खबर लहरिया Blog विश्व दूरदर्शन दिवस- आपको अपना पहला टेलीविजन चैनल याद है?

विश्व दूरदर्शन दिवस- आपको अपना पहला टेलीविजन चैनल याद है?

आप जब काम से थक कर घर आते हैं तो सबसे पहला काम क्या करते हैं ? मैं तो पहले टीवी का रिमोट उठती हूँ और अपना पसंदीदा टेलीविजन चैनल लगाने के बाद बाकी के काम करती हूँ. ऐसे कई लोग है जो इस आदत से मज़बूर है.लेकिन आपने कभी सोचा है टेलीविजन चैनल हमारे ज़िंदगी का इतना अहम् हिस्सा कैसे और कब बन गया

आपको पता है 15 सितंबर 1959 में पहली बार भारत में टेलीविजन का पहला प्रसारण एक प्रयोग के तौर पर किया गया. लोगो को  था की ये भारत में चलेगा या नहीं।  खैर हमारा प्रयोग सफल रहा और इसे शुरूआती दिनों में  हफ्ते में सिर्फ तीन दिन कार्यक्रम आते थे। वह भी सिर्फ 30-30 मिनट के लिए। और ये प्रक्रिया पुरे साल तक चला फिर  लोकप्रियता को देखते हुए इसे 1965 में रोजाना प्रसारण शुरू किया

आपको बता दें की पहले इतने सारे टेलीविजन चैनल नहीं होते थे. एक चैनल था जिसका नाम टेलिविजन इंडिया हुआ करता था, 1975 में इसका नाम बदलकर दूरदर्शन रखा गया। धीरे धीरे  टेलीविजन चैनल की लोकप्रियता बढ़ी और लोगों के मांग की वजह से चैनल भी बढ़ते गए. मुझे आज भी याद है हम दूरदर्शन, नेपाली चैनल और प्राइवेट चैनल के रूप में जी टीवी देखते थे.

 

अब आप सोच रहें होंगे हम अचानक आपको ये टेलीविजन चैनल का ज्ञान क्यों दे रहे हैं ? तो आपको बतादें के आज विश्व दूरदर्शन दिवस( वर्ल्ड टेलीविजन डे) है. अब आप सोच रहे होंगे के इसकी जरुरत क्यों हुई ?

ये काम दिसंबर 1996 में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने किया। उन्होंने  21 नवंबर को विश्व टेलीविजन दिवस के तौर पर मनाए जाने की घोषणा की थी. दरअसल, इसी साल 21 नवंबर को पहले विश्व टेलीविजन फॉरम की स्थापना की गई थी. इस फॉरम की स्थापना के उपलक्ष्य में ही यह दिवस मनाया जाता है. इस फॉरम का मकसद एक ऐसा मंच उपलब्ध कराना था जहां सूचना माध्यम के तौर पर टीवी के महत्व पर बात की जा सके.