खबर लहरिया असर मुम्बई में लॉकडाउन के चलते भूखे मर रहे जिला बाँदा, गांव बरकतपुर के रहने वाले मजदूर को मिली मदद

मुम्बई में लॉकडाउन के चलते भूखे मर रहे जिला बाँदा, गांव बरकतपुर के रहने वाले मजदूर को मिली मदद

जिला बांदा| कोरोना वायरस के चलते अचानक से हुए लॉक डाउन के कारण नरैनी ब्लाक के सकरिहा पुरवा और कालिंजर के कई लोग मुम्बई में फंसे हैं| मुम्बई में लॉकडाउन  में फंसे सकरिहा पुरवा के प्रेम और कालिंजर के बंसू सोनकर से फोन से अपनी स्थिति खबर लहरिया को बताई और वापस गांव आने की मदद की मांगी जमवाड़ा ग्राम पंचायत के मजरा सकरिहा पुरवा के प्रेम फोन पर बताते हैं कि वह जनवरी के महीने में मुंबई पेंटिंग का काम करने के लिए गए थे और उनके साथ 20 लड़के और भी हैं| इस समय वह लोग न्यू मुंबई में मौजूद है, लेकिन अचानक से लॉक डाउन होने के कारण अब वह फंस गए हैं|जिसके कारण उनकी बहुत ही दयनीय स्थिति है कंपनी मालिक ने काम से बाहर कर दिया क्योंकि कंपनियां बंद हो गई है, अब उनके पास खर्च के लिए पैसे भी नहीं है और राशन पानी ,गैस भी खत्म हो गया है| इस लिए वह बहुत ही परेशान है उनका कहना है कि अगर सरकार को इस तरह की स्थिति करनी थी तो वह दो-चार दिन पहले बताती और जो लोग बाहर फंसे थे वह लोग अपने अपने घरों को आ जाते लेकिन ऐसा नहीं हुआ और मुम्बई में लॉकडाउन  से सब बंद कर दिया गया इस लिए वह फंसे पड़े हैं| किसी तरह इधर उधर से चावल मांगते है और चोरी छुपे रात में जंगल से लकडी लाते है तब बनाते खाते हैं और मुसीबत काट रहे हैं उनका कहना है कि उनको अपने घर आना है जिसके लिए वह चाहते हैं कि सरकार उनकी व्यवस्था कराएं और उनको घर तक भेजें या फिर उनके खाने पीने की व्यावस्था करे और कोई साधन चलवाए ताकि वह घर पहुंच सकें नहीं तो फिर वह मजबूर होकर किसी तरह पैदल यात्रा शुरू कर देंगे क्योंकि यहां पर उनके पास कुछ भी नहीं है ना ही पैसे हैं| जिससे वह अपना खर्च और भरण पोषण कर सकें| कितने दिन अपना पेट दाब कर भुंखे रह पाएंगे| दूसरी तरफ गांव में उनका परिवार भी तड़प रहा है उनकी चिन्ता को लेकर उनका परिवार भी परेशान है| इस लिए वह चाहते हैं कि किसी भी तरह उनको घर भेजा जाए परिवार के पास कालिंजर के रहने वाले बंसु सोनकर भी कहते हैं कि वह भी मुंबई में ही है और उनके साथ भी 10 लड़के और हैं जो पेंटिंग का काम करने ही गए थे क्योंकि यहां पर ज्यादातर पेंटिंग का काम ही बहुत अच्छा चलता है इस समय वह लोग भी फंसे हैं और उनको कमरे के बाहर नहीं निकलने दिया जा रहा अगर वह निकलते हैं तो पुलिस डंडे बाजी करती है |इसलिए वह बहुत ही परेशान है और सडी सब्जियां लेकर खाते हैं|वह भी यही चाहते हैं कि उनको किसी तरह से उनके घर भिजवाया जाए नहीं तो यहां रह कर बहुत ही परेशान हो जाएंगे| अगर सरकार की यह प्लानिंग थी कि उसको लॉक डाउन करना है, तो कुछ दिन पहले से कंपनियों को बंद कराने और लोगों को घर जाने के लिए समय देना चाहिए था ताकि लोग अपने अपने ठिकाने पर पहुंच जाते और आज यह स्थिति नहीं आती|