खबर लहरिया Blog चित्रकूट: पत्रकारों की टोली बनी गरीबों के लिए मसीहा, रिपोर्टिंग के साथ कर रहे राशन वितरण

चित्रकूट: पत्रकारों की टोली बनी गरीबों के लिए मसीहा, रिपोर्टिंग के साथ कर रहे राशन वितरण

चित्रकूट ज़िले के भी कुछ पत्रकार कोरोना महामारी के दौरान शहर में कवरेज करने के साथ-साथ अब इस महामारी के बारे में लोगों को जागरूक करने और लोगों की मदद करने का भी काम कर रहे हैं। 

पत्रकारों को समाज का चौथा स्तंभ और समाज का आइना भी कहा जाता है, लेकिन आजकल जिस हिसाब से ज़्यादातर पत्रकार पैसों के लोभ के कारण सिर्फ एक तरफ़ा रिपोर्टिंग करते हैं, जिसके कारण लोगों के सामने उनकी छवि खराब होती जा रही है और जनता का पत्रकारिता से भरोसा उठता जा रहा है। लेकिन इस बीच अभी भी कुछ पत्रकार ऐसे हैं जो अपने कर्तव्यों को समझते हैं और उन्हें बखूबी निभाते भी हैं। चित्रकूट ज़िले के भी कुछ पत्रकार कोरोना महामारी के दौरान शहर में कवरेज करने के साथ-साथ अब इस महामारी के बारे में लोगों को जागरूक करने और लोगों की मदद करने का
भी काम कर रहे हैं।

पत्रकारों की इस टोली में परहित सेवा संस्थान के प्रबंधक एवं पत्रकार अनुज हनुमत, हेमनारायण द्विवेदी , सचिन वन्दन और शंकर दयाल गर्ग शामिल हैं जो हर दिन गाँव की समस्यायों को तो अपने कैमरे में कैद करते ही हैं, इसके साथ ही अब वो ग्रामीणों के दुख दर्द भी बांट रहे हैं और ज़रूरतमंदों के लिए मसीहा बनकर खड़े हैं।

कोरोना का टीका लगवाने के लिए भी कर रहे जागरूक-

पत्रकारों की यह टोली गाँव-गाँव जाकर खाने-पीने का सामन वितरण करने के साथ-साथ लोगों को कोरोना का टीका लगवाने के लिए भी जागरूक कर रहे हैं। यह लोग अब तक करीब 150 परिवारों की मदद कर चुके हैं। ये सब्जी , गेहूँ बांटने के साथ-साथ काढ़ा, मास्क, सैनिटाइज़र, साबुन, सर्फ़ आदि का भी वितरण करते हैं।

चित्रकूट ज़िले का पाठा गाँव जहाँ आज भी लोग डाकुओं के खतरे के कारण जाने से डरते हैं, वहाँ जाकर शहर के पत्रकारों ने न ही सिर्फ कोरोना की स्थिति के ऊपर रिपोर्टिंग करी बल्कि गाँव के ज़रूरतमंद परिवारों की मदद भी करी। इस क्षेत्र के ग्रामीण लकड़ी बेचकर गुज़ारा करते थे लेकिन लॉकडाउन लगने के कारण वो लोग व्यापार करने बाहर नहीं जा पा रहे थे जिसके चलते उनके घर की आर्थिक स्थिति भी दिन पर दिन बिगड़ती जा रही थी। मानिकपुर ब्लॉक के कुछ पत्रकारों ने इन ग्रामीणों की सहायता करने की ठानी और गरीब परिवारों को राशन बांटने आ पहुंचे ताकि लोगों को कुछ राहत मिल सके।

