खबर लहरिया जिला भोजपुरी पंच तड़का : विश्व के पहले ‘योग विश्वविद्यालय’ के बारे में जानें

भोजपुरी पंच तड़का : विश्व के पहले ‘योग विश्वविद्यालय’ के बारे में जानें

भारत देश में स्वच्छ भारत के साथ हमेशा से स्वस्थ भारत का सपना पूरा करने की बात की जाती है। जिसे देखते हुए भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने योगा दिवस मनाने की शुरुआत की थी। भारत देश में योगा प्राचीन काल से चला आ रहा है पर आज भागती-दौड़ती ज़िंदगी में लोगों के खराब स्वास्थ्य को देखते हुए अब योगा पर काफी ज़ोर भी दिया जा रहा है।

योगा को आज लोगों ने करियर के रूप में भी अपना लिया है पर क्या आप नहीं जानना चाहेंगे कि आखिर वह कौन-सी जगह थी जहां से लोगों को योगा के लिए प्रशिक्षित किया जाना शुरू किया गया? आखिर क्या था इतिहास?

आज मैं अपने “भोजपुरी पंच तड़का शो” में लेकर आई हूँ विश्व के पहले योग विश्वविद्यालय के बारे में जानकारी लेकर, जोकि भारत के बिहार राज्य में स्थित है।

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5. “बिहार स्कूल ऑफ़ योग” की शुरुआत

                                                                                                       यह है बिहार स्कूल ऑफ योग विश्वविद्यालय ( फोटो साभार – ईटीवी भारत)

योगा, सदियों से भारत की परम्परा और उसकी विरासत की पहचान रहा है। देश में योग को बढ़ाने के लिए कई लोगों का योगदान रहा है जिसमें से एक है, “बिहार स्कूल ऑफ़ योग।”

बिहार स्कूल ऑफ योग की स्थापना स्वामी सत्यानंद ने 1960 के दशक में मुंगेर के गंगा नदी के तट पर योग के प्रचार प्रसार के लिए की थी। आज यह पूरी दुनिया के लिए योग का केंद्र बना हुआ है।

आज के समय की बात करें तो मुंगेर में विश्वविद्यालय तो नहीं रहा, लेकिन अभी भी यहां पर मुंगेर योगाश्रम संचालित हो रहा है। इसे बिहार योग विद्यालय यानि बिहार स्कूल ऑफ योगा (Bihar School Yoga) के नाम से जाना जाता है।

4. “बिहार स्कूल ऑफ़ योग” को मिला योग नगरी का नाम

देश के पूर्व राष्ट्रपति रहे डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम आजाद यहां दो बार आए थे। पहली बार वह 2004 में यहां आए थे तब उन्होंने इस शहर काे योग नगरी का नाम दिया था। उनके अलावे देश के कई प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री यहां आ चुके हैं।

3. उत्तर में गंगा तट पर स्थित है योग आश्रम

                           मुंगेर योग आश्रम ( फोटो साभार – सोशल मीडिया)

मुंगेर योग आश्रम उत्तर में गंगा तट कस्टहरनी घाट के सामने बसा हुआ है। योग आश्रम को गंगा दर्शन के नाम से भी जाना जाता है। योग आश्रम की छत पर जाने के बाद तीनों ओर से गंगा नज़र आती है। इस योगाश्रम के बारे में बताया जाता है कि यहां से ज्ञान लेकर निकलने वाले लगभग 50,000 से अधिक योग प्रशिक्षक के तौर पर भारत के अलावा अलग-अलग देशों में योग के बारे में लोगों को जागरूक करते हैं।

2. स्वामी सत्यानंद ने योग की लिखीं 300 पुस्तकें

स्वामी सत्यानंद सरस्वती ने योग सिखाने के लिए 300 से अधिक पुस्तकें लिखी हैं। इन पुस्तकों में योग के सिद्धांत कम और प्रयोग ज़्यादा है।

1. बाल योग मित्र मंडल संभालता है योग विद्यालय

इस समय बिहार योग विद्यालय को बाल योग मित्र मंडल ने संभाल रखा है। बिहार विद्यालय की ओर से अब तक तीन बार विश्व योग सम्मेलन का आयोजन किया गया है।

बता दें, योग आश्रम की दिनचर्या सुबह 4:00 बजे से शुरू होती है। उसके बाद निर्धारित समय और नियम के अनुसार योग की कक्षाएं दिनभर संचालित होती हैं।

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