खबर लहरिया चित्रकूट चित्रकूट: “जब इलाज नहीं तो एक दिन मरना ही है”, कैंसर पीड़तों की दास्तान

चित्रकूट: “जब इलाज नहीं तो एक दिन मरना ही है”, कैंसर पीड़तों की दास्तान

आयुष्मान भारत योजना भारत सरकार की एक स्वास्थ्य योजना है, जिसका उद्देश्य आर्थिक रूप से कमजोर लोगों हेल्थ इंश्योरेंस स्कीम मुहैया कराना है।

इस योजना के अन्तर्गत आने वाले प्रत्येक परिवार को 5 लाख रूपए तक की धनराशि स्वास्थ्य बीमा के रूप में उपलब्ध कराई जाती है। लेकिन हाल ही में हमने चित्रकूट के ग्रामीण इलाकों से कुछ ऐसे लोगों की आपबीती सुनी जो कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी से जूझ रहे हैं, और आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत दिया जाने वाला आयुष्मान कार्ड भी इन लोगों के पास मौजूद है, परन्तु उन्हें इस योजना का लाभ नहीं मिल रहा।

ब्लड कैंसर से ग्रसित लाल बहादुर बताते हैं कि उन्होंने मऊ से लेकर चित्रकूट तक में इस कार्ड की मदद से अपने इलाज का खर्चा निकालने की कोशिश करी, लेकिन उन्हें बार बस सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगाने के लिए कहा गया। लाल बहादुर के पास इतने पैसे नहीं हैं कि वो सही ढंग से अपना इलाज करा पाएं और वो अब बस एक दर्द की गोली के सहारे ही अपना जीवन व्यापन कर रहे हैं।

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कैंसर से पीड़ित शांति देवी के पास तो आयुष्मान कार्ड है ही नहीं। उनका कहना है कि वो इलाज पर अबतक लाखों रूपए खर्च कर चुकी हैं, लेकिन कहीं से कोई फायदा नहीं हुआ है, और न ही किसी ने उन्हें इस योजना के बारे में कुछ बताया है।
इन मरीज़ों की परेशानी देखकर हम भी यह सोचने पर मजबूर हो गए हैं कि आखिर कब तक सरकार द्वारा चलाई जा रही ये योजनाएं सिर्फ कागज़ी पन्नों तक सीमित रहेंगी?

चित्रकूट ज़िले में आयुष्मान भारत स्कीम में डीपीसी के पद पर कार्यरत डॉ राजेंद्र प्रसाद जैसवाल का कहना है कि सरकार ने इस योजना के लाभ के लिए एक ऐप की सुविधा भी शुरू कर दी है, जिस पर पंजीकरण कर मरीज़ आसानी से इस सुविधा का लाभ उठा सकते हैं।

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