खबर लहरिया ताजा खबरें विश्व पर्यटन दिवस : कुछ अनकही ऐतिहासिक जगहें और बनते रोज़गार के अवसर

विश्व पर्यटन दिवस : कुछ अनकही ऐतिहासिक जगहें और बनते रोज़गार के अवसर

27 सितम्बर 2020 को मनाए जाने वाले विश्व पर्यटन दिवस का इस बार का विषय “पर्यटन और ग्रामीण विकास” रखा गया है। इस विषय को रखने की वजह यह है कि कोविड-19 महामारी की वजह से सभी पर्यटन स्थलों को बंद कर दिया गया था। इसके ज़रिये सरकार पर्टयन में हुई कमी को पूरा करने की कोशिश कर रही है। ग्रामीण समुदायों और स्थानीय लोगों के लिए पर्यटक ही उनकी आय का ज़रिया होते हैं। किसी भी देश या राज्य को सबसे ज़्यादा मुनाफ़ा भी घूमने आये लोगों से ही होता है।

यूपी और मध्यप्रदेश में ऐसे कई ऐतिहासिक जगहें हैं जो ग्रामीण इलाकों में स्थित है। जिनका अपना ही बहुत पुराना इतिहास और कहानियां है। आमतौर पर लोगों को स्थानीय जगहों के बारे में पता नहीं होता। तो आइये आज हम आपको विश्व पर्टयन दिवस के मौके पर यूपी और मध्यप्रदेश की कुछ ऐसी जगहों से रूबरू कराएंगे, जहां आपको घूमने के लिए ज़रूर जाना चाहिए।

पातालकोट

पातालकोट नाम की तरह यह जगह भी गहराई में बसी हुई है। जिला छिंदवाड़ा से 78 किमी. दूर सतपुड़ा पहाड़ियों के बीच, ज़मीन से 1700 फ़ीट नीचे बसी हुई है यह जगह। यह जगह 79 वर्ग किमी. में फैली हुई है। पातालकोट में लगभग 12 गाँव है, जिसमें आदिवासी लोग ही रहते हैं। वह बारह गाँव है – गैलडुब्बा, करेआम, रातेड़, घटलिंगा-गुढीछत्री, घाना-कोडिया, चिमटीपुर, जड़-मांदल, घर्राकछार , खमारपुर, शेरपंचगेल, सुखाभंड- हरमुहुभंजलाम और मालती-डोमिनी।  एक समय पर इन गाँवो में जाना मुश्किल होता है , लेकिन अब सारी जगहों पर जाने के रास्ते बन गए हैं।

यह जगह अपनी संस्कृति, इतिहास और भोगौलिक पर्यावरण की वजह से जाना जाता है। जहां तक देखो तो दूर तक बस हरियाली और शांति नज़र आती है। यह नीचे इतनी गहराई में बसा हुआ है कि धूप की रोशनी भी वहां तक नहीं पहुंच पाती। दिन भी रात की काली चादर की तरह दिखाई पड़ता है। यहां कई प्रकार की अद्भुत जड़ी-बूटियां भी पायी जाती हैं। बारिश के मौसम में इस घाटी में बादल ऐसे दिखाई देते हैं मानो की तैर रहे हो। अब तो धीरे-धीरे जगह में बहुत विकास हो गया है। यह जगह साहसी, इतिहासकारों और खोजकर्ताओं जैसे लोगों के लिए कई रहस्य छुपाई हुई हो। यहां आने पर आपको ऐसा अनुभव होगा जैसे कि आप किसी अलग ही दुनिया में आ गए हो।

ओरछा किला

ओरछा किला मध्य प्रदेश में स्थित है। 16 वीं शताब्दी में रूद्र प्रताप सिंह ने 1501-1531  में यह किला बनवाया था। वह बुन्देल के राजपूत थे। अलग-अलग समय में अलग-अलग महाराजाओं ने किले में कई सारे मंदिर बनवाएं थे। राजा मंदिर या राजा महल 1554 से 1591 के बीच राजा मधुकर शाह ने बनवाया था। महल में हिन्दू भगवान और भगवान विष्णु के नौ अवतार दीवारों पर बनाये हुए हैं। जब महल के ऊपरी भाग की तरफ़ देखते हैं तो वह शीशे की तरह दिखाई पड़ता है। महल में दरवाज़े, रास्ते और खिड़कियां ऐसे बनाई गयी हैं कि धूप की रोशनी महल के हर कोने में पहुंचे।

