खबर लहरिया जिला महोबा: अपना वकील स्वयं बनों, क्या है इस पुस्तक की कहानी

महोबा: अपना वकील स्वयं बनों, क्या है इस पुस्तक की कहानी

जिला उन्नाव गांव मानपुर पोस्ट सिकन्दरपुर के रहने वाले नरेंद्र सिंह महोबा जिला के कस्बा कुलपहाड़ के रामरतन भूमेश कुमार पब्लिक स्कूल में अध्यापक हैं।

नरेंद्र सिंह ने बताया कि उन्हें किताबे लिखना बहुत पसंद है अभी हाल ही एक किताब लिखे है जिसका नाम है अपना वकील स्वंय बने l ये किताब में संविधान पर लिखी है। जो अधिकार लोगों को मिलना चाहिए वह नहीं मिल पाता है। इसी पर उन्होंने किताब लिखा है। युवा वर्ग द्वारा उनकी किताबों को काफी पसंद किया जाता है। और यह भी बताते है कि बाहर से किताब के दाम 50 रूपये की मिलती है अगर लोग मेरे से ले तो 30 रुपये की होगी l

उन्होंने बहुत पहले ही सोच लिया था कि वह अपनी एक किताब निकालेंगे। लेकिन समय के अभाव और कुछ असमान्य परिस्थितियों की वजह से वह किताब नहीं लिख पाए। कोरोना महामारी में उन्हें अच्छा-खासा समय मिला।

उनकी एक किताब रिलीज़ हो चुकी है और 12 बुक रिलीज़ होने वाली है। उन्होंने जो स्थितियां देखी हैं उन्होंने किताब में वही लिखा है।

नरेंद्र सिंह ने बताया कि लिखने के लिए कोई अलग से दिमाग नहीं लगाना पड़ता है। यह अपने मन की चॉइस होती है। उन्हें जितना भी समय किताब लिखने में लगता है, वह उस सारे समय का उपयोग करते हैं। पहले उन्होंने लिखने के बाद कंप्यूटर में सब डाला। शब्दों की प्रूफरीडिंग की और फिर किताब को छपने के लिए भेजा।

वह बताते हैं कि उन्हें लिखने की प्रेरणा रामरतन भूमेश कुमार पब्लिक स्कूल के राकेश कुमार अग्रवाल से मिली है तब वह किताब लिख पाए हैं।

किताब पढ़ने के बाद जब लोग उन्हें फोन या मेसज करते हैं तो उन्हें बेहद अच्छा लगता है। उन्होंने किताब आय के लिए नहीं लिखी है। वह कहतें हैं कि वह रहें या न रहे पर उनका नाम रहेगा।

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