लोगों की मानें तो न ही शहर में साफ़- सफ़ाई के लिए कोई कदम उठाया जा रहा है और न ही मच्छरों से छुटकारा पाने के लिए दवाई का छिड़काव हो रहा है।
जिस तरह से हम देख रहे हैं कि मौसम आए दिन अपना रंग रूप बदल रहा है, जिसके चलते रोज़ाना हर घर में कोई न कोई बीमार भी पड़ रहा है। कुछ ऐसा ही हाल उत्तर प्रदेश के जिला वाराणसी में देखा जा रहा है, जहां बदलते मौसम और चारों ओर फैली गंदगी के चलते डेंगू और मलेरिया जैसी बीमारियों ने शहर में दस्तक दे दी है।
लोगों का कहना है कि जगह-जगह जमा हो रखा पानी और जलभराव, कूड़े- करकट में मच्छर पैदा हो गए हैं जिससे आए दिन लोग बीमार पड़ रहे हैं। लोगों की मानें तो न ही शहर में साफ़- सफ़ाई के लिए कोई कदम उठाया जा रहा है और न ही मच्छरों से छुटकारा पाने के लिए दवाई का छिड़काव हो रहा है।
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अस्पतालों का भी है बुरा हाल-
वाराणसी के कबीर चौरा हॉस्पिटल में बिहार से आए राजेंद्र का कहना है कि वो पिछले पाँच दिनों से यहाँ हैं और अपने बेटे का डेंगू का इलाज यहाँ से ही करवा रहे हैं। उन्होंने बताया कि अस्पताल में मिल रहीं दवाइयाँ भी इतनी महँगी हैं कि उनके लिए रोज़ाना इसे ख़रीद पाना मुश्किल हो रहा है, लेकिन अपने बेटे की जान बचाने के लिए वो हर कदम उठाने को तैयार हैं।
राजेंद्र ने बताया कि अस्पताल में भी उन्हें किसी प्रकार की सुविधा नहीं दी गयी है और अस्पताल के अंदर बने सार्वजनिक शौचालयों में भी काफ़ी गंदगी है, ऐसे में बीमारियों को रोक पाना मुश्किल है। राजेंद्र का कहना है कि डेंगू से बचाव के लिए सबसे ज़्यादा ज़रूरी है कि चारों ओर साफ-सफ़ाई रखी जाए, लेकिन अगर आगे भी गंदगी इसी प्रकार बढ़ती रही तो बीमारियाँ भी यूँ ही आम जनता को अपनी चपेट में लेती रहेंगी।
गाँवों में जगह-जगह फैली है गंदगी-
मडवाडी गाँव के रहने वाले मनीष भी पिछले 2 दिनों से इसी अस्पताल में भर्ती हैं। मनीष ने बताया कि मडवाडी और उसके आसपास के क्षेत्रों में हाल ही में भारी बारिश हुई थी जिसके बाद वहाँ की सड़कों और घरों के अंदर जल-भराव हो गया था और कई दिनों तक वहाँ पानी जमा हुआ था। लेकिन कोई भी वहाँ पर सफ़ाई करने नहीं आया जिसके बाद गाँव में मच्छरों का आतंक फैल गया, और गाँव के कई लोग डेंगू और मलेरिया की चपेट में आ गए। मनीष की मानें तो आसपास के गावों में प्रशासन की तरफ़ से ब्लीचिंग पाउडर से सफ़ाई तो होती है, लेकिन उनके गाँव में ऐसा कुछ नहीं होता।
वाराणसी के कबीर चौरा अस्पताल के पी एम ओ डॉ ओमप्रकाश सिंह का कहना है कि इस समय उनके अस्पताल में डेंगू के 9 मरीज़ मौजूद हैं। और सभी मरीज़ों का स्वास्थ्य पहले से बेहतर है। उन्होंने बताया कि बरसात के मौसम में डेंगू फैलने का मुख्य कारण है गंदगी और साफ़-सफ़ाई की कमी। अगर लोग अपने घरों और घरों के आसपास साफ़-सफ़ाई रखेंगे, बरसात का पानी जमा होने नहीं देंगे तो डेंगू से निजात पाया जा सकता है।
उन्होंने बताया कि ज़िले में स्वास्थ्य विभाग की तरफ़ से भी सफ़ाई अभियान चलाया जा रहा है, जिसके अंतर्गत सार्वजनिक शौचालयों, सड़कों, नालियों आदि की सफ़ाई समय-समय पर हो रही है।
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डेंगू से बचाव के लिए क्या करें-
1. डेंगू से बचने का सबसे सरल उपाय है साफ़-सफ़ाई। अपने घर की अच्छे से साफ़-सफ़ाई करें। कहीं पर भी गंदा पानी न जमा होने दें। कूलर का पानी भी समय-समय पर बदलते रहें। और घर का कचरा खुली जगह पर नहीं बल्कि कूड़ेदान में ही डालें।
2. डेंगू से बचाव के लिए रात में मच्छरदानी का उपयोग करें, ताकि रात में सोते समय आप मच्छरों से बच सकें।
3. कोशिश करें कि छोटे बच्चों को पूरे कपड़े पहनायें ताकि उनके हांथ-पैर खुले न रहें। खुद भी पूरी बाँह के कपड़े पहनें।
अगर बहुत एहतियात बरतने के बावजूद भी आपको या आपके परिवार में किसी को डेंगू हो जाता है तो बिलकुल भी घबराएँ नहीं और तुरंत मरीज़ को नज़दीकी स्वास्थ्य केंद्र में ले जाएँ। रोज़ाना मरीज़ के कपड़े बदलवाएँ और उसके बिस्तर को साफ़-रखें। आप मरीज़ को सादा खाना ही खिलाएँ, साथ ही उसे तुलसी-अदरक का काढ़ा पिलाएँ। और हाँ डॉक्टर की सलाह लें और डॉक्टर द्वारा दी गयी दवाएँ सही समय पर मरीज़ को खिलाएँ।
इस खबर की रिपोर्टिंग सुशीला द्वारा की गयी है।
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