बारिश से किसानों की 90 प्रतिशत फसल पूरी तरह से चौपट हो रखी है। टीकमगढ़ जिले के एसडीएम अभय सिंह ओहरिया ने किसानों को मुआवज़े का आश्वासन दिया है।
पिछले कई दिनों से हो रही लगातार बारिश ने किसानों की फसलों को पूरी तरह से बर्बाद कर दिया है। पहले यूपी के कई जिलों में आई बाढ़ के प्रकोप ने लोगों का जनजीवन व जीविका अस्त-व्यस्त की हुई है। अब यही समस्या एमपी के जिलों में भी देखने को मिल रही है।
जिले के ग्राम पंचायत गुदनवारा के कई किसानों ने इस समय अपने खेतों में उड़द की फसल बोई हुई थी पर लगातार बारिश ने उनकी फसलों को नष्ट कर दिया। किसानों की यही मांग है कि उन्हें मुआवज़ा दिया जाए।
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प्रशासन से किसानों को उम्मीद
ग्राम पंचायत गुदनवारा के किसान कमल सिंह ने खबर लहरिया को बताया, बारिश ने सभी किसानों को चिंतित कर दिया है। किसानों की 90 प्रतिशत फसल पूरी तरह से चौपट हो रखी है। अब उनके सामने अपनी जीविका का सवाल खड़ा हो गया है। वह क्या खाएंगे और क्या कमाएंगे। किसानी से ही उनका घर चलता है। बच्चों की पढ़ाई होती है। इस समय पूरे जिले का किसान परेशान है।
गांव रामनगर के किसान वृजभान सिंह कहते हैं, तीन साल से खेती में कुछ भी नहीं हो रहा है। किसान कभी सूखा तो कभी बारिश तो कभी ओला की वजह से परेशान है।
उन्होंने 10 एकड़ की ज़मीन में उड़द, मूंग, तिल और सोयाबीन की फसल बोई हुई है लेकिन यह पूरी फसल बारिश में खराब हो गयी है। लगभग 60 हज़ार की लागत के साथ किसान वृजभान ने फसल लगाई थी। बीज, खाद में भी काफी पैसे खर्च हुए। यहां तक की जानवरों का चारा भी पूरी तरह से गल गया। फसल के लिए कर्ज़ा भी लिया था कि अच्छी फसल होगी पर सब पानी-पानी हो गया।
फसल के नष्ट होने के साथ-साथ उनकी आस भी टूट गयी है। फसल अब काली पड़ चुकी है। ढाई लाख रुपयों का नुकसान भी हो गया है। अब घर-परिवार कैसे चलेगा?
किसान महीनो तक बच्चों की तरह से फसल का पालन-पोषण करता है इस उम्मीद के साथ की आगे उसे कुछ राहत मिलेगी। अगर कुछ हाथ आती है तो वह है निराशा। अब तो उनकी बस प्रशासन से उम्मीद है कि अब वही उनकी नैया पार लगाए।
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किसानों को मिलेगा मुआवज़ा – जिला एसडीएम
जब खबर लहरिया ने टीकमगढ़ जिले के एसडीएम अभय सिंह ओहरिया से इस मामले में बारे में बात की कि जिन किसानों की फसलें बारिश की वजह से नष्ट हुई है, उसे लेकर प्रशासन क्या कर रही है? एसडीएम का कहना था कि इसे लेकर तहसील और लेखपाल द्वारा सर्वे करवाया जाएगा। जिस किसान की जितनी फसल खराब हुई है उसे उसका मुआवज़ा दिया जाएगा।
किसानों की जीविका की समस्या उनकी वर्तमान व्यवस्था है। अगर प्रशासन द्वारा समय से किसानों को मुआवज़ा दे दिया जाता है तो किसानों का वर्तमान संभल जाएगा और अगर मुआवज़ा आने में समय लगा तो उनका वर्तमान और भविष्य, दोनों ही संकट में पड़ने का भय देखा जा सकता है।
इस खबर की रिपोर्टिंग रीना द्वारा की गयी है।
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