खबर लहरिया बुंदेलखंड शौचमुक्त गाँव की जमीनी हकीकत देखिये महोबा जिले के कमालपुर गाँव में

शौचमुक्त गाँव की जमीनी हकीकत देखिये महोबा जिले के कमालपुर गाँव में

जिला महोबा, कमालपुरा। स्वच्छ भारत मिशन की तहत सरकार शौचमुक्त भारत ढ़िढ़ोरा पीट रही है। क्या जमीनी स्तर में सचमुच भारत शौच मुक्त हो गया है जमीनी हकीकत में जानने के लिए क्या  कमालपुरा गांव में शौचालय बने हैं सब ने खुले में शौच जाना छोड़ दिया है? इस गांव में 2017 में ओडीएफ कर दिया था लेकिन लोगों का कहना है की यहां मात्र अठारह शौचालय बने हैं जब हर घर में शौचालय नहीं होगा तब तक गांव ओडीएफ नहीं माना जायेगा।
जिला विकास अधिकारी विनय कुमार तिवारी ने बताया की जो गांव ओडीएफ हैं वहां के बाकी लोगों को भी शौचालय के लिए भी पैसा दिया जायगा।
रमेशचन्द्र राजपूत ने बताया की सरकार विदेशी लोगों को दिखाना चाहती है की भारत कितना स्वच्छ है। सिर्फ कागज में गांव ओडीएफ हैं। हकीकत में कुछ और है शौचालय की जांच करने के लिए कोई अधिकारी नहीं आया हैं।चन्द्रकली ने बताया की घर के बुजुर्गों को हाथ पकड़ा कर बाहर शौच के लिए ले जाते हैं। हर गोविन्द ने बताया कि हमारे पास न घर है न शौचालय फिर भी बिना जांच किये हमें आपात्र घोषित कर दिया है।रोजगार सेवक ओम प्रकाश ने बताया कि चार पहिया वाहन और पांच एकड़ जमीन वाले आपात्र हैं।
बाईलाइन-श्यामकली

Published on Nov 15, 2017