खबर लहरिया ताजा खबरें ऑपरेशन से बच्चों को जन्म देने वाली महिलाओं के भावुक रिश्ते की दास्ता‍न

ऑपरेशन से बच्चों को जन्म देने वाली महिलाओं के भावुक रिश्ते की दास्ता‍न

जब भी हम स्वस्थ की बात करते है तो हमारे दिमाग मे तरह तरह के सवाल आने लगते है। जैसे जिला अस्पताल में फ्री इजाल या अच्छी स्वस्थ व्यवस्था, पर इन सब बातों से हटकर आज हम बात करने वाले है डिलेवरी और ऑपरेशन, आपने भी सुना होगा कि आजकल ज्यादातर महिलाओ की डिलेवरी ऑपरेशन के जरिये होती है। ऑपरेशन करना डॉक्टर के लिए आम बात हो गई है।

पर ऑपरेशन के बाद महिलाओं को किस स्थिति में गुजरना पड़ता है इसके बारे में तो शायद डॉक्टर भी नही सोचता। तभी तो सिर्फ और सिर्फ डॉक्टर डिलेवरी के समय ऑपरेशन से बच्चे होने की सलाह देते है। तो आइए जानते है ऑपरेशन के पीछे की क्या है कहानी। महिलाओ का कहना है कि आजकल डिलेवरी और ऑपरेशन सबके लिए नार्मल बात हो गयी है।

आप प्राइवेट में जाओ या सरकारी अस्पताल में सीधे डॉक्टर ऑपरेशन के लिए बोलते है। क्योंकि ऑपरेशन करने में उन्हें भारी भरकम रकम मिलती है। अगर आप प्राइवेट अस्पताल में जाते है तो 50 हजार रुपये से ज्यादा लगता है और सरकारी अस्पताल में जाओ तो कम से कम 10 हजार रुपये मांगते है।
डिलेवरी के बाद महिला की मौत, डाक्टर पर लापरवाही का आरोप
डिलेवरी को अस्पताल में भर्ती करते ही डॉक्टर ऐसी स्थिति बना देते है कि ऑपरेशन कराने के लिए लोग मजबूर हो जाते है। अगर ऑपरेशन करवाने से मना कर दिया तो वो आपको रेफर कागज बनवा देते। इधर उधर भटकते रहो।

जच्चा बच्चा को जान का खतरा बताया देते है। खून की कमी का हवाला दे देते है। पाना नाम की महिला ने बताया कि उनकी बहू को 3 महीना पहले डिलेवरी हुई थी। कबरई अस्पताल से महोबा जिला अस्पताल को रेफर कर दिया, यह कहकर की बहू कमजोर है, खून की कमी है ऑपरेशन करना होगा।

महोबा जिला अस्पतला गए तो वहां भी यही बात कही, की ऑपरेशन से बच्चा होगा, 10 हजार रुपये जमा करिये। हमने रुपये देने से मना किया तो छतरपुर के लिये रेफर कर दिया। छतरपुर में न ऑपरेशन हुआ और न खून की मांग की, नार्मल डिलेवरी हो गयी थी।

डॉक्टर पैसे के लालच में ऑपरेशन के लिए कहते है। ऑपरेशन के बाद महिलाओ को बहुत दिक्कत होती है।

जैसे वो कोई भारी वजन नही उठा सकती, चावल रायता बैगन या वैसे कोई चीज नही खा सकती, अक्सर पेट मे गैस की प्रॉब्लम होती है। धूप में कुछ काम नही कर सकती। पर डॉक्टरों को इससे कोई लेना देना नही होता है।

उन्हें सिर्फ सिर्फ पैसा दिखता है। महोबा सीएमओ सुमन सिंह ने बताया कि सितम्बर के महीने में लगभग 4 हजार डिलेवरी हुई है, जिसमे 104 डिलेवरी ऑपरेशन से हुई है। जो नॉर्मल बात है। ऑपरेशन के बात महिलाओ को पेट मे ज्यादा शिकायत निकल कर आती है।

फ्री में ऑपरेशन किये जाते है कोई चार्ज नही लिया जाता है। अगर लिया जाता है तो जांच करवा कर कार्यवाही की जाएगी। कई बार महिलाओ के डिलेवरी का समय हो जाता है और दर्द नही होता इसलिए ऑपरेशन के लिए बोला जाता है।