QHPV Vaccine, जो की एक स्वदेशी वैक्सीन है। ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया ने सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया को इस वैक्सीन को बाज़ार में लाने की इज़ाज़त दे दी है।
ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने मंगलवार, 12 जुलाई 2022 को सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (Serum Institute Of India Ltd) को सर्वाइकल कैंसर ( Cervical cancer ) के खिलाफ़ स्वदेश में विकसित वैक्सीन QHPV Vaccine (क्यूएचपीवी) को बाज़ार में लाने की इज़ाज़त दे दी है।
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QHPV Vaccine को मिली मंज़ूरी
क्वाड्रिवैलेंट ह्यूमन पैपिलोमावायरस वैक्सीन (Quadrivalent Human Papillomavirus vaccine) भारत में सर्वाइकल कैंसर से लड़ने के लिए पहली स्वदेशी वैक्सीन है। QHPV Vaccine को बाज़ार में उतारने के लिए 15 जून को कोविड-19 के विषय विशेषज्ञ समिति द्वारा मांग की गयी थी। जिसके बाद डीसीजीआइ (DCGI) ने सीरम को मार्केटिंग की मंजूरी दे दी। दैनिक जागरण की रिपोर्ट के अनुसार, वैक्सीन के क्लीनिकल ट्रायल डाटा की समीक्षा करने के बाद सरकार की सलाहकार समिति एनटागी ने भी क्यूएचपीवी को मंजूरी दे दी थी।
सर्वाइकल कैंसर के मामले में भारत दूसरे नंबर पर
जो आंकड़े अभी तक सामने आयें हैं वह बताते हैं कि सबसे ज़्यादा सर्वाइकल कैंसर होने के मामले में भारत दूसरे नंबर पर है। सर्वाइकल कैंसर 15 से 44 साल की महिलाओंं में सबसे अधिक पाया जाता है। जानकारी के अनुसार, हर साल लाखों महिलाओं की मौत सर्वाइकल कैंसर व अन्य कैंसर की वजह से हो जाती है। सीरम इंस्टीटयूट के द्वारा डीसीजीआइ को दिये आवेदन में बताया है गया है कि, क्यूएचपीवी वैक्सीन सर्वाइकल कैंसर के खिलाफ लड़ाई में मजबूत प्रतिरोधक क्षमता उतपन्न करती है।
भारत में जल्द आएगी QHPV Vaccine
समाचार एजेंसी एएनआई द्वारा दी गयी जानकारी के अनुसार, ‘उम्मीद है कि साल के अंत से पहले टीका बाज़ार में लान्च किया जाएगा। क्यूएचपीवी गर्भाशय ग्रीवा (सर्वाइकल कैंसर) के कैंसर के खिलाफ भारत का पहला स्वदेशी टीका होगा। पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ़ इंडिया ने बाजार प्राधिकरण के लिए आवेदन किया है। देश में इसकी उपलब्धता जल्द से जल्द सुनिश्चित करने के लिए जैव प्रौद्योगिकी विभाग के सहयोग से चरण 2/3 नैदानिक परीक्षण को पूरा करने के बाद सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने आवेदन किया था।’
SII के सीइओ ने जताई खुशी
सीरम इंस्टीटयूट ऑफ इंडिया (SII) के सीइओ अदार पूनावाला ने टीके के लिए मंज़ूरी मिल जाने पर खुशी जताई। उन्होंने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर ट्वीट करते हुए लिखा, ” महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर के इलाज के लिए एक भारतीय एचपीवी वैक्सीन उपलब्ध होगा, जो कि सस्ती और सुलभ दोनों है। हम इसे इस साल के अंत में लॉन्च करने के लिए उत्सुक हैं, और हम डीसीजीआई, MoHFW_INDIA को आज मंजूरी देने के लिए धन्यवाद देते हैं।”
हिंदुस्तान की प्रकाशित रिपोर्ट कहती है कि राजीव गांधी कैंसर इंस्टीट्यूट एंड रिसर्च सेंटर (आरजीसीआईआरसी) के विशेषज्ञों व डब्ल्यूएचओ (WHO) के मुताबिक, 2019 में भारत में 45,000 से ज़्यादा महिलाओं की मृत्यु सर्वाइकल कैंसर की वजह से हुई थी।
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सर्वाइकल कैंसर से बचाव का तरीका
गर्भाशय में होने वाले कैंसर को सर्वाइकल कैंसर कहते हैं। यह कैंसर बहुत तेज़ी से महिलाओं में बढ़ रहा है। हर साल लगभग 1 लाख से अधिक महिलाएं सर्वाइकल कैंसर से ग्रसित होती हैं। हमने हाल ही में मुलाक़ात करी रामपुर की होमियोपैथिक स्त्री रोग विशेषज्ञ पाल स्नेहा सूबेदार से। उन्होंने हमें इस कैंसर के लक्षण, कारण और बचाव के बारे में बताया।
सर्वाइकल कैंसर क्या है?
