खबर लहरिया बुंदेलखंड जल्लीकट्टू के बैल एक तरफ और महोबा के बैल एक तरफ

जल्लीकट्टू के बैल एक तरफ और महोबा के बैल एक तरफ

जिला महोबा, गांव छानीकला जल्लीकट्टु के बैल एक तरफ और महोबा के बैल एक तरफ। आप सब ने साईकिल रेस, मोटरसाईकिल रेस, कार रेस इते तक के घोड़ा रेस भी देखी हुए लेकिन कबहु बैलगाड़ी की रेस देखी हे।
महोबा जिला के छानी कला गांव में जा अनोखी रेस चौदह जनवरी को मेला के अवसर पे हर बार होत। आज के आधुनिक समय में का बदलो जा रेस में आदमियन की मनो तो पहले किसान दो महीना पहले से तैयारी करत ते बैलगाड़ी रेस की। अपने अपने बैलन को खाबाबे पिबाबे और सजाबे में कोनऊ कसर नइ छोड़त ते।
लेकिन आज की पीड़ी अब इतनी महत्वता नइ देत बैलगाड़ी रेस पे। लेकिन छानी गांव के कछु आदमी आज भी जा रेस में बढ़ चढ़ के भाग लेत और हमेशा जीत के आत।
जा रेस में आस पास के बैलगाड़ी वाले भी आत रेस में भाग लेबे के लाने।
और हर साल बड़े खुशी के संगे बैलगाड़ी रेस को कार्यक्रम मनाओ जात और सब खुशी खुशी आत जा रेस में भाग लेबे के लाने।

रिपोर्टर- सुनीता प्रजापति

Published on Jan 23, 2017