बाद बचाव में पुलिस टीम ने भी सामने से फायरिंग की। जिसमें भालचंद्र नाम के व्यक्ति को गोली लगी। उसे जिला अस्पताल लेकर जाया गया। जहां उसे इलाज के बाद मृत घोषित किया गया। बाकी के फरार आरोपियों की तलाश की जा रही है।

व्यक्ति के जेब में मिले पहचान पत्र से पता चला कि उसका नाम भालचंद्र यादव है। जो की एमपी सतना जिले का रहने वाला है।

चित्रकूट थाने का नामी अपराधी था – एसपी मित्तल

एसपी अंकित मित्तल ने बताया कि भालचंद्र चित्रकूट के बहिलपुरवा थाने का वांचित अपराधी था। जिस पर 25 हज़ार रुपयों का नामी इनाम भी था। जब फॉरेस्ट गार्ड से बात की गयी तो पता चला कि वह गौरी यादव का रिश्तेदार था।

आपकी जानकारी के लिए बता दें,गौरी गैंग चित्रकूट में डाकुओं का एक गिरोह है।

मामले को लेकर चित्रकूट पुलिस द्वारा ज़ारी प्रेस नोट

31 मार्च को चित्रकूट पुलिस द्वारा ज़ारी प्रेस नोट में बताया गया कि मृत भालचंद्र के कब्ज़े से 315 बोर की लाइसेंसी रायफल, 21 ज़िंदा व खोखा कारतूस और एक मोटर साइकिल MP 19 MU 9643 बरामद हुए हैं। एसपी अंकित मित्तल की टीम द्वारा गौरी गैंग को लेकर ऑपरेशन क्लीन चलाया जा रहा था।

31 मार्च को एसटीएफ और जनपदीय स्वाट टीम को थाना बहिलपुरवा के अंतर्गत माड़ो बांध के पास 1 लाख 50 हज़ार के इनामी डकैत गौरी यादव और उसके गैंग के बारे में पता चला। जो की अपने सदस्यों के साथ पंचायत चुनाव को बाधित करने की रणनीति बना रहा था।

प्रेस नोट के अनुसार,”पुलिस मुठभेड़ एवं अवैध शस्त्र बरामदगी के सम्बन्ध में थाना बहिलपुरवा में मु0अ0सं0 25/2021 धारा 147/148/149/504/307 भादवि0 व 12/14 डीएए एक्ट व 03/25 आर्म्स एक्ट पंजीकृत किया गया।”

मुठभेड़ में शामिल टीम

एसटीएफ की टीम

1. उ0नि0 श्री अमित कुमार तिवारी एसटीएफ
2. उ0नि0 श्री संतोष कुमार सिंह
3. मुख्य आरक्षी उमाशंकर
4. आरक्षी भूपेन्द्र सिंह
5. आरक्षी शिवानन्द शुक्ला

जनपदीय स्वाट टीम

1. प्रभारी स्वाट टीम निरीक्षक श्री श्रवण कुमार सिंह
2. उ0नि0 श्री अनिल कुमार साहू
3. मुख्य आरक्षी रईस खान
4. आरक्षी धर्मेन्द्र कुमार वर्मा

एक तरफ परिवार द्वारा यह कहा जा रहा है कि पुलिस द्वारा गलत आरोप में उनके बेटे को मारा गया। वहीं पुलिस द्वारा मारे गए अपराधी को लेकर सूचना के आधार पर सबूत भी पेश किये गए। लेकिन गौरी गैंग का रिश्तेदार होना और उसके गिरोह में शामिल होने को लेकर पुलिस द्वारा कोई स्पष्ट सबूत नहीं दिखाए गए हैं।

इस खबर को खबर लहरिया के लिए नाज़नी रिज़वी द्वारा रिपोर्ट किया गया है।