खबर लहरिया Blog 21 दिसंबर को सड़को पर उतरेंगे मऊ के बुनकर

21 दिसंबर को सड़को पर उतरेंगे मऊ के बुनकर

उत्तर प्रदेश के कई जिले है जो हथकरघा उद्योग के लिए जाने जाते हैं. आपको बता दें कि पूरे उत्तर प्रदेश में 3320 गाँवों में बुनकर द्वारा  हथकरघा उद्योग चलाया जाता है, जिनमें 62822 परिवारों के 183119 लोग इस कार्य में लगे हैं। हाथ से बुनाई प्रमुख रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में होती है, लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों के साथसाथ कस्बों नगरों में भी हाथ से बुनाई का काम होता है। बुनकर लोगो  के लिए कई खास सुविधाएँ और योजना भी भी है इसके बावजूद आज बुनकर लोगों की स्तिथि बत्तर है. इसमें अब एक और परेशानी जुड़ने जा रही है. जिसके लिए मऊ जिले के बुनकरों ने 21 दिसंबर को बंद का ऐलान किया है.

कारण है योगी सरकार का आदेश जिसमे कहा गया है कि बुनकरों के फ्लैट रेट के पासबुक को खत्म कर दिया जाएगा। फ्लैट रेट के पासबुक के अंतर्गत बुनकरों को बिजली बिल में विशेष सब्सिडी मिलती थी. इस पासबुक को 2006 समाजवादी नेता मुलायम सिंह ने  लागू की थी. अब  1 जनवरी 2020 से ये नया नियम लागू हो जाएगा इसलिए सब लोग अपना पासबुक का पिछला बकाया 31 दिसंबर 2019 से पूर्व अवश्य जमा करा दें. इस  रेट के अनुसार सरकार डीबीटी (प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण या डीबीटी भारत सरकार का एक नया तंत्र है जिसके माध्यम से लोगों के बैंक खातों में सीधे सब्सिडी भेजी जाती है। यह आशा की जा रही है कि बैंक खातों में सब्सिडी जमा करने से हेराफेरी, देरी, आदि कमियां खत्म हो जाएँगी।) के माध्यम से सब्सिडी की धनराशि बुनकरों के खाते में भेजने की योजना बना रही है।

इस सम्बन्ध में 16 दिसंबर को मऊ नगर क्षेत्र के एक प्लाजा में बुनकरों ने बैठक की. बैठक में तय किया गया कि 21 दिसंबर को सिर्फ हथकरघा उद्योग ही नहीं बल्कि सभी दुकानें और  कारोबार बंद रहेंगे। बैठक में ये भी तय हुआ कि दुकानों और संस्थानों को बन्द करने के लिये कोई कहने नहीं जाएगा, जो लोग भी अपने संस्थान को खोलेंगे उनके बारे में ये समझा जाएगा कि उनको बुनकरों से कोई हमदर्दी नही है। इस आंदोलन को तीन चरण में किया जाएगा। जिसमे  21 दिसंबर को  सभी तहसीलों और जनपद मुख्यालय पर एक बड़ी जनसभा का आयोजन किया जाएगा जिसमे नए शासनादेश के बाद बुनकरों के सामने आने वाले संकट को विस्तार से बताया जाएगा ताकि लोगों में जागरूकता पैदा हो सके। 23 दिसम्बर को बुनकर समाज एक्शन कमेटी की तरफ से कलेक्ट्रेट में धरना दिया जाएगा और  जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को सम्बोधित ज्ञापन दिया जाएगा। इसके बाद तीसरे चरण में जेल भरो आंदोलन किया जाएगा। जब तक हमारी मांगे पूरी नहीं होती विरोध होता रहेगा।