खबर लहरिया बुंदेलखंड निजी संघर्ष कम नहीं था, अब सीएम्ओ के चक्करों से भी जूझ रहे महोबा जिले के विकलांग

निजी संघर्ष कम नहीं था, अब सीएम्ओ के चक्करों से भी जूझ रहे महोबा जिले के विकलांग

महोबा जिला के कई गांव के विकलांग महीनों से विकलांग प्रमाण पत्र के लिए सी,एम,ओ आफिस आ रहे हैंलेकिन उन्हें ये कह कर वापस कर दिया जाता है कि सी,एम,ओ का अभी साइन नही हुआ है।इस बात को लेकर लोग बहुत परेशान हो रहे हैं|
कृष्ण पाल ने बताया कि हाथ पाव ठीक नहीं हैं तो काम कैसे करें कई बार हो गया हम यहाँ विकलांग प्रमाणपत्र के लिए आये हैंपर यहा के करमचारी  बोलते हैं  कि अगले हफ्ते आना ऐसे में कई हफ्ता हो जाता है|  हम लोग विकलांग होकर भी हिम्मत नहीं हारते पर तब भी सी,एम,ओ के चक्कर काट काट के जूझ रहे हैं|  अगर हम विकलांगों का इस बार प्रमाणपत्र नहीं मिला तो सड़को पर उतर आयेगे और प्रशासन के खिलाफ आवाज उठायेगे
मुकेश भारती का कहना है कि जो पूरे प्रदेश में हफ्ते में हर दिन निश्चित कर दिया गया है  जब कि कोई ऐसा नियम नहीं है कि 1 हफ्ते बाद या 2 हफ्ते बाद मिले गा जो विकलांग टीम बैठती है वो तैयार कर दी गई है कि बुधवार,बृहस्पतिवार,और शुक्रवार दिन निश्चित कर दिया गया है और 1 हफ्ते 2 हफ्ते ऐसा कोई नियम नहीं है मुझे कही नहीं मिला अगर है तो मुझे दिखाओ मैंने पूरे प्रदेश में छान बीन की है
स्वास्थ्य विभाग के बाबू प्रदीप कुमार ने बताया कि एक महीना का सब लोग अपना प्रमाणपत्र ले गये है और कुछ लोग प्रमाणपत्र खुद नहीं ले गये है और  कहते हैं  कि मिला नहीं

बाईलाइन-श्यामकली

01/09/2017 को प्रकाशित