खबर लहरिया ताजा खबरें विश्व कुष्ठरोग उन्मूलन दिवस: क्यों अन्धविश्वास और घृणा का शिकार हैं कुष्ठ रोगी

विश्व कुष्ठरोग उन्मूलन दिवस: क्यों अन्धविश्वास और घृणा का शिकार हैं कुष्ठ रोगी

जिला महोबा ब्लाक जैतपुर के आरी और बेलाताल गांव में जब महिलाओं से और पुरुषों से बात की गई। कुष्ठ रोग के बारे में ऐसे हमें महिलाएं मिले और पुरुष जो अपना रोग छुपा रहे थे। हमें एक ऐसी महिला मिली जो कुष्ठ रोग से पीड़ित मिली। जो 20 साल से कुष्ठ रोग की बीमारी से ग्रसित है। महिला ने बताया है की कुष्ठ रोग के कारण मेरे बच्चों की शादी तक रुक गई है। इससे मैं बहुत परेशान हूं।

मैंने अपने हैसियत से ज्यादा पैसा लगा चुकी हूं अस्पतालों में कुछ प्राइवेट अस्पतालों में और सरकारी अस्पतालों में कुछ भी नहीं बताते हैं। इस रोग के बारे में अब तो हम एक जगह जाते हैं जो तांत्रिक बाबा दवा भी देता है उसी को इलाज कराते हैं। महिला ने यह भी बताया है कि अगर घर परिवार में शादी होती है तो मुझे नहीं बुलाते हैं। और बच्चों को बुलाते हैं तो मैं नहीं जाती हूं अपने ही घर में रो कर बैठ जाती हूं मैं सोती रहती हूं कि मैंने पता नहीं क्या गलती किया है। जो मुझे दाग पड़ गए हैं और मुझे बुलाते भी नहीं है।

इसी महिला के पड़ोस के रहने वाली एक महिला से जब बात की गई उसका कहना है जब इनके परिवार में शादी होती है। यह रोती रहती हैं तो हम उन को समझाते हैं कि तुम्हारे हाथ का बनाया हुआ नहीं है। यह तो रोग है यह रोग में किसी को विचार नहीं करना चाहिए। लेकिन उनके परिवार वाले बहुत ही ज्यादा विचार मानते हैं ऐसा कुछ सरकार और स्वास्थ्य विभाग को करना चाहिए कि जैसे अन्य लोगों की दवाइयां बनी है। इसी तरह से दवाइयां बनना चाहिए। दूसरी महिला से जब बात की गई उसका कहना है कि मैंने अपने जमीन तक बेच डाला है।

अपने रोग के पीछे लेकिन मेरा रोग नहीं ठीक हुआ है ना ही हम लोगों को कोई पैसा देता है। हम लोगों का कर्जा हो गया है अगर किसी से मांगते हैं तो कहते हैं कि तुम्हारा पहले का ही पड़ा हुआ है और हम पैसा नहीं देंगे अब हम क्या देखकर तुम्हें पैसा दे। डॉ आशीष पटेरिया जिला सलाह कुष्ठ रोग पद पर हैं उन्होंने बताया कुष्ठ रोगियों का फ्री में इलाज होता है। उनको ढाई हजार रुपए का महीना भी दिया जाता है जब तक ठीक नहीं हो जाएगा। 30 जनवरी से लेकर 14 फरवरी तक पखवाड़ा चालू रहता है हर साल और हम घर घर जाकर इसका देखते हैं।