Union Public Service Commission 2022 की परीक्षा को लेकर छात्रों की मिली-जुली राय थी। किसी के लिए पेपर आसान तो किसी के लिए कठिन वहीं किसी के लिए सामान्य था।
5 जून 2022 को UPSC द्वारा सिविल सेवा परीक्षा (प्रीलिम्स) आयोजित की गयी थी जो दो श्रेणियों में विभाजित थी। पहली शिफ़्ट की परीक्षा सुबह 9:30 से 11:30 तक चली और दूसरी शिफ़्ट की परीक्षा दोपहर 2:30 से 4:30 तक चली।
पहली श्रेणी में GS (जनरल स्टडीज़) का पेपर हुआ और दूसरी श्रेणी में CSAT (सिविल सर्विसेस एप्टीट्यूड टेस्ट) का पेपर हुआ। जनरल स्टडीज़ (GS) के पेपर में 200 अंकों के 100 सवाल और सिविल सर्विसेस एप्टीट्यूड टेस्ट (CSAT) के पेपर में 200 अंको के 80 सवाल पूछे गए थे।
सभी छात्रों को दोनों ही पेपर में उपस्थित होना ज़रूरी था। परीक्षा में कर्रेंट अफेयर्स और इतिहास से ज़्यादातर सवाल पूछें गए थे। इसमें भूगोल, राजनीति और स्टैटिक्स (स्थिति-विज्ञान) से भी सवाल पूछे गए थे। साथ ही कोरोना से सम्बंधित सवाल भी पेपर में शामिल थे। आपको बता दें, पेपर में हर एक प्रश्न का 0.66 नकारात्मक अंक भी होता है, जिसकी वजह से छात्रों को बहुत ध्यान से सवालों को हल करना होता है। इस परीक्षा को पास करने के लिए कम से कम 33 प्रतिशत अंक लाना ज़रूरी है।
इस बार परीक्षा केन्द्रो में भी ज़्यादा मात्रा देखने को मिली। इस बार यूपीएससी (प्रीलिम्स) केंद्र की संख्या 77 से बढ़कर 79 हो गयी थी। इस वजह से छात्रों को आने-जाने की चिंता से काफ़ी रहत मिली।
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यूपीएससी परीक्षा को लेकर छात्रों की राय
UPSC (प्रीलिम्स) के लिए पूरे देश से 8 लाख परीक्षार्थी शामिल हुए थे। परीक्षा शुरू होने से पहले सभी छात्रों को कोविड-19 की गाइडलाइन्स का पालन करने के लिए भी कहा गया।
परीक्षा देने आये छात्रों की मानें तो इस साल का पहला पेपर कठिन व काफ़ी लम्बा था। कजरी गोस्वामी पिछले दो वर्षो से UPSC की परीक्षा दे रही है। उनका कहना है कि उन्हें इतने कठिन प्रश्न पत्र की उम्मीद नहीं थी। दूसरी तरफ एक छात्र का कहना था कि अगर कैंडिडेट्स ने इस साल अच्छे से तैय्यारी की है तो उसका पेपर काफ़ी अच्छा जा सकता है।
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UPSC पेपर को लेकर जानें एक्सपर्ट्स का कहना
परीक्षा विशेषज्ञों के अनुसार इस साल का यूपीएससी (प्रिलिम्स) का पेपर हमेशा की तरह संतुलित और मुश्किल था। जनरल स्टडीज़ (जी.एस) का पेपर संतुलित रहा और इसमें स्टेटिक, सामान्य ज्ञान ( जी.के) और करेंट अफेयर्स से सम्बंधित कई प्रश्न पूछे गए थे। इस बार भारतीय अर्थव्यवस्था के प्रश्न भी अच्छे थे। परीक्षा में अवधारणाओं के अनुप्रयोगों पर आधारित प्रश्न भी पूछे गए थे। विशेषज्ञों के अनुसार इस बार के पेपर में 50-55 प्रश्नों सामान्य ही थे ।
इस साल के पेपर को लेकर परीक्षार्थीयों में मिली-जुली प्रतिक्रिया देखने को मिली। कुछ छात्रों के मुताबिक इस साल का पेपर पिछले साल के पेपर से थोड़ा आसान था। वहीं दूसरी तरफ कुछ कैंडिडेट्स का कहना था कि पेपर थोड़ा कठिन था। अन्य छात्र के मुताबिक पेपर हर साल की तरह सामान ही था, ना ज़्यादा कठिन, ना ज़्यादा सरल ।