वीर सिंह ने 1605-1627 में जहांगीर महल और सावन भादो महल बनवाया था। इस महल को मुगल सम्राट अतिथि के लिए बनवाया गया था ,जो कि बस एक रात के लिए वहां आने वाले थे। महल को चार खंभो पर बनाया गया है।  दीवारों पर सब्ज़ी के रंगो से चित्र बनाये गए हैं। महल को अगर गौर से देखा जाए तो महल को बहुत ही खूबसूरती से संतुलन और समरूपता से बनाया गया है। महल के पास से बहने वाली नदी का नज़ारा देखते ही बनता है।

भीमबेटका 

भीमबेटका मध्य प्रदेश में रायसेन जिले में स्थित है। जिसे हम भीमबेटका रॉक शेल्टर के नाम से भी जानते हैं। यह यूनेस्को के विश्व धरोहर स्थलों में शामिल है। यह मध्य भारत के पुराने स्थलों में से एक है। यह स्थान लिखित इतिहास के समय से भी पहले का है। माना जाता है कि यह पुरापाषाण और मध्यपाषाण काल के समय से है। पुरापाषाण वह समय था जब मानव ने पत्थरों से औज़ार बनाना शुरू किये थे। मध्यपाषाण काल में इंसान ने आग की खोज की थी और धीरे-धीरे खेती भी करने लगा था और यहीं से आधुनिक मानव का भी विकास हुआ था।

यह ऐतिहासिक जगह मानव जीवन के शुरूआती निशान को दिखाती है। यहां के पत्थर और गुफाएं सांस्कृतिक विकास, कृषि, शिकारी और शुरुआती जीवन का प्रमाण देते हैं। यहां दस किलोमीटर में सात पहाड़ियां और 750 से अधिक रॉक शेल्टर है। जिनमें से कुछ तो 100,000 साल पहले से ही बसे हुए हैं। अगर किसी को मानव के जीवन का इतिहास जानना है तो यह जगह उसके लिए सबसे बेहतरीन है। यहां न केवल इतिहास है बल्कि उनके सबूत भी मौजूद है।

ये तो कुछ ऐसी जगहें थी जिन्हें आमतौर पर लोग उतना नहीं जानते। इसके आलावा भी यूपी और मध्यप्रदेश में ऐसी बहुत सी जगहें हैं जहां आप घूम सकते हैं।  जैसे – अजयगढ़ का किला, बारा इमामबाड़ा, गुलाबी बाघ, सरयू घाट,फतेहपुर सीकरी, चतुर्भुज मंदिर, खजुराहो इत्यादि।

किसी भी जगह के पर्यटन स्थल से उस राज्य का विकास होता है। साथ ही स्थानीय लोगों को भी रोज़गार के अवसर मिलते हैं। ऐतिहासिक और अनोखे स्थल हमेशा पर्यटकों को अपनी तरफ़ खींचने का काम करते हैं। विश्व पर्यटन दिवस एक तरह से लोगों को जगहों पर घूमने और अन्य राज्यों में आने के लिए आमंत्रित करता है। आप देखेंगे की हर घूमने वाली जगह पर बहुत सारे होटल और खाने-पीने की जगहें होती है। स्थानीय लोग भी वहां अपनी दुकान लगाते हैं, जिनसे उनका रोज़गार चलता है। पर्यटकों के आने से स्थानीय लोग महामारी से हुई परेशानियों से कुछ हद तक बाहर निकल पाएंगे। हमने आपको कुछ छुपे हुए जगहों से रूबरू करवाया है। सभी जगहों तक किसी भी यातायात के साधन के ज़रिये पहुंचा जा सकता है। आप अपने पूरे परिवार के साथ जाइए और जगहों का आनंद लीजिए।