खबर लहरिया कोरोना वायरस आंखों के सामने तबाह हो रही जिंदगियां

आंखों के सामने तबाह हो रही जिंदगियां

कोरोना संकट से निपटने के लिए देश में लॉकडाउन लागू है।बसों से बड़े शहरों से अपने घरों को लौट रहे हैं कोई साइकिल से तो कोई पैदल। चिलचिलाती धूप में जाते मजदूरों का दर्द तो बयां नहीं किया जा सकता लेकिन जगह-जगह हो रहे मजदूरों के एक्सीडेंट मानों मजदूरों को काल ने घेर रखा है।
नोएडा से मजदूरों को लेकर लौट रही रोडवेज बस उत्तर प्रदेश के हमीरपुर में 18 मई की सुबह पलट गई जिसमें 15 प्रवासी मजदूर घायल हो गए। हादसे के दौरान बस के अंदर 31 लोग सवार थे।
बताया जा रहा है कि मजदूरों से भरी बस ड्राइवर को झपकी आने से अनियंत्रित होकर डिवाइडर से टकराई और पलट गई। हादसे में महोबा जनपद के एक दर्जन से अधिक प्रवासी मजदूर घायल हो गए। ये सभी मजदूर रविवार को नोएडा से बस में सवार होकर अपने घरों को चले थे। हादसे को सूचना मिलते ही डीएम ज्ञानेश्वर तिवारी और एसपी श्लोक कुमार मौके पर पहुंचे। जिला अस्पताल में घायलों की मरहम पट्टी की गई। गनीमत यह रही कि इस दुर्घटना में कोई जनहानी नही हुई है।

वहीं दूसरी तरफ उत्तर-प्रदेश के कुशीनगर में 17 मई की रात एक्सीडेंट हो गया, इस बस हादसे में 12 प्रवासी मजदूर घायल हो गए। बताया जा रहा है की एनएच 28 पर शाही पेट्रोल पंप के पास कामगारों को लेकर बिहार जा रही बस ने प्याज से भरी ट्रक में जोरदार टक्कर मार दी। टक्कर के बाद बस के आगे का हिस्सा पूरी तरह से डैमेज हो गया। इस घटना के बाद बस में सवार 12 मजदूर गंभीर रूप से घायल हो गए। घटना के बाद चीख-पुकार मच गई। स्थानीय लोगों ने पुलिस जवानों की मदद से एम्बुलेंस से घायलों को तमकुही सीएचसी में भर्ती कराया। इस हादसे में घायलों में 7 मजदूरों की हालत नाजुक बनी हुई है। इनमें से कुछ की हालत नाजुक देखते हुए उन्हें गोरखपुर मेडिकल कॉलेज भेजा गया है।
दूसरा मामला अयोध्या कोतवाली नगर के जनौरा नाका बाईपास का है कोतवाली नगर के जनौरा नाका बाईपास के पास एनएच 28 पर ओवरटेक करने में कामगारों से भरी पिकअप ट्रक के पीछे घुसी गई जिसमे 20 कामगार मजदूर घायल हो गए, दो की हालत नाजुक बनीं हुई है। सभी को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। बताया जा रहा है की ये बस मुंबई से सिद्धार्थनगर जा रही थी। जिलाधिकारी अनुज झा एवं एसएसपी द्वारा जिला चिकित्सालय में घायलो का जायजा लिया गया। 7 घायल लोग भर्ती किए गए हैं, चिकित्सक के अनुसार सभी ख़तरे से बाहर हैं। 14 व्यक्तियों को प्राथमिक उपचार के बाद डिस्चार्ज किया गया है, सभी को उनके घर तक भेजने की व्यवस्था की जा रही है।
उत्तर प्रदेश के औरैया में 16 मई की सुबह एक दर्दनाक सड़क हादसा हुआ है। इस भीषण सड़क हादसे में 24 मजदूरों की मौत हो गयी है। लॉकडाउन के बीच ये मजदूर एक ट्रक में सवार होकर वापस अपने घर लौट रहे थे कि औरया के पास इनकी ट्रक दूसरे ट्रक से टकरा गयी। इस घटना के बाद घायलों को नजदीकी अस्पताल में पहुंचाया गया है। न्यूज ऐजन्सी ANI के अनुसार ये सभी मजदूर राजस्थान से आ रहे थे। मामले की जानकारी मिलने के बाद पुलिस टीम मौके पर पहुंची और राहत एवं बचाव कार्य शुरू कर दिया है। घायलों को अस्पताल भेज दिया गया है।

 

 

वहीं योगी सरकार की ओर से मृतकों के परिजनों के लिए 2 लाख व घायलों के लिए 50 हजार रुपए बतौर मुआवजा दिए जाने की घोषणा की गई है।
समाचार पत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक राजस्थान से चूना लदा ट्रक पश्चिम बंगाल के लिए चला था। इसमें करीब 80 प्रवासी मजदूर सवार थे।वहीं दूसरी तरफ एक डीसीएम गाजियाबाद से 20 मजदूरों को लेकर मध्य प्रदेश के सागर जा रहा था। इसी दौरान औरेया जिले के चिरुहली गांव के पास ट्रक डिस्बैलेंस हो गया और एक ढाबे के पास खड़ी डीसीएम से टकरा गई। इस दौरान ट्रक व डीसीएम पलट गए। हादसे की जानकारी मिलते ही पुलिस वहां पहुंची लेकिन कई लोगों की तब तक घटना स्थल पर ही मौत हो गई थी।
औरैया की चीफ मेडिकल ऑफिसर (सीएमओ) अर्चना श्रीवास्तव ने स्थानीय मीडिया को बताया कि अस्पताल में 24 लोगों को मृत लाया गया. वहीं, जिन 37 घायल लोगों को भर्ती किया गया है उनमें से 15 की हालत नाजुक है। इन 15 लोगों को सैफई के मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया है।

 

दूसरी तरफ मध्य प्रदेश के गुना में 14 मई देर रात 60 से अधिक मजदूरों की बस का एक्सीडेंट हो गया। इस हादसे में 8 मजदूरों की मौत हो गई है। पुलिस के मुताबिक, बुधवार देर रात गुना के कैंट थानाक्षेत्र में मजदूरों की बस और ट्रक में टक्कर हो गई। इस हादसे में 8 मजदूरों की मौके पर मौत गई है, जबकि 50 से अधिक घायल हो गए। घायलों का स्थानीय जिला अस्पताल में इलाज चल रहा है। यह सभी मजदूर महाराष्ट्र से उत्तर प्रदेश जा रहे थे। घटना स्थल से ट्रक का ड्राइवर फरार हो गया है। अब उसकी तलाश की जा रही है।
अगर कोरोना से मरने वाले लोगों और एक्सीडेंट में मरने वाले मजदूरों की तुलना की जाए तो एक्सीडेंट में जान गंवाने वाले मजदूरों के आंकड़े ज्यादा मिलेंगे सरकार आखिर कब तक मजदूरों से खिलवाड़ करती रहेगी? श्रमिकों व मजदूरों को उनके घर तक पहुंचाने के लिए भले ही सरकारें बस, ट्रेन समेत तमाम सुविधाएं देने का दावा करती हो लेकिन, अभी उन्हें पैदल या फिर ट्रक, ट्रैक्टर, टैम्पो का सहारा भी लेना पड़ रहा है। इतनी ज्यादा संख्या में हुए हादसे ने इस बात की पोल भी खोल कर रख दी है।