खबर लहरिया ताजा खबरें पन्ना : सब्ज़ियों के दाम हुए कम, क्या अगले बाज़ार तक भी सस्ती रहेंगी सब्ज़ियां?

पन्ना : सब्ज़ियों के दाम हुए कम, क्या अगले बाज़ार तक भी सस्ती रहेंगी सब्ज़ियां?

Will vegetables be affordable till the next market?

पन्ना जिला ब्लाक अजयगढ़ तहसील के सब्जी मंडी में  सब्जियों के दाम 17 दिसंबर 2020, वीरवार से कम हो गए हैं। जिससे लोगों को महंगाई के इस दौर में काफ़ी राहत मिली है। कोरोना की वजह से बहुत लोगों से उनका रोज़गार और आय का साधन छिन गया था। लोग काफ़ी मुश्किल से अपना गुज़ारा कर रहे थे। ऐसे में सब्ज़ियों का सस्ता होने का मतलब है कि सभी लोग मौसम के अनुसार सब्ज़ियों को खरीद पाएंगे और अपने घरों में कुछ अलग पका पाएंगे। जो वह महंगी सब्ज़ियों के होने की वजह से नहीं बना पा रहे थें। 

वर्तमान और पहले की सब्ज़ी की कीमत में है इतना बदलाव

सब्ज़ियों के दाम में गिरावट की वजह से अब सभी लोग सारी सब्ज़ियां खरीद सकते हैं। इस समय आलू 15 रुपये किलो, प्याज़ 20 रुपये किलो, मिर्ची 10 रुपये पाओ, गोभी और बैंगन 10 रुपये किलो है। वहीं पहले इन्हीं सब्ज़ियों के दाम आलू ,मटर, टमाटर और बैंगन 40 रुपये किलो और प्याज़ की कीमत 50 रुपये किलो थी।

 सब्ज़ियों के कम दाम को लेकर यह है लोगों का कहना

अजयगढ़ के रहने वाले बबलू का कहना है कि सब्ज़ियां महंगी होने की वजह से उसके परिवार के लोग कम सब्ज़ी खाकर ही पेट भर लेते थे। सब्ज़ियों के सस्ते होने से अब वह हर तरह की सब्जियां मनभर के खा पा रहे हैं।

Will vegetables be affordable till the next market?

कुंवरपुर गांव के रामकेश बताते हैं उसके घर में हफ़्तों तक सब्ज़ी नहीं बनती थी क्योंकि सब्ज़ी के दाम इतने ज़्यादा होते थे कि वह उसे रोज़ाना खरीद नहीं पाते थे। कभी हफ़्ते में एक या दो बार सब्ज़ी ले आते थे। अन्य दिनों में वह नमकतेल, भाजीदाल खाकर ही गुज़ारा करते थे क्योंकि इसमें ज़्यादा खर्च नहीं आता था। लेकिन जब से सब्ज़ियां सस्ती हुई हैं उन्होंने आगे के लिए ढेर सारी सब्ज़ियां खरीदकर रख ली हैं। यह सोचकर कि कहीं आगे सब्ज़ियों के दाम फिर से ज़्यादा ना हो जाएं।

गांव की ही पुष्पा का है कहना है कि सब्ज़ियों के सस्ते होने की वजह से अब वह रोज़ ताज़ी सब्ज़ियां खरीद सकती हैं और सब्जी बनाकर खा सकती हैं। 

जानिए क्या है सब्ज़ी बेचने वालों का कहना

सब्ज़ी बेचने वाले दिनेश का कहना है कि पहले मंडियों में सब्ज़ियां बाहर से आती थी और अब सब्ज़ियां स्थानीय जगहों से बड़ी मात्रा में रही है। जो पहले नहीं आती थी। जिसकी वजह से सब्ज़ियों के दाम कम हो गए हैं। इस बार स्थानीय किसानों की सब्जियां पर्याप्त मात्रा में उगी हैं, जिसकी वजह से उन्हें सब्ज़ियां भी मार्किट के मुकाबले सस्ते में मिल गयी हैं। 

सब्ज़ियों के दाम कम होने से कई सवाल भी सामने आते हैं। ऐसे में जब सब्ज़ियों के दाम कम है तो बड़े व्यापारियों द्वारा बड़ी ही आसानी से सब्ज़ियों को कम कीमत में खरीदकर स्टोर कर लिया जाता है। फिर कुछ महीनों बाद जब स्थानीय किसानों की फसल से मंडी में ज़्यादा सब्ज़ियां नहीं पाती तो वहीं बड़े व्यापारी स्टोर की हुई सब्ज़ियों को ज़्यादा कीमत में बेचकर मुनाफ़ा कमाते हैं। मतलब बड़े व्यापारियों को दुगना फायदा होता है। सस्ती सब्ज़ियां खरीदकर उन्हें महंगे में बेचते हैं, जिसे आम जनता नहीं खरीद पाती। आखिर इस तरह के राजनीतिकरण पर सरकार गौर क्यों नहीं करती

सब्ज़ियों के दाम कम होने से लोग काफ़ी खुश है। सबके परिवार में अब भरपूर मात्रा में सब्ज़ी भी बन रही है। लेकिन अब यह देखना होगा कि आने वाले वीरवार यानी 24 दिसंबर को भी सब्ज़ियों के दाम कम रहते हैं या फिर उसमें हमें कुछ बदलाव देखने को मिलेगा।