खबर लहरिया Blog पोस्टमार्टम के लिए 16 दिन पहले दफनाई गई डेड बॉडी को खुदवाया

पोस्टमार्टम के लिए 16 दिन पहले दफनाई गई डेड बॉडी को खुदवाया

इंगोहटा चौकी ने भी काफी दबाव बनाया कि क्यों डेड बॉडी का पोस्टमार्टम करवाना है कुछ लाभ मिलने वाला है नहीं। राजकुमारी ने कहा, “अगर प्रशासन हमारी उस समय ही सुन लेता तो आज जो प्रशासन आज इतना समय न लगता। अब पोस्टमार्टम के लिए खुदवाया जा रहा है और शव को भेज भी दिया गया है।”

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                                                                                                                     मृतक राम बहादुर की पत्नी राजकुमारी की तस्वीर, जो अपने घर के बाहर बैठी हुई हैं

 

रिपोर्ट – श्यामकली 

हमीरपुर जिले में मजदूर के शव के पोस्टमार्टम के लिए आज शुक्रवार 5 जुलाई को सुबह 5 बजे प्रशासन द्वारा जेसीबी मशीन से खुदवाया गया और पंचनामा भरकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया। शव को 16 जून को दफनाया गया था। मजदूर राम बहादुर की 15 जून को मौत हुई थी। मजदूर की पत्नी ने अब शव का पोस्टमार्टम कराने की मांग की थी। परिवार वालों का कहना है कि मजदूर का शरीर नीला पड़ गया था, जल्दबाजी में पुलिस और प्रधान ने शव को दफना दिया था।

उत्तर प्रदेश के हमीरपुर जिला, गांव इंगोहटा में राम बहादुर नामक एक मजदूर की 15 जून को तबीयत खराब होने से मौत हो गई थी। राजकुमारी यह जानना चाहती है कि आखिर उनके पति की मृत्यु कैसे हुई? क्योंकि पति का शव नीला पड़ गया था। मृतक राम बहादुर के भतीजे राजू का कहना था कि, “अगर बीमारी से कोई मरता है तो उसकी डेड बॉडी बहुत भी नीली नहीं पड़ती है इसलिए हमें शक हो रहा था। इस सब के आधार पर हम प्रशासन से गुहार लगाते रहे कि पंचनामा हमारे चाचा से क्यों करवाया गया था। हमें भी वहां आना चाहिए था। अब जब शव दफ़न हो गया है तो हम उसका पोस्टमार्टम करवाएंगे।”

पूरा मामला

राम बहादुर अपने घर से 12 जून को मजदूरी के लिए गांव के विजय सिंह के साथ कंडक्टरी करने के लिए गए थे। उनकी बेटी से आखिरी बार बात 14 जून को फ़ोन पर हुई थी जहां उन्होंने बताया था कि उनकी बहुत ज्यादा तबीयत खराब है और इलाज के लिए पैसे नहीं है। उनकी बेटी ने घर आने को कहा था तो उन्होंने कहा कि बेटी आने नहीं दे रहे हैं। इसके बाद अगले दिन 15 जून को फ़ोन लगाया तो कॉल लगा लेकिन किसी ने उठाया नहीं।

पति के इलाज के लिए राशन बेचा

ड्राइवर विजय की पत्नी शाम 4:00 बजे आई और बताया कि अस्पताल में पहुंच जाइए और उनके बोतल चढ़ी है। राजकुमारी ने पति के इलाज के लिए सरकारी राशन से मिलने वाला 5 किलो चावल बेचकर अपने पति के पास अस्पताल में पहुंची। धरातल गांव के प्रधान और विजय के परिवार वालों ने कह दिया कि तुम परेशान ना हो और घर जाने को कह दिया। राजकुमारी को बताया गया कि उनकी (पति) तबीयत खराब होने से मृत्यु हो गई थी। रात के 10:00 बजे राजकुमारी के घर डेड बॉडी को पहुंचा दिया गया। उसके बाद सुबह ही जेसीबी मशीन बुलवाकर गड्ढा खुदवा दिया और दफनवा दिया। राजकुमारी ने कहा, “मैं कहती रही कि मेरे परिवार वालों को आने दो पर मेरी किसी ने नहीं सुनी। गांव के लोगों द्वारा जब मिट्टी (शव) को दफनाने ले जा रहे थे तभी मेरा भतीजा राजू आया। राजू ने देखा शव एकदम नीला हो रखा था उस समय वह कुछ कह नहीं पाया।

पोस्टमार्टम की मांग पर पुलिस ने जताया विरोध

इंगोहटा चौकी ने भी काफी दबाव बनाया कि क्यों डेड बॉडी का पोस्टमार्टम करवाना है कुछ लाभ मिलने वाला है नहीं। राजकुमारी ने कहा, “अगर प्रशासन हमारी उस समय ही सुन लेता तो आज जो प्रशासन आज इतना समय न लगता। अब पोस्टमार्टम के लिए खुदवाया जा रहा है और शव को भेज भी दिया गया है।”

राजकुमारी ने खबर लहरिया की रिपोर्टर से कहा, “यदि आप लोग हमारा सहयोग नहीं देते तो शायद ही हमें न्याय मिलता।

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