खबर लहरिया ताजा खबरें ललितपुर: क्या अध्यापको ने जातिए भेदभाव के कारण रसोइया को निकाला?

ललितपुर: क्या अध्यापको ने जातिए भेदभाव के कारण रसोइया को निकाला?

जिला ललितपुर ब्लॉक  महरौनी गाँव पाली रसोईया को निकाल लिया स्कूल से जातिए भेदभाव के कारण वैशाली रसोईया की जगह पर दूसरी रसोईया को रख लिया है वैशाली नाम की रसोई या दलित और गरीब थी इसलिए जातिए भेदभाव के कारण निकाल दिया और एक ठाकुर की बहू को रख लिया खाना बनाने के लिए कई साल से रसोईया के साथ भेदभाव कर रहे थे वैशाली स्कूल में जाती थी तो भेदभाव करते थे अकेले बर्तन साफ करती थी और झाड़ू भी लगा दी थी कम से कम एक 10 साल से स्कूल में रसोईया का काम कर रही है और बहुत परेशान हैं क्योंकि जमीन जायदाद कि नहीं है पति अक्सर बीमार रहता है अकेली काम आने वाली है छोटे-छोटे बच्चे हैं और पूरा परिवार का खर्च इसी से चलता था जैसे कि खाना बना आती थी तो 6 माह में ₹6000 मिल जाते थे तो उसमें इन का खर्च चलता था घर का इसका कहना है कि आज हम 10 साल से रसोईया का काम कर रहे हैं पहले भेदभाव माना तो है लेकिन काम करते रहे अब तो भेदभाव के कारण स्कूल से ही निकाल दिया जिसके बच्चे नहीं पढ़ते हैं उसको रख लिया बड़ी जाति की है पैसे वाले हैं और हम गरीब हैं हमारे बच्चे भी इसमें पढ़ते हैं और हमें को स्कूल से निकाल दिया हम बहुत परेशान हैं कई बार  दरखास से लगा चुके हैं पर आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई डीएम के पास ज्ञापन दिया तहसील दिवस में ज्ञापन दिया खंड शिक्षा अधिकारी के यहां भी ज्ञापन दिया पर हमारी कोई सुनवाई नहीं हो रही है हम यह चाहते हैं कि हम इतने साल से कर रहे हैं रसोईया का काम इन लोगों ने हमें बिना सरकारी आदेश के निकाल दिया कोई आदेश नहीं आया है कि रसोईया को निकाला जाए पर हमें निकाल दिया है अगर हमारे दलित जाति के बच्चे खाना या बर्तन पी लेते हैं तो यह लोग खाना को फिकवा  देते हैं और दोबारा से बनवाते हैं हमारा एकनाथी पड़ता है इसमें उसने बाल्टी छीन ली थी तो इन लोगों ने पानी नीचे बकरा दिया था तो आरा से भरवाया था सभी से भेदभाव मानते हैं चाहे बच्चों या रसोईया हो हम तो यह चाहते हैं कि 10 साल से रसोईया का काम कर रहे हैं और हमें आगे भी काम मिलना चाहिए क्योंकि हमारे पास और रोजगार नहीं है कहने के लिए अकेले हैं परिवार में खाने वाले बहुत हैं पर कमाने वाले हम पति काम नहीं कर पाते हैं बीमारी के कारण हम तो इसी में काम चाहते हैं हमें एक माय हो गया है जब से निकाल दिया है स्कूल से 1 माह से नहीं बुलाया है

राजकुमार पद खंड शिक्षा अधिकारी महरौनी का कहना है कि हमें ऊपर से आदेश आया है कि जिस रसोईया की उम्र कम हो और बच्चे ना पढ़ते हो इसलिए उसको निकाल लिया जाए और जो पात्र हो जिसके बच्चे पढ़ते हैं उसको रखा जाए इसलिए हमने रसोईया का चयन किया है वैशाली के बच्चे नहीं पढ़ते हैं और आयु कम है इसलिए निकाला है दूसरी महिला की आयु ज्यादा है और बच्चे भी पढ़ते हैं इसलिए रखा है हमें ऊपर से ही आदेश आया था रसोईया को चैन करने का इसलिए किया