खबर लहरिया बुंदेलखंड एक केती खुशी दूसर केती मोत को दुख

एक केती खुशी दूसर केती मोत को दुख

b panchyat chunava photoचुनाव की मतगणना होंय के बाद पुलिस की लापरवाही के कारन एक बारी फिर महोबा जिला के केऊ गांव के आदमी एक दूसरे के खून के प्यासे हो गये हते। 13 दिसम्बर खा चुनाव को रजिल्ट आयें के बाद एक केती खुशी ओर दूसर केती दुख को महौल देखे खा मिलो हे। हारे भये प्रत्यासियन ने अपने हाथ खून से रंग गये हे। काय से केन्द्र ओर प्रदेश में बेठी सासन अपने काम में ढीली ओर नाकाम नजर आउत हे। एई से पुलिस प्रशासन की आपन जिम्मेंदारी से मुंह मोड़त हे।
हम बात करत हें 13 दिसम्बर खा चरखारी, खरेला थाना क्षेत्र के ऐंचाना गांव में एक घर में आगी लग गई हती। जीमें चैदह साल के लड़की की मोत हो गई हे। परिवार वालेन को आरोप हे की चुनाव की रंजिस खा लेके आगी लगाई हे। फिर भी पुलिस ई बात खा न मान के ऊ लड़की के बारे में केऊ तरह की बात करत हे, की कमरा बन्द करके काय सोउत हती, आगी लागे से बाहर काय नईं निकरी हे
अजनर थाना क्षेत्र के गुढ़ा गांव में राजपूत ने मिल के एक दलित परिवार के साथे मारपीट करी हती। अब लोगो के साथ मापीट ओर हत्या जेसे केस बढ़त जात हे। पुलिस की लापरवही ओर अपराधी के खिलाफ ठोक कदम न उठायें पे, एक दूसरे की हत्या करब आदमी के लाने आम बात हो गई हे।
चुनाव खा लेके दे महीना पेहले से तैयार होत हे की लड़ाई दंगा न होंय, आदमी अपने मन पसंद को प्रत्यासी चुने। चुनाव तो शान्ति के हो गये हे।
सवाल जा उठत हे की का पुलिस प्रसाशन की जिम्मेंदारी शान्ति के साथे वोट डरवायें बस की जिम्मेंदारी होत हे?
1947 के आजादी के बाद आज भी आदमी आपन आप खा आजाद नईं समझत हे। आखिर ई समस्या से कभे छुटकारा मिलहे? जा बात बोहतई सोचे वाली हे आखिर सरकार खा ई बात में बोहतई ध्यान देय की जरूरत हे। अगर सासन को एई हाल रहो तो आदमी दूसरे खा जियें न देहे।