खबर लहरिया Blog वाराणसी: बरसात के कारण सब्ज़ियों के दामों ने छुआ आसमान

वाराणसी: बरसात के कारण सब्ज़ियों के दामों ने छुआ आसमान

इस बढ़ती महंगाई के कारण ग्राहक भी ज़्यादा सब्ज़ियां नहीं खरीद रहे हैं। और आधा किलो या एक किलो सब्ज़ी लेने की जगह एक पाँव ही लेकर चले जा रहे हैं।

उत्तर प्रदेश के जिला वाराणसी में लगातार हो रही है बारिश के कारण विक्रेताओं ने सब्ज़ियों के दाम बढ़ा दिए हैं। जहाँ एक तरफ कोरोना संक्रमण के चलते बार-बार लग रहे लॉकडाउन ने पहले सब्ज़ी विक्रेताओं को घाटे में डाल दिया था, तो वहीँ अब करीब एक हफ्ते से लगातार हो रही बारिश ने सब्ज़ियों की फसल ख़राब कर दी है। जिसके चलते विक्रेताओं ने मुनाफा करने के लिए इन सब्ज़ियों के रेट बढ़ा दिए हैं।

सब्ज़ियां महंगी होने के कारण कम हो रही है बिक्री-

जनपद के सब्ज़ी विक्रेता पिंटू ने हमें बताया कि बारिश न रुकने से किसानों की फसल ख़राब हो रही है और सभी विक्रेताओं को सब्ज़ियां महंगी मिल रही हैं। उन्होंने बताया कि परोरा और बूढ़ा 80 रूपए प्रति किलो बिक रहा है, वहीँ टमाटर 40 रूपए प्रति किलो के हिसाब से बेचा जा रहा है। प्याज भी 40 रूपए प्रति किलो और आलू 20 प्रति किलो के हिसाब से बिक रहा है। उन्होंने बताया कि बारिश के कारण मिर्च, भिंडी, अदरक जैसी सब्ज़ियों के रेट बढ़ाने पड़ गए हैं और अब ये सब्ज़ियां 40 रूपए प्रति किलो बिक रही हैं। पिंटू का कहना है कि इस बढ़ती महंगाई के कारण ग्राहक भी ज़्यादा सब्ज़ियां नहीं खरीद रहे हैं। और आधा किलो या एक किलो सब्ज़ी लेने की जगह एक पाँव ही लेकर चले जा रहे हैं।

एक तो काम-धंधा चौपट, ऐसे में कैसे खरीदें इतनी महंगी सब्ज़ी?

वाराणसी की रहने वाली चंदा का कहना है कि बरसात आने से पहले सब्ज़ियों के रेट में कुछ गिरावट आई थी, जिससे आम जनता आसानी से सब्ज़ियां खरीद पा रही थी लेकिन जब से बारिश का मौसम आया है तब से सब्ज़ियों के दाम आसमान छू रहे हैं। पहले तो गरीब और मज़दूर वर्ग के लोग सब्ज़ियां खरीद के खा लेते थे लेकिन अगर इसी प्रकार सब्ज़ियों के रेट बढ़ते रहे तो गरीब परिवार क्या बचत करेंगे और क्या खाएंगे!

मनोज ने हमें बताया कि इस समय तो ज़्यादातर लोगों के काम-धंधे चौपट हैं और कोई दूसरा रोज़गार भी नहीं है। ऐसे में कई लोग तो एक बार आधा किलो सब्ज़ियां ले रहे हैं और हफ्ते भर उसी से काम चला रहे हैं। लोगों के पास इतना बजट ही नहीं है कि वो रोज़-रोज़ ताज़ी सब्ज़ियां खरीद पाएं। उन्होंने बताया कि जहाँ एक तरफ कोरोना महामारी में ऐसा कहा जा रहा था कि ज़्यादा से ज़्यादा हरी सब्ज़ियां खाई जानी चाहिए लेकिन हरी सब्ज़ियों के दाम तो इतने बढ़ गए हैं कि आम जनता के लिए उसे खरीद पाना मुश्किल है।