जब गर्भाशय ग्रीवा में कैंसर शुरू होता है तो उसे गर्भाशय ग्रीवा का कैंसर या सर्वाइकल कैंसर कहते हैं। गर्भाशय ग्रीवा का मतलब है जो योनि को गर्भाशय के ऊपरी भाग से जोड़ती है।
आप इसे इस तरह भी समझ सकते हैं, गर्भाशय ग्रीवा का कैंसर (सर्वाइकल कैंसर) तब होता है जब कोशिकाएं गर्भाशय ग्रीवा (प्रवेश द्वार) के अस्तर में असामान्य रूप से विकसित होती हैं जो निचले गर्भाशय की गर्दन या संकीर्ण हिस्सा होता है।
बता दें, सर्वाइकल कैंसर दुनिया भर में महिलाओं को होने वाला सबसे आम प्रकार का कैंसर है।
सर्वाइकल कैंसर होने के कारण
कैंसर असामान्य कोशिकाओं के अनियंत्रित विभाजन (बंटने) और बढ़ने की वजह से होता है। असामन्य कोशिकाओं के होने के दो वजहें हो सकती हैं – वे मरते नहीं हैं या विभाजित होते रहते हैं यानि अलग होते रहते हैं। इस वजह से असामन्य कोशिकाएं एक जगह इकठ्ठा होकर ट्यूमर ( Tumor ) का रूप ले लेती हैं। सर्वाइकल कैंसर सर्विक्स (गर्भाशय) में असामान्य कोशिकाओं के बन जाने से होता है।
डॉक्टर सरिता श्यामसुंदर दिल्ली स्थित वर्धमान महावीर मेडिकल कॉलेज में स्त्री रोग विशेषज्ञ हैं और सर्वाइकल कैंसर पर काम कर रही हैं। डॉक्टर सरिता कहती हैं, ”इस कैंसर का कारण वायरस होता है जिसे ह्यूमन पेपिलोमा वायरस कहते हैं जो यौन संबंधों के कारण शरीर में प्रवेश करता है और अगर बार-बार कोई इस वायरस से संक्रमित होता है तो बाद में जाकर ये सर्वाइकल कैंसर का रूप ले लेता है। (बीबीसी द्वारा प्रकाशित रिपोर्ट)
बीबीसी की प्रकाशित रिपोर्ट कहती है, विश्व स्वास्थ्य संगठन ( WHO) के मुताबिक सर्वाइकल कैंसर के 95 फ़ीसद से ज़्यादा मामलों का कारण ह्यूमन पेपिलोमा वायरस या एचपीवी ( HPV) होता है।
एचपीवी वायरस अमूमन यौन संबंध बनाने पर फैलता है। ज़्यादातर मामलों में लोग यौन क्रियाओं की शुरुआत होने के बाद ही इससे संक्रमित हो जाते हैं। वहीं 90 फ़ीसद से ज़्यादा में संक्रमण अपने आप ख़त्म भी हो जाता है।
डब्लयूएचओ कहता है कि एक महिला के शरीर में अगर सामान्य प्रतिरोधक क्षमता है तो उसमें सर्वाइकल कैंसर को विकसित होने में 15 से 20 साल लगते हैं। अगर किसी महिला की प्रतिरोधक क्षमता कमज़ोर है जैसे किसी एचआईवी संक्रमित महिला का इलाज नहीं हुआ है तो इस कैंसर को ऐसी महिला में विकसित होने में पांच से दस साल का समय लगता है। वहीं टीबी जैसी बीमारी से कोई महिला पीड़ित है, तो उसे भी ये कम समय में हो सकता है।
सर्वाइकल कैंसर के लक्षण जानें
बीबीसी की प्रकाशित रिपोर्ट में बताया गया कि सर्वाइकल कैंसर की शुरुआत में कोई लक्षण नहीं होते लेकिन अगर लक्षण दिखते हैं तो इन्हें नज़रअंदाज नहीं करना चाहिए।
– पीरियड्स के आलावा असामान्य तौर पर रक्तस्राव (ब्लड स्पॉटिंग) या हल्का रक्तस्राव
– मैनोपोज़ के बाद स्पॉटिंग या रक्तस्राव
– यौन संबंध बनाने के बाद रक्तस्राव
– बार-बार वजाइनल इन्फेक्शन (योनि में संक्रमण होना )
– बार-बार यूरिन इन्फेक्शन, जलन होना
– सफ़ेद पानी या वजाइनल डिस्चार्ज (योनि स्राव), कभी कभार बदबू देने वाला
– अगर सर्वाइकल कैंसर एडवांस स्टेज पर पहुंचता है तो ज़्यादा गंभीर लक्षण दिखाई देने लगते हैं। जैसे लगातार कमर, पैरों या पेल्विक (पेड़ू) में दर्द,
वज़न कम होना, थकान और भूख ना लगना
– बदबूदार सफेद पानी आना और वजाइना में असहज महसूस करना
– पैरों में सूजन
– हड्डियों में दर्द
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