यूपी चुनाव में खड़े प्रत्याशी कोरोना महामारी का सहारा लेते हुए मतदाताओं के वोट बटोरने की कोशिश कर रहे हैं।
बाँदा : उत्तर प्रदेश में इस समय पंचायती चुनाव की लहर बह रही है। ऐसे में आमतौर पर चुनाव में खड़े प्रत्याशी मतदाताओं को लुभाने के लिये नकदी शराब देते हैं। नशे का भरपूर इस्तेमाल करने वाली चीज़ों के साथ-साथ लोगों में पैसे भी बांटते हैं। लेकिन जब से कोरोना महामारी ने अपनी जड़े मज़बूत की है। तब से लोगों को लुभाने के तरीके भी प्रत्याशियों ने बदल दिए हैं। अब वह वोटों को अपनी तरफ करने के लिए शराब और पैसों की जगह काढ़ा, मास्क और सैनिटाइज़र बाँट रहे हैं।
महामारी में सेवाएं प्रदान करते प्रत्याशी
पंचायत चुनाव का शोर हर गांव और ग्रामीण क्षेत्र की गलियों में जोरों-शोरों पर है। कोविड महामारी के संकटकाल में हो रहे चुनाव में सफलता पाने के लिए चुनाव लड़ने वाले, मतदाताओं को अपनी तरफ खींचने की हर संभव कोशिश में हैं। चाहें जैसे हो पर कोई भी मतदाता उनकी पकड़ से दूर न होने पाए। कोविड काल में जनसंपर्क के लिए प्रत्याशियों ने सैनिटाइज़र और मास्क घर-घर भिजवाना शुरू कर दिया है। प्रत्याशी सैनिटाइज़र और मास्क से एक ओर सहानुभूति ले रहे हैं तो वहीं दूसरी ओर अपनी दावेदारी और चुनाव चिह्न से भी मतदाताओं को परिचित करा रहें हैं।
अब नकदी और शराब की जगह ज्यादातर काढ़ा बंटवाया जा रहा है। लोगों के घर-घर काढ़े का पैकेट भेजा जा रहा है। कोरोना संकटकाल में प्रत्याशी मतदाताओं के सेहत की फिक्र में भी लगे हैं, ऐसा कहा जा सकता है और नहीं भी। इसके लिए सभी प्रत्याशी बकायदा अपने-अपने परिचित डॉक्टरों से संपर्क कर रहे हैं। गांव के किसी भी मतदाता को दिक्कत होने पर उसे तुरंत इलाज की सुविधा मुहैया करा सहानुभूति ले रहे हैं।
मदद के लिए देर रात पहुंचे प्रत्याशी
खबर लहरिया को मिली जानकारी के अनुसार, सोमवार 26 अप्रैल को चुनाव में खड़े प्रत्याशी के साथ तीन लोग देर रात मोतियारी गाँव के एक परिवार की मदद करने पहुंचने गए। घर में दो लोगों को खांसी और बुखार था। सांस लेने में दिक्क्त हो रही थी। ऐसे में प्रत्याशी ने तुरंत ही पल्स ऑक्सीमीटर मंगवाकर ऑक्सीजन स्तर की जांच की। इसके बाद खांसी-बुखार की दवाएं मंगवाकर दीं। प्रत्याशी द्वारा कहा गया कि वह परिवार को किसी भी तरह की परेशानी नहीं होने देंगे। बस जो उन्हें आराम किट दी गयी है, वह उसका इस्तेमाल करें।
सहायता के ज़रिये किया वोट का प्रचार-प्रसार
बांदा जिले के नरैनी कस्बे से लगभग तीन किलोमीटर दूर रविवार, 25 अप्रैल को प्रत्याशी देर रात गाँव में प्रचार-प्रसार करने के लिए पहुंचे। प्रत्याशी के एक हाथ में पर्चे दिखाई दे रहे थे। एक निवासी ने बताया कि जब उन्होंने साफ तौर पर देखा तो प्रत्याशी लोगों को सैनिटाइज़र और मास्क बाँट रहा था। जिससे उन्हें यह विश्वास हो गया कि “पहले लोग वोट के लिए दारू और मुर्गा बांटते थे।” लेकिन अब लोगों में महामारी की संवेदनशीलता को देखते हुए सैनिटाइज़र, मास्क और काढ़ा बांटा जा रहा है।
प्रत्याशियों द्वारा महामारी को वोट इकट्ठे करने के तौर पर इस्तेमाल करना कुछ नया काम नहीं है। आमतौर पर, चुनाव में खड़े प्रत्याशी लोगों से जुड़े या उनके पसंदीदा मुद्दे को ही अपने वोट का ज़रिये बनाते हैं। वैसे भी, अगर लोगों को इस महामारी में मुफ्त में मास्क और सैनिटाइज़र प्राप्त हो रहे हैं तो यह लोगों को इस समय लुभाने का सबसे अच्छा तरीका है।
इस खबर को खबर लहरिया के लिए गीता देवी द्वारा रिपोर्ट किया गया है।