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कोरोना के लिए केजरीवाल का 5 टी मॉडल तैयार

कोरोना के लिए केजरीवाल का 5 टी मॉडल तैयार :देश में कोरोना का संक्रमण तेजी से फ़ेल रहा है। इसको ध्यान में रखते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एक नया प्लान बनाया है। केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली सरकार कोरोना को रोकने के लिए विशेष योजना पर काम करेगी जिसका नाम ‘5 टी प्लान’ है। 7 अप्रैल को विडियो के जरिये मीडिया से बात करते हुए केजरीवाल ने इस प्रोग्राम के बारे में जानकारी दी.

पहले -टी का अमतलब है टेस्ट : अरविंद केजरीवाल ने कहा कि कोरोना की लड़ाई में सबसे जरूरी जांच है। ज्यादा से ज्यादा लोगों का जांच करने से ही हम बीमारी से लड़ पाएंगे। दिल्ली में जो भी हॉटस्पॉट (जहाँ कोरोना मरीज ज्यादा है ) हैं वहां पर एक लाख लोगों की जांच कराएंगे। साथ ही 50 हजार टेस्टिंग किट भी आ गए हैं, जिससे हम ज्यादा से ज्यादा जांच कर पाएंगे। हम ऐसे संक्रमित लोगों को चिन्हित करके उन्हें क्वारंटाइन कर पाएंगे।

दूसरे- टी का मतलब है ट्रेसिंग यानी पता करेंगे : जिसमे संक्रमित लोगों से बीते 14 दिनों में कौन-कौन मिला सरकार उस पर काम करेगी। इसमें सरकार पुलिस और तकनीक के सहारे लोगों का पता लगाएगी।

तीसरे- टी का मतलब है ट्रीटमेंट यानी इलाज : अरविंद केजरीवाल ने कहा कि अगर यहां मरीज की संख्या 30 हजार तक पहुंच जाती है तो उसके हिसाब से वेंटिलेटर, बिस्तर कहां होंगे उसकी भी तैयारी कर ली गई है। उसके लिए अस्पताल, होटल, धर्मशाला और बैंक्वट हॉल चिन्हित किए गए हैं। वेंटिलेटर और ऑक्सीजन की व्यवस्था भी की जा रही है। अभी दिल्ली में 2950 बिस्तर हैं जहां पर कोरोना मरीजों का इलाज होगा।

चौथे- टी मॉडल का मतलब है टीमवर्क यानी मिलकर काम करना : मुख्यमंत्री के अनुसार कोरोना की इस लड़ाई में हम सभी को एक टीम की तरह काम करना होगा। इसमें सिर्फ सरकार, डॉक्टर की जिम्मेदारी ही नहीं है बल्कि हम सबकी भी जिम्मेदारी है कि हम घर से बाहर न निकलें। हम सब मिलकर एक दूसरे की मदद करेंगे तभी इस लड़ाई से जीतेंगे।

और आखरी यानी पांचवें- टी का मतलब है ट्रैकिंग यानी निगरानी : केजरीवाल ने कहा कि पांचवीं और सबसे जरूर चीज है काम की निगरानी। अगर सारी तैयारी के बाद अगर काम की निगरानी नहीं की गई तो सब खराब हो सकता है, इसलिए निगरानी का काम खुद मैं देख रहा हूं। 24 घंटे कोरोना की तैयारियों पर मेरी नजर है। कोरोना से लड़ने के लिए हमें उससे तीन कदम आगे चलना होगा। हम उसके लिए तैयार हैं।

इसके जवाब में WHO ( वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाईजेशन) की चीफ साइंटिस्ट (वैज्ञानिक) सौम्या स्वामीनाथन ने कहा कि अस्पताल में आने वाले कमजोरी या अन्य कोई सांस से जुड़ी बीमारी से ग्रसित सभी नए मरीजों के हॉस्पिटल में भर्ती होने पर भी ध्यान दिया जाना चाहिए. ट्रैकिंग और मॉनिटरिंग में यह भी जोड़ा जाना चