खबर लहरिया Blog छतरपुर: नहीं मिल रहा पूरा राशन, ग्रामीण को लगाने पड़ रहे रोज़ाना कोटे के चक्कर

छतरपुर: नहीं मिल रहा पूरा राशन, ग्रामीण को लगाने पड़ रहे रोज़ाना कोटे के चक्कर

राशन लेने आए गरीब परिवारों में से कुछ लोगों का आरोप है कि उन्हें कोटे से उस हिसाब से राशन नहीं मिलता है जितना योजना में निर्देशित किया गया है।

कोटे का राशन लेने आये लोग

एमपी के छतरपुर जिले के ब्लॉक पहाड़ी में मौजूद श्रद्धा महिला भंडार कंट्रोल में आज यानी 9 सितम्बर को प्रधानमंत्री द्वारा चलाई जा रही राशन वितरण योजना के अंतर्गत राशन बांटा गया। राशन लेने आए गरीब परिवारों में से कुछ लोगों का आरोप है कि उन्हें कोटे से उस हिसाब से राशन नहीं मिलता है जितना योजना में निर्देशित किया गया है। ग्रामीणों का कहना है कि 1 व्यक्ति पर 5 किलो गेहूं और 5 किलो चावल मिलना चाहिए लेकिन यहाँ ऐसा नहीं होता।

परिवारों को दिया जा रहा आधा राशन-

राशन लेने आए एक व्यक्ति ने हमें बताया कि कभी-कभी मशीन खराब बताकर इन लोगों को लौटा दिया जाता है। ये लोग सुबह से यहाँ लाइन लगाकर खड़े रहते हैं लेकिन जब इनका नंबर आता है तब इन्हें खाली हाँथ वापस लौटना पड़ता है। लोगों का कहना है कि कई बार ऐसा भी होता है कि कोटेदार इन लोगों से नंबर लगाकार घर वापस लौटने को कह देता है, और ये वादा करता है कि जिसका भी नंबर आएगा उसे फ़ोन करके बुला लिया जाएगा लेकिन जब ये लोग वापस आते हैं तब इन्हें राशन नहीं दिया जाता है।

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                                                                                                                               राशन लेने के लिए लगी लम्बी लाइन

कुछ लोगों का आरोप है कि उनके परिवार में 5 सदस्य हैं लेकिन उनको सिर्फ 2 सदस्य का ही गेहूं दिया जाता है। राशन लेने आईं रेशमा का कहना है कि वो पिछले 3 दिनों से कोटे पर राशन लेने के लिए आ रही हैं, लेकिन उन्हें रोज़ाना खाली हाँथ घर वापस लौटना पड़ रहा है। रेशमा का कहना है कि उनके परिवार में 8 सदस्य हैं लेकिन कोटेदार उन्हें सिर्फ 5 किलो गेहूं देने को ही तैयार है। रेशमा ने कई बार कोटेदार से ज़्यादा राशन लेने के लिए बहस करी लेकिन फिर भी अभी तक उन्हें ज़्यादा राशन नहीं दिया गया है।

गरीबों को नहीं मिल पा रहा योजनाओं का लाभ-

जमील खान का कहना है कि इस राशन वितरण योजना के अंतर्गत भी हर जगह पर घोटाला हो रहा है। उन्होंने बताया कि उन्हें सिर्फ गेहूं ही राशन में मिलता है और जब वो चावल और अन्य सामग्री देने की मांग करते हैं, तो उन्हें साफ़ मना कर दिया जाता है। जमील की मानें तो सभी सरकारी योजनाओं का आधे से ज़्यादा पैसा अधिकारी और विभाग के लोगों की जेब में चला जाता है, जिसके चलते इन गरीब परिवारों को उन योजनाओं का लाभ भी नहीं मिल पाता।

इस मामले में जब हमने कोटेदार मुकेश से बात करी तो उनका कहना है कि जिन लोगों के पास आधार कार्ड है, सिर्फ उन्हें लोगों को राशन दिया जाएगा। और जिन लोगों का आधार कार्ड के नंबर कोटे के खाते में चढ़े हुए हैं, उन लोगों को 5 किलो राशन दिया जाएगा। मुकेश का कहना है कि उनके पास जो गेहूं चावल आता है उसे उन्हें मुफ्त बांटने का आदेश है, लेकिन कोटे पर भी इतना राशन नहीं आता कि वो बराबरी से सभी को दे पाएं। इसी कारण उन्हें हर परिवार को आधा राशन ही देना पड़ रहा है। मुकेश ने बताया कि जिस परिवार में 4 सदस्य हैं, उन परिवारों को सिर्फ 2 लोगों को ही राशन मिल रहा है। उन्होंने बताया कि जल्द ही विभाग से पूरा राशन आने की उम्मीद है, जिससे गरीब परिवारों को थोड़ी राहत मिलने की भी उम्मीद है।

इस खबर को खबर लहरिया के लिए अलीमा द्वारा रिपोर्ट किया गया है।

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