खबर लहरिया जासूस या जर्नलिस्ट आत्महत्या या फिर साजिश? देखिए जासूस या जर्नलिस्ट एपिसोड 10

आत्महत्या या फिर साजिश? देखिए जासूस या जर्नलिस्ट एपिसोड 10

मामला महोबा जिले के कुलपहाड़ तहसील में 18 मई को एक मामला सामने निकल कर आया था। जिसमें एसडीएम देवेंद्र कुमार के अर्दली इलाही बख्श की लास तहसील में लटकी हुई मिली थी। इसकी सूचना चारों तरफ आग की तरह फैल गई। देखने के लिए लोग इकट्ठा हो गए। बताया जा रहा है कि अर्दली इलाही बख्श के पास एक सुसाइड नोट भी मिला था।

जिसमें एसडीएम के खिलाफ परेशान होकर आत्महत्या करने की बात कही गई थी। पर परिवार वाले इसको हत्या करने का आरोप लगा रहे थे। इस पूरी घटना को लेकर कुलपहाड़ तहसील के वकीलों ने रोड जाम भी किया था। एसपी डीएम सहित जिले की फोर्स मौके पर पहुंचे, और इलाही बख्श के शव को कब्जे में लेकर पंचनामा भर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया था।हालांकि इसमें मौके पर एसपी साहब ने जांच कर कार्रवाई करने की बात कही थी, पर अभी तक कोई मुकदमा पंजीकृत नहीं हुआ है। आपको बता दें कि मौके पर जब हम रिपोर्टिंग कर रहे थे तो बहुत सारी चीजें निकल कर सामने आई जो चौकाने वाली थी।

जैसे तहसील पर लगे सीसीटीवी कैमरा बंद पड़े मिले मिलना, अर्दलीय के पास में सुसाइड नोट मिलना, इन्ही तथ्यों के साथ परिवार वाले उसको हत्या का आरोप लगा रहे थे। पर उसकी मौत हुई कैसे यह क्लियर नहीं हो पा रहा था । परिवार वालों ने बताया कि वह रोज की तरह 17 मई को कार्यालय आया था, रात को वह घर नहीं पहुंचा फोन से बात हुई तब उन्होंने किसी तरह की कोई परेशान होने की बात नहीं की, और रात को घर भी नहीं पहुंचे। सुबह हमें मोहल्लों के लोगों के जरिए पता चला जब हम मौके पर पहुंचे तो इलाही बख्श की लास एसडीएम के चेंबर के सामने लटकी हुई मिली। जब हम इस मामले को लेकर लोगों से बात कर रहे थे तो लोगों का यह भी कहना था कि इलाही बख्श पढ़ा लिखा नहीं था।

सुसाइड नोट नहीं लिख सकता था, ना ही वह कभी इस तरह से फांसी लगाकर जान दे सकता है। वह बहुत सुलझा हुआ इंसान था। हमेशा परेशानी में दुसरो की मदद करता था। सोचने वाली बात ये भी है की सुसाइड नोट में एसडीएम देवेंद्र कुमार के खिलाफ लिखा था, कि एसडीएम से वह परेशान है क्योंकि एसडीएम उसको चोर और कुत्ता बुलाता है। वह अभद्रता का व्यवहार करता है। जिसके चलते हुए आत्महत्या करने को मजबूर हुआ। पर यहां पर कई सवाल खड़े हो रहे हैं जैसे कि सुसाइड नोट पर लिखी हुई बातें किसी को क्या पता की एसडीएम अपने अर्दली को कुत्ता और चोर कह कर बुलाता है, और अगर मृतक अर्दलिये को लिखना नहीं आता तो सुसाइड नोट किसने लिखा।

यहां पर एक सवाल और भी खड़ा होता है की सरकार सीसीटीवी कैमरा क्यों लगाती है । जब बंद या खराब पड़े रहना है, क्या सच मे कैमरा खराब था, या रात को बंद किये गए थे, आखिर रात को सीसीटीवी कैमरा किसने बंद किया। क्या पहले से ही आर्दलिय को मारने की साजिश रची जा सकी थी। हालांकि यह पुलिस की जांच का विषय है पुलिस हर पहलू से इसकी जांच कर रही है। और केस को पर्दाफास करने की बात कर रही थी। पर अभी तक कोई भी निष्कर्ष नहीं निकल पाया है आखिर इलाही बख्श की मौत का कारण क्या है क्या सच में एसडीएम से परेशान होकर इलाही बक्स ने आत्महत्या की है या किसी ने उसको मार कर टांग दिया है।

परिवार वाले तो एसडीएम के ऊपर हत्या का आरोप लगा रहे हैं। अभी तक में इस केस को लेकर कोई भी कानूनी कार्यवाही नहीं की गई है।न ही पुलिस ने कोई भी किसी तरह का केस दर्ज नही किया, न ही हत्या का और न ही आत्महत्या का, हालांकि डीएम ने कार्यवाही के नाम पर तहसीलदार और एसडीएम का ट्रांसफर जरूर कर दिया है। पर क्या इलाही बक्स परिवार को न्याय मिल पाएगा।क्या खुल पाएगा इलाही बख्श की मौत का राज या आत्महत्या बताकर पुलिस इस फाइल को बंद कर देगी।