राशन मिलने पर खिल उठे ग्रामीणों के चेहरे-

इन पत्रकारों का कहना है कि हाल ही में हुए पंचायत चुनाव के दौरान तो सभी प्रत्याशी आंतरिक इलाकों में बेस गाँव में भी वोट मांगने आ रहे थे लेकिन अब जब इन ग्रामीणों में वास्तव में प्रधान की सहायता की ज़रुरत है तब कोई इनकी समस्याओं को सुनने नहीं आ रहा और न ही कोई मदद का हाँथ आगे बढ़ा रहा है। इन पत्रकारों को देख कर उन सभी परिवारों के चेहरों पर आशा की लहर दौड़ पड़ी है जो कई दिनों से इस उम्मीद में बैठे थे कि कोई न कोई उनकी सहायता करने या उनके लिए राशन लेकर ज़रूर आएगा।

ज़्यादा से ज़्यादा परिवारों की मदद करने का है लक्ष्य-

परहित सेवा संस्थान के प्रबंधक और युवा पत्रकार अनुज हनुमत ने बताया कि इस समय पूरा देश कोरोना महामारी से जूझ रहा है और इस दौरान न जाने कितने परिवार ऐसे हैं जिनके पास दवा या इलाज तो क्या खाने-पीने तक के पैसे नहीं हैं। अनुज का कहना है कि उनकी टीम का लक्ष्य यही है कि कोई भी परिवार भूखा न सोये और अपनी कोशिशों से वो और उनकी टीम ज़्यादा से ज़्यादा लोगों की सहायता करने के प्रयास में तत्पर हैं। सहायता कार्य में जुड़े पत्रकार हेमनारायण द्विवेदी का कहना है कि यह कठिन समय मानवता की परीक्षा का है जिसमें हर किसी को एक दूसरे की मदद करनी होगी। उन्होंने बताया कि उनकी टोली में प्रतिदिन लोग जुड़ रहे हैं और गरीबों की सहायता करने के लिए आगे आ रहे हैं, जिसके चलते अब इस काम में भी काफी तेज़ी आ गई है।

सोशल मीडिया के माध्यम से कर रहे मदद-

पत्रकार अनुज का कहना है की वो फेसबुक और व्हाट्सऐप के माध्यम से भी कई लोगों की मदद कर रहे हैं। उनकी टीम ने कोविड हेल्प डेस्क के नाम से एक व्हाट्सऐप ग्रुप बनाया है जिसमें ज़िले के कई युवा और व्यापारी जुड़े हुए हैं और ज़रुरत पड़ने पर आर्थिक सहायता भी कर रहे हैं। सोशल मीडिया की सहायता से भी वो ज़्यादा से ज़्यादा लोगों को अपनी इस टोली के बारे में बता पा रहे हैं। अगर किसी को चित्रकूट के ऐसे किसी परिवार के बारे में पता चलता है जिसके पास राशन-पानी नहीं है तो वो सोशल मीडिया के ज़रिये इन पत्रकारों को सूचित कर देता है। जिसके बाद ये लोग तुरंत उन परिवारों की सहायता के लिए खड़े हो जाते हैं।

पत्रकार सचिन वन्दन ने बताया कि हाल ही में उनकी टोली जब खान-पान की सामग्री लेकर ग्राम पंचायत डोडा माफ़ी के बिजहना पुरवा पहुंची तो लोगों ने उन्हें इस नेक काम के लिए आशीर्वाद भी दिया। वहीं टीम के एक और सदस्य पत्रकार शंकर दयाल गर्ग का कहना है कि उनका प्रयास छोटा जरूर है लेकिन वो इसे जारी ज़रूर रखेंगे। इस संकटकाल में इन बेसहारा परिवारों की मदद करके वो चाहते हैं कि देशभर के लोग भी मदद के लिए आगे आ सकें और उनसे प्रेरित हो सकें।

पत्रकारों की ये टोली इस समय पूरे देश के लिए एक प्रेरणा है, इस कठिन समय में और संक्रमण के खतरे के बावजूद भी ये लोगों की मदद के लिए निकल पड़े हैं। उम्मीद है कि इनसे प्रेरित होकर और भी कई लोग गरीबों की सहायता करने के लिए अब आगे आएँगे।

इस खबर को खबर लहरिया के लिए नाज़नी द्वारा रिपोर्ट किया गया है।

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