खबर लहरिया Blog चित्रकूट – लटकती तारों से बढ़ा जान का खतरा, बिजली विभाग देखकर भी चुप

चित्रकूट – लटकती तारों से बढ़ा जान का खतरा, बिजली विभाग देखकर भी चुप

लटकती तारों की वजह से टीकमगढ़ जिले में रहने वाले लोगों पर जान का खतरा मंडरा रहा है। लोगों का आरोप है कि अधिकारीयों से शिकायत करने पर भी उनकी समस्याओं को नज़रअंदाज़ किया जा रहा है।

चित्रकूट - लटकती तारों से बढ़ा जान का खतरा, बिजली विभाग देखकर भी चुप

गाँव में लटकती तारें

चित्रकूट जिले के कस्बा कर्वी के खटिकाना और कजियाना वार्ड नंबर 24 में नंगी तारें लटकी हुई हैं। जिससे लोगों पर हर समय खतरा मंडराता रहता है। खटिकाना के रहने वाले स्थायी लोगों के अनुसार यहां अकसर बिजली के तारों में आग लग जाती है। तारें हर जगह लटकी हुईं है। जो तारें दीवारों से चिपकी हुई होती हैं। उस समय जब बारिश होती है तो तारों की वजह से दीवार से करंट भी आता है।

कई बार लोगों ने मिलकर बिजली विभाग में लिखित और मौखिक तौर पर शिकायतें भी की। लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।

“छोटी जाति के हैं इसलिए नहीं सुनते” – लोगों का आरोप

चित्रकूट - लटकती तारों से बढ़ा जान का खतरा, बिजली विभाग देखकर भी चुप

गाँव के निवासी

लोगों का आरोप है कि “क्योंकि खटिकाना में ज़्यादातर जमादार और खटिक जाति के लोग रहते हैं। इसलिए हमारी सुनवाई नहीं होती क्योंकि हम तो इंसान होते ही नहीं हैं। मरें या जीयें, अधिकारियों को क्या फर्क पड़ता है।”

वह आगे कहते हैं,”अगर यहां भी बड़ी जाति के लोग होते तो सुनवाई होती। ये टूटे-फूटे लटकते तार कब के हटा दिए होते। हम तो डर-डर कर जीतें हैं। बारिश होने पर बहुत डर लगता है।”

नगरपालिका और बिजली विभाग से की शिकायत – कजियाना निवासी

दूसरे मोहल्ले के कजियाना के वार्ड नंबर-24 की रहने वाली निवासी सुनीता,ममता,रामकली, सुरेश और राहुल के अनुसार उन्होंने कई बार बिजली विभाग और नगरपालिका से तार बदलने के लिए शिकायत की। कहा कि लटकती तारों से बहुत खतरा है।

लटकती तारों से कितनी बार लोगों के छप्पर टूट कर गिर चुके हैं। लोग कहते हैं कि यह तो अच्छा था कि वे लोग उस समय जाग रहे थें। वे जल्दी से बच्चों को लेकर बाहर की ओर भागे। नहीं तो कुछ भी हो जाता। अगर सोते समय तार गिर जाता तो करंट फैल जाता। जिससे सबकी मौत हो सकती थी।

फ़ोन करने पर भी तार नहीं बदलते

लोगों की शिकायत है कि ऐसा कई बार हुआ। जब तार गिरता है तो बिजली विभाग को फोन करते हैं। फिर लाइनमैन आकर वही तार दोबारा जोड़कर चला जाता है। दूसरा तार नहीं बदलता।

तारें लगभग 15 सालों से यूंही लटक रही हैं। खड़े होते हैं तो तार सिर को छूती हैं। छोटे-छोटे बच्चे भी लटकती तारों के नीचे खेलते हैं। लोग कहते हैं कि शायद अधिकारी किसी अनहोनी के होने का इंतज़ार कर रहे हैं। जब कोई बड़ा हादसा होगा, उसी दिन तार बदला जाएगा।

सब कोशिश कर ली,कुछ नहीं हुआ – निवासी

वार्ड नंबर 24 में रहने वाले इमरान कहते हैं कि वह तीन साल से लगातार कोशिश कर रहे हैं। वह सभी को लेकर डीएम के पास भी गए थे। उनकी तरफ़ से आश्वासन भी दिया गया था। लेकिन आज तक कोई काम नहीं हुआ। तार ज्यों की त्यों ही हैं। अब उन्हें नहीं लगता कि तार बदली जाएंगी क्योंकि उन्होंने हर तरह से कोशिश कर ली। लेकिन अधिकारियों पर कोई फर्क ही नहीं पड़ता।

सर्वे के बाद होगा काम – बिजली विभाग अधिकारी

खबर लहरिया ने बिजली विभाग के पूर्व ई.एन और वर्तमान अधिकारी हाकिम सिंह से लोगों की समस्याओं के बारे में बात की। जिसे लेकर उनका कहना था कि उन्हें मामले को लेकर कोई जानकारी नहीं थी। अब उनके द्वारा जल्द ही सर्वे करवाकर तारों को बदलवाया जाएगा। अगर सर्वे में और भी किसी समस्या के बारे में पता चलेगा तो उसे भी ठीक कराया जाएगा।

यह कोई पहला मामला नहीं है, जहां लोग लटकती तारों से परेशान हैं। यूपी और एमपी के ऐसे ही कई और जिले हैं जहां लटकती तारों की वजह से बहुत से किसानों की फसलें जल गयीं तो किसी ने अपनी जान गवां दी। पूरे मामले में बिजली विभाग की लापरवाही पूर्ण रूप से दिखी। लेकिन फिर भी उनके द्वारा तारों को न तो बदलवाया गया, न ही उसे ठीक किया गया। अगर नंगी तारों की वजह से कोई दुर्घटना होती है तो क्या बिजली विभाग लोगों को मुआवजा देगी? अगर पूरे मामले में बिजली विभाग की गलती साबित होती है तो उसे किसके द्वारा और क्या सज़ा दी जाएगी? सज़ा दी जाएगी भी या नहीं, यह भी सवाल रहेगा।

इस खबर को खबर लहरिया के लिए नाज़नी रिज़वी द्वारा रिपोर्ट किया गया है।