खबर लहरिया Blog चांद पर ISRO ने खोज निकाला विक्रम लैंडर

चांद पर ISRO ने खोज निकाला विक्रम लैंडर

शुक्रवार की रात यानी 6 सितम्बर को पूरे देश को तब बड़ा झटका लगा जब लैंडर विक्रम चंद्रमा के सतह पर पहुंचने ही वाला था कि ठीक दो किलोमीटर पहले विक्रम से संपर्क टूट गया। इसरो के मुख्यालय में उस वक्त सभी वैज्ञानिकों के चेहरे पर निराशा साफ दिख रही थी। इसका ऐलान करते हुए इसरो चीफ ने कहा कि चंद्रमा की सतह से 2.1 किमी पहले तक लैंडर प्लानिंग के अनुसार काम कर रहा था। लेकिन, उसके बाद उससे संपर्क टूट गया। लेकिन, वैज्ञानिकों का मानना है कि चांद की अधूरी यात्रा में भी भारत ने एक बड़ी जीत हासिल की हैअगर सब कुछ ठीक रहता तो भारत दुनिया का पहला देश बन जाता जिसका अंतरिक्षयान चंद्रमा की सतह के दक्षिणी ध्रुव के करीब उतरता

 

इससे पहले अमरीका, रूस और चीन ने चन्द्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैन्डिंग करवाई थी लेकिन दक्षिण ध्रुव पर नहीं कहा जा रहा है कि दक्षिण ध्रुव पर जाना बहुत जटिल था इसलिए भी भारत का मून मिशन चन्द्रमा की सतह से 2.1 किलोमीटर दूर रह गयाचंद्रयान-2 जब चंद्रमा की सतह पर उतरने ही वाला था कि लैंडर विक्रम से संपर्क टूट गया

प्रधानमंत्री मोदी भी इस ऐतिहासिक क्षण का गवाह बनने के लिए इसरो मुख्यालय बेंगलुरू पहुंचे थे लेकिन आख़िरी पल में चंद्रयान-2 का 47 दिनों का सफ़र अधूरा रह गया

 

देश-विदेश के वैज्ञानिकों का मानना है कि विक्रम लैंडर से भले भारत को निराशा मिली है लेकिन यह मिशन नाकाम नहीं रहा है, क्योंकि चंद्रयान-2 का ऑर्बिटर चांद की कक्षा में अपना काम कर रहा है इस ऑर्बिटर में कई साइंटिफिक उपकरण हैं और अच्छे से काम कर रहे हैं

 

इसरो को चांद पर विक्रम लैंडर की स्थिति का पता चल गया है। और ऑर्बिटर ने थर्मल इमेज कैमरा से उसकी तस्वीर ली है। हालांकि, उससे अभी कोई संचार स्थापित नहीं हो पाया है। ये भी खबर है कि विक्रम लैंडर लैंडिंग वाली तय जगह से 500 मीटर दूर पड़ा है। चंद्रयान-2 के ऑर्बिटर में लगे ऑप्टिकल हाई रिजोल्यूशन कैमरा ने विक्रम लैंडर की तस्वीर ली है।

 

अब इसरो वैज्ञानिक ऑर्बिटर के जरिए विक्रम लैंडर को संदेश भेजने की कोशिश कर रहे हैं ताकि, उसका कम्युनिकेशन सिस्टम ऑन किया जा सके। इसरो प्रमुख के सिवन ने बताया कि हमें विक्रम लैंडर के बारे में पता चला है, वह चांद की सतह पर देखा गया है। ऑर्बिटर ने लैंडर की एक थर्मल पिक्चर ली है लेकिन अभी तक कोई संचार स्थापित नहीं हो पाया है हम संपर्क करने की कोशिश कर रहे हैं

 

चंद्रयान -2 के लैंडर विक्रम के कदम भले ही चांद की सतह को छूने से पहले ठहर गए हों। लेकिन, अभी भी देश की उम्मीदें खत्म नहीं हुई हैं। पूरे देश एक स्वर में बोल रहा है कि ISRO हम तुम्हारे साथ हैं।

लेकिन वहीं दूसरी तरफ क्विंट हिंदी द्वारा पब्लिश किया गया कश्मीर के फैजान बुखारी का वैज्ञानिक के नाम खुला खत एक अलग कहानी व्यक्त कर रहा है