राशन के दाम भी रोज़ाना बढ़ रहे –

वाराणसी के बबलू का कहना है कि वो मज़दूरी करके एक दिन में 400-500 रूपए कमा पाते हैं और सब्ज़ियां इतनी महंगी हो रही हैं कि एक किलो सब्ज़ी ही 100 रूपए से ऊपर की मिलती है। ऐसे में कई मज़दूरों के लिए इतनी महंगी सब्ज़ियां रोज़ खा पाना काफी मुश्किल है। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि दालें, गेहूं, चावल भी सरकार ने इतना महंगा कर दिया है कि गरीब परिवार अब बस मुफ्त राशन वितरण के भरोसे अपना और अपने परिवार का पेट पाल रहे हैं।

बारिश के कारण सब्ज़ियों की फसल हो रही ख़राब-

सब्ज़ियों की खेती करने वाली मंजू का कहना है कि उनके जैसे न जाने कितने किसान परिवारों ने कुछ महीनों पहले सब्ज़ियों की खेती करी थी और यह सोचा था कि इससे उनका साल भर का खर्चा निकल जाएगा लेकिन खेतों में अन्ना जानवरों ने काफी नुकसान पहुँचाया है, जिससे कई किलो की सब्ज़ियों को फेंकना पड़ गया। और अब लगातार हो रही बारिश ने बची हुई फसल पर पानी फेर दिया है। ऐसे में सब्ज़ियों की खेती कर रहे किसानों को भी बढ़े हुए रेट के साथ मंडी में सब्ज़ी बेचनी पड़ रही है। उन्होंने बताया कि एक समय था जब 10-15 किलो सब्ज़ियां कम दाम में मिल जाती थीं और आसानी से गरीब परिवार खरीद भी लेते थे लेकिन अब तो एक किलो सब्ज़ी में एक परिवार के लोगों का भी गुज़ारा नहीं हो पाता। उन्होंने बताया कि किसानों के पास तो रोज़गार का कोई और जरिया भी नहीं है जिससे वो अपना घर खर्च निकाल सकें। अब न ही किसान दूध-दही खा पाते हैं और न ही महीने भर का दाल, गेहूं खरीद पाते हैं।

पहाड़िया सब्जी मंडी समिति के सदस्य कृष्ण कुमार का कहना है कि इस समय लगातार हो रही है बारिश की वजह से खेत में लगी सब्ज़ियां सड़ जा रही हैं और किसानों की पूरी-पूरी फसलें बरबाद हो जा रही हैं। जिसके कारण सब्ज़ी मंडी में न ही ज़्यादा माल आ पा रहा है और जो माल आता भी है तो उसे व्यापारी दोगुने दामों में सब्ज़ी विक्रेताओं को बेचते हैं। ऐसे में सब्ज़ी विक्रेता भी महंगी सब्ज़ियां बेचने के लिए मजबूर हैं। उन्होंने बताया कि सब्ज़ियों के दाम बढ़ने के कारण ज़्यादा लोग सब्ज़ियां खरीद भी नहीं रहे हैं और पूरा व्यापार घाटे में चल रहा है। कृष्ण कुमार की मानें तो जब तक बरसात का मौसम चलेगा तब तक सब्ज़ियों के रेट में ऐसे ही उछाल आता रहेगा।

जैसा कि हम जानते हैं कि सब्ज़ियों के बढ़ते दामों का एक कारण यह भी है कि क्यूंकि ज़्यादातर किसानों की फसलें ख़राब हो गयी हैं इसलिए अब व्यापारी कोल्ड स्टोरेज में रखी सब्ज़ियों को सब्ज़ी मंडी में विक्रेताओं को दोगुने दाम में बेच रहे हैं। लेकिन सोचने वाली बात तो यह है कि जब भी सब्ज़ियों की फसल अच्छी होती है तब किसानों को कम पैसों में ज़्यादा से ज़्यादा फसल बेचते देखा जाता है और आज जब किसान फसल खराब होने से मुसीबत हैं तब कुछ लोग ऐसे में इन किसानों का सहारा बनने के बजाय अपना ही मुनाफा करने में जुट गए हैं।

इस खबर को खबर लहरिया के लिए सुशीला द्वारा रिपोर्ट किया गया है।

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