निवाड़ी जिला के किसान गेंदा, गुलाब आदि फूलों की खेती कर रहे हैं। पृथ्वीपुर ब्लॉक गाँव मवाई खेड़ा के किसान छक्की लाल कुशवाहा शुरू से ही पारंपारिक खेती करते आ रहे हैं। पहले वह उड़द, चना, गेहूं आदि की फसलें उगाते थे। बारिश की वजह से जब सूखा पड़ जाता तो उन्हें दिक्कतों का सामना करना पड़ता था।
झांसी में उनके रिश्तेदार फूली की खेती करते हैं और उन्होंने ही उन्हें भी फूलों की खेती करने की सलाह दी। कुशवाहा ने अब चार से पांच बीघा में फूलों की खेती की है और उसमें दो से तीन प्रकार के फूल लगाए हैं। फूलों के बीज वह झांसी से लेकर आते हैं। इसमें लागत भी कम लगती है और पैदावार भी अच्छा होता है।
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इस साल उन्होंने बस खाने के लिए थोड़ी-सी गेहूं बोई है। उन्हें फूलों की खेती करते हुए तीन से चार साल हो गए हैं। खेती से कम से कम 50 किलो फूल निकल आते हैं और आराम से बिक भी जाते हैं। वहीं एक साल में वह डेढ़ से दो लाख किलो फूल भी बेच लेते हैं। फूलों की खेती करने से अब उनके परिवार का भरण-पोषण भी अच्छे से हो जाते हैं।
मूलचंद कुशवाहा कहते हैं, उन्होंने अपने भाई को देखते हुए फूलों की खेती करना शुरू की है। उनके पास फूलों के लिए भी बहुत आर्डर आता है। फूलों की ज़रुरत शादी, कार्यक्रमों आदि जगहों पर होती है।