खबर लहरिया चित्रकूट चित्रकूट जिले में 121 एचआईवी पॉजिटिव केस लेकिन डॉक्टर नहीं, कैसे होगा इलाज?

चित्रकूट जिले में 121 एचआईवी पॉजिटिव केस लेकिन डॉक्टर नहीं, कैसे होगा इलाज?

“सावधानी हटी दुर्घटना घटी” यह शब्द एड्स की बीमारी के लिए बिलकुल सही साबित होते हैं। आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी और अनैतिक संबंधों की बाढ़ में यह बीमारी और भी तेजी से फैल रही है. सिर्फ असुरक्षित यौन संबंधों से ही नहीं यह बीमारी संक्रमित खून या संक्रमित इंजेक्शन की वजह से भी फैलता है। आज एड्स दुनियाभर में सबसे घातक बीमारी के रूप में उभरकर सामने आया है। एड्स एक ऐसी बीमारी जो इंसान को जीते-जी मरने पर विवश कर देती है। यह भी कहते हैं की एड्स एक ऐसी बीमारी है जिसका कोई इलाज नहीं है लेकिन ऐसा भी नहीं है कि इस बीमारी से बचा ही नही जा सकता। इस बीमारी का एकमात्र इलाज है बचाव। 

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1988 से हर साल एक दिसंबर को विश्वी एड्स दिवस मनाया जाता है। इस दिन लोगों को एड्स के लक्षण, इससे बचाव, उपचार, कारण इत्यादि के बारे में जानकारी दी जाती है और कई अभियान चलाए जाते हैं जिससे इस महामारी को जड़ से खत्म करने के प्रयास किए जा सकें। लेकिन चित्रकूट जिले में कैसे ख़त्म होगी ये बिमारी यहाँ तो डॉक्टर ही नहीं हैं। 

एचआईवी के लक्षण

  1. बुखार (बढ़ा हुआ तापमान)
  2. शरीर लाल पड़ जाना तथा निशान
  3. गले में खराश
  4. सूजन ग्रंथियां
  5. सरदर्द
  6. पेट की ख़राबी
  7. जोड़ों मैं दर्द
  8. मांसपेशियों में दर्द

एड्स एक ऐसी बिमारी है जिसका डर लोगों मे बना रहता है ये एक वायरस है जिसको हो जाती है उसका बचना मुश्किल हो जाता है इस बिमारी का इलाज भी नहीं है। 

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इसमें यौन संबंध में बचाव की जरूरत होती है और खतरनाक बीमारी होने के बावजूद भी इस बिमारी के डाक्टर की कमी है चित्रकूट मे ही स्वास्थ्य विभाग के आंकडे बताते हैं 121 केस पॉजिटिव हैं। 

स्वास्थ्य विभाग के चिकित्सा प्रभारी डाक्टर इम्तियाज अहमद ने बताया की समय समय पर सी एस सी ,पी एस सी मे एच आई वी के टीके लगाए जाते हैं।