खबर लहरिया Blog UP Election 2022 : ऑनलाइन प्रचार से ग्रामीण न खुश, पार्टियों ने अपनाया डोर टू डोर प्रचार का तरीका

UP Election 2022 : ऑनलाइन प्रचार से ग्रामीण न खुश, पार्टियों ने अपनाया डोर टू डोर प्रचार का तरीका

चुनाव आयोग ने सभी चुनावी जिलों में आचार संहिता लागू की है और राजनीतिक पार्टियों से ऑनलाइन प्रचार करने के लिए कहा है। वहीं ग्रामीण इस राय से खुश नहीं है। उनकी मानें तो ऑनलाइन उन तक खबर नहीं पहुँचती। फ़ोन तो वो चलाते नहीं है।

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निर्वाचन आयोग ने बढ़ती कोरोना महामारी को देखते हुए 22 जनवरी तक सभी तरह की प्रचार सभाओं पर रोक लगा दी। इससे पहले 15 जनवरी तक सभाओं पर रोक लगाई गयी थी। राजनीतिक दलों से कहा गया कि वह प्रचार ऑनलाइन यानी डिजिटली करें। अगर देखा जाए तो इस फैसले में मतदाताओं के बारे में उतनी गहराई से नहीं सोचा गया जितना की सोचने की ज़रुरत थी।

फैसले को सभी पार्टियॉं ने मान लिया। पार्टियां सभाएं नहीं कर सकती तो क्या हुआ, वह हर घर के दरवाज़े जाकर यानी डोर टू डोर तो प्रचार कर ही सकती हैं। इसकी मनाही तो निर्वाचन आयोग ने नहीं की। कई पार्टियों का कहना था कि उन्हें इस पाबंदी से नुकसान है तो किसी ने कहा उन्हें फ़र्क ही नहीं पड़ता। लेकिन क्या किसी ने मतदाताओं से पूछा कि उनकी क्या राय है? यह फैसला कितने प्रतिशत उनके हक़ में है?

खबर लहरिया ने सबसे पहले आचार संहिता के फैसले को लेकर राजनीतिक दलों से बात की कि आखिर वह क्या सोच रहे हैं और क्या करने वाले हैं। हमने बिंदकी विधानसभा 239 के सपा, भाजपा और कांग्रेस कार्यालय पर जाकर उनकी राय जानी। कार्यालय के एक नेता ने कहा, भाजपा को ऑनलाइन प्रचार होने से कोई नुकसान नहीं है। उन्होंने खूब प्रचार-प्रसार कर लिया है। सोशल मीडिया द्वारा वह लोगों के बीच अपनी बातें पहुंचा रहे हैं। फेसबुक पर एक ‘शिवप्रताप सिंह राठौर’ ग्रुप बना है। ग्रुप को लाखों लोगों ने ज्वाइन भी कर लिया है। घर-घर जाकर भी प्रचार किया जा रहा है।

फिर हम बिंदकी विधानसभा 239 के कांग्रेस कार्यालय प्रभारी और बांदा में बीएसपी जिलाध्यक्ष गुलाब वर्मा से मिले। ऐसा लगा कि उनके पास सोशल मीडिया का उपयोग बहुत कम है या कम ही लोग सोशल मीडिया पर हैं। वह भी डोर टू डोर यानी घर-घर जाकर प्रचार-प्रसार कर रहे हैं। ऑनलाइन प्रचार पर उन्हें उतना भरोसा नहीं है जितने लोगों से मिलकर होता है।

सपा पार्टी के जीतू उत्तम पटेल बताते हैं, वह पार्टी का घोषणा पत्र लेकर हर घर जाते हैं और लोगों से वोट मांगते हैं। उन्होंने बताया कि बिंदकी विधानसभा 239 के 311 गांवों में करीब 3 लाख वोटरों से वह मिल चुके हैं।

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ऑनलाइन प्रचार को लेकर ग्रामीणों की राय

यह तो हो गयी राजनीतिक पार्टियों के प्रचार-प्रसार करने के तरीके लेकिन यह तरीके कितने असरदार हैं अब उसकी बात करते हैं। खबर लहरिया ने चुनाव प्रचार-प्रसार के तरीके को लेकर ग्रामीण लोगों से भी बात की। महोबा जिले के गाँव भारवार के किसान चंद्रपाल कहते हैं कि गाँव में पार्टियां आती थी तो पता चलता था कि क्या हो रहा है या नहीं। उन्हें ऑनलाइन प्रचार के बारे में नहीं पता। उनके पास स्मार्टफ़ोन ही नहीं है।

रमेश कुमार सोनी कहते हैं, ‘जब वह देख ही नहीं पाते तो उन्हें कैसे पता चलेगा कि ऑनलाइन प्रचार हो रहा है। जिनके पास स्मार्टफ़ोन है बस वही ऑनलाइन प्रचार देख सकते हैं। जिनके पास स्मार्टफ़ोन ही नहीं है वह ऑनलाइन प्रचार कहाँ से देखेंगे। मान लो, अगर किसी के पास स्मार्टफोन है भी तो वह फोन रिचार्ज करवाकर प्रचार देखेगा या अपना परिवार चलायेगा।’

चित्रकूट जिला, ब्लॉक मानिकपुर, गाँव रानीपुरगेदुरहा की सामाजिक कार्यकर्ता केशर कहती हैं, ‘जिनकी पास डिजिटल मोबाइल है और पढ़े-लिखे हैं उनके लिए ऑनलाइन प्रचार-प्रसार सही है। वहीं जो ग्रामीण जनता है वह आज भी शिक्षा से दूर हैं। उसे नहीं पता कि वह फ़ोन का इस्तेमाल पूरी तरह से कैसे करें। वह उसे बस मनोरंजन के लिए उपयोग करते हैं। वह तो पढ़ी-लिखी हैं फिर भी उन्हें फोन चलाने की उतनी जानकारी नहीं है। अब जो ग्रामीण वोटर हैं, जब उन्हें जानकारी नहीं मिलेगी तो वह अपने वोट के अधिकार के बारे में कैसे जानेंगे। वह ऑनलाइन प्रचार-प्रसार को सही नहीं समझती। वह आगे कहती हैं कि आज भी ग्रामीण आबादी के पास फ़ोन नहीं है। अगर है भी तो क्या वह बस ऑनलाइन प्रचार-प्रसार देखने के लिए फोन में 400 या 600 का रिचार्ज करवाएगा या उसका अनाज लेकर अपने बच्चों को पालेगा? ऑनलाइन प्रचार तो बस जनता को गुमराह करने वाला तरीका है।’

इस समय जहां ग्रामीणों के पास रोज़गार नहीं है, ऐसे में उनके लिए ऑनलाइन प्रचार जानना विषय नहीं है। अगर पैसे खर्च करने हैं तो वह कपड़े और अपने बच्चों पर खर्च करना बेहतर समझेंगे न की स्मार्टफोन या रिचार्ज पर। वहीं नेताओं ने भी यह बात साफ़ कर दी है कि अगर 22 जनवरी के बाद भी व्यवस्था सामान्य रही तो वह लोग छोटे-छोटे समूहों में घर-घर जाकर लोगों से बात करेंगे और अपना प्रसार करेंगे।

इस खबर की रिपोर्टिंग खबर लहरिया के रिपोर्टर्स द्वारा की गयी है। 

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