खबर लहरिया जिला आसमान से टपके खजूर पर अटके जैसे बाढ़ प्रभावित गाँवों की हुई स्थिति, द कविता शो

आसमान से टपके खजूर पर अटके जैसे बाढ़ प्रभावित गाँवों की हुई स्थिति, द कविता शो

नमस्कार दोस्तों!! द कविता शो के इस एपिशोड में आपका स्वागत है। दोस्तों बुन्देलखण्ड के कई गाँव बाढ़ से प्रभावित हुए है। लोगों के घर गिरे जिससे घर ग्रहस्ती दोनों पूरी तरह से नष्ट हो गया है। कई गाँव में पानी भरने से गाँव का आवागमन टूट गया था। लोग गाँव में कैद हो कर रह गये थे, तो वही पर खेत में बोई फसले भी पूरी तरह से नष्ट हो गई है। अब ग्रामीण इलाके के लोग और किसान मुसीबतों से घिरे है लेकिन उनकी सुनने वाला कोई नहीं है। यहाँ पर सबसे बड़ा सवाल अब कपड़ा रोटी और मकान का है।

दोस्तों जब बारिश नहीं होती है तो किसान आसमान की तरफ देखता और भगवान से विनती करता है की बारिस हो, ताकि खेतो में बीज बोया जा सके। फसल हो ताकि उनके बच्चे भूखो न मरे। और कई बार फसल के हिसाब से बारिश होती है लेकिन कई बार बारिश का भयानक रूप किसानो को बर्बाद करके रख देता है। वही हालात इस साल भी हुए है। शुरू में अच्छी बारिश हुई और खरीब की फसल बो दी गई अच्छी फसल उगी थी। किसानो के चेहरे में ख़ुशी थी लेकिन ये ख़ुशी फिर से आखों में आसू दे गई। बाढ़ का पानी खेतों में भर गया है और ज्वार बाजरा अरहर तिली और मूंग की फसल सड़ गई हैं। जिससे किसान बहुत दुखी हैं। उनके पैसे और मेहनत में पानी फिर गया। ये दैविक आपदाएं हैं आती रहती हैं लेकिन सबसे बड़ा सवाल है इसके लिए जिम्मेदार अधिकारियों से।

अभी तक इन इलाको में सर्वे नहीं हो रहा है। मुआवजा की कोई बात नहीं हो रही है। हमने अपनी रिपोर्टिंग के दौरान किसानो से बातचीत की तो सबने यही कहा की अभी तक उनके हल्के में कोई अधिकारी देखने तक नहीं आयें हैं। कोई सात्वना देने वाला भी नहीं है। कम से कम अधिकारी लोग आ जाते है तो थोड़ा सा आसरा हो जाता है की कुछ मिलेगा लेकिन यहाँ के अधिकारी और नेता लोगों को कोई मतलब नहीं हैं।

बहुत सारे गाँव ऐसे भी है जहां बाढ़ के बाद मलबा जमा हुआ है, और उस मलबे से गंध पैदा हो गई है। और उससे मौसमी बीमारियाँ हो रही है। जहां पर कोरोना का प्रकोप है और अब गाँव में सर्दी खासी बुखार मलेरिया जैसी बीमारिया उत्पन्न होर ही है। ऐसे में लोगों के लिए खतरा बढ़ गया है। ऐसी स्थिति में क्या प्रशासन कुछ करेगा। गांवो में सर्वे करवाएगा। सफाई करवाएगा, दवाई और जांच के लिए गाँव में स्वास्थ्य विभाग की तरफ से कैम्प लगायें जायेगें। बेघर हुए गरीबो के लिए क्या छत की व्यवस्था की जायेगी। या फिर किसानो को उनके फसल का उचित मुआवजा मिलेगा। तो दोस्तों आप भी अपने विचार जरुर से मेरे साथ में शामिल करिये।

अगर शो की चर्चा पसंद आई हो तो अपने दोस्तों के साथ में जरुर से सेयर करिये और अपने इलाके के मुद्दे बताईये ताकि उन मुद्दों पर भी चर्चा की जा सके तो इस बार के शो में इतना ही अगले एपिशोड में फिर मिलूगी कुछ करारी बातो के साथ तब तक के लिए दीजिये इजाजत नमस्कार।

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