खबर लहरिया Blog यूपी के बलिया में हुआ सामूहिक फर्ज़ी शादी समारोह का आयोजन, दुल्हनों ने खुद को पहनाई जयमाला

यूपी के बलिया में हुआ सामूहिक फर्ज़ी शादी समारोह का आयोजन, दुल्हनों ने खुद को पहनाई जयमाला

25 जनवरी को बलिया के मनियार इंटर कॉलेज में सरकार की मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत सामूहिक विवाह आयोजित करवाया गया था। रिपोर्ट में बताया गया, पुरुषों सहित नाबालिग लड़कियां और दो बच्चों की माँ ने भी इसमें पैसे के लिए शादी की।

Mass fake wedding ceremony organized in Ballia, UP

                        यूपी के बलिया के इंटर कॉलेज में फ़र्ज़ी सामूहिक विवाह का आयोजन किया गया ( फोटो साभार – सोशल मीडिया)

यूपी के बलिया में आयोजित एक सामूहिक विवाह में दुल्हनों ने खुद को ही माला पहना ली। इतना ही नहीं, बाद में पता चला कि पूरा आयोजित सामूहिक विवाह ही एक झूठ है। लोग पैसे के लालच में मंडप में आकर बैठ गए, जो बात सामूहिक विवाह में बैठे एक व्यक्ति ने कबूल भी की।

तो असल मामला यह है कि 25 जनवरी को बलिया के मनियार इंटर कॉलेज में सरकार की मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत सामूहिक विवाह आयोजित करवाया गया था। यूपी तक की रिपोर्ट में बताया गया, पुरुषों सहित नाबालिग लड़कियां और दो बच्चों की माँ ने भी इसमें पैसे के लिए शादी की। सोशल मीडिया पर किये जा रहे दावे के अनुसार, “पिछले महीने 25 जनवरी को कार्यक्रम के दौरान शादी करने वाले 537 जोड़ों में से कम से कम 190 जोड़े नकली/अयोग्य पाए गए।”

जब यह वीडियो सामने आया तो कई अधिकारियों को निलंबित और गिरफ्तार कर लिया गया।

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वायरल फ़र्ज़ी सामूहिक वीडियो

इस मामले को लेकर जिला समाज कल्याण अधिकारी दीपक श्रीवास्तव ने शिकायत की थी। इसके बाद यह सामने आया कि सामूहिक विवाह कार्यक्रम में पहले से शादीशुदा दूल्हे और दुल्हनों की दोबारा शादी कराई जा रही थी।

यूपी टॉक ने बलिया में आयोजन हो रहे सामूहिक विवाह की वीडिओ सोशल मीडिया पर साझा किया था। वीडियो में दूल्हे मास्क पहने हुए अपना चेहरा छुपा रहे हैं तो वहीं लड़कियों व महिलाओं ने दूल्हे की न मौजूदगी में खुद को ही माला पहना दी।

फर्ज़ी सामूहिक विवाह क्यों?

जांच समिति द्वारा दर्ज रिपोर्ट के अनुसार, अयोग्य आवेदकों ने सच्चाई को छिपाकर योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए ग़ैर-क़ानूनी रूप से आवेदन किया था।

समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट रिपोर्ट बताती है कि इस योजना के तहत, ₹51,000 का भुगतान किया जाता है, जिसमें से ₹35,000 लड़की को दिए जाते हैं। वहीं ₹10,000 वैवाहिक सामग्री खरीदने के लिए और ₹6,000 कार्यक्रम के लिए दिए जाते हैं।

जिलाधिकारी रवीन्द्र कुमार ने बताया था कि मनियर विकास खण्ड में आयोजित सामूहिक विवाह कार्यक्रम के लाभार्थियों को अभी तक धनराशि वितरित नहीं की गयी है।

गिरफ्तार और निलंबित हुए अधिकारी

पुलिस ने बताया कि मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना में धोखाधड़ी के आरोप में समाज कल्याण विभाग के सहायक विकास अधिकारी और आठ लाभार्थियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी।

सुनील कुमार यादव, भानुप्रताप और जिला समाज कल्याण विभाग के पटल अधिकारी रविन्द्र गुप्ता के साथ ही आलोक श्रीवास्तव, उपेन्द्र यादव, दीपक चौहान, मुकेश कुमार गुप्ता, रामजी चौहान, संतोष यादव, अर्जुन वर्मा, रामनाथ,अच्छेलाल वर्मा, धर्मेन्द्र यादव, गुलाब यादव और सर्वजीत सिंह को गिरफ्तार किया गया है।

फ़र्ज़ी शादी व उससे जुड़े लोग

क्विंट हिंदी के रिपोर्ट के अनुसार, बलिया के बेरुआर बारी में 86 और रेवती में 50 फर्जी शादियां हुई थीं।

दूल्हे के रूप में पेश हुए लोगों में से एक, बब्लू ने मीडिया को बताया कि उसे ₹2000- ₹3000 के बदले में विवाह समारोह के दौरान बैठने के लिए कहा गया था। क्विंट हिंदी द्वारा साझा किए गए एक वीडियो में उन्होंने कहा, “मुझे नहीं पता कि दुल्हन कहां गई…मुझे पैसे नहीं मिले।”

शिकायत के बाद, 29 जनवरी को मामले में मुख्य विकास अधिकारी के तहत एक जांच समिति का गठन किया गया था। पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, जांच में पाया गया कि मनिकापुर गांव की अर्चना जैसे कुछ लाभार्थियों की शादी जून 2023 में हुई थी।

लाइव मिनट की रिपोर्ट बताती है, इसके अलावा रंजना यादव और सुमन चौहान की शादी मार्च 2023 में, प्रियंका की शादी नवंबर 2023 में, पूजा की शादी एक साल पहले, संजू की शादी तीन साल पहले और रमिता की शादी जुलाई 2023 में हुई है।

यूपी के बलिया में सामने आई यह एक बेहद बड़ी घटना है जो सरकारी योजनाओं और उसके क्रियान्वयन पर सवाल खड़ा करती है।

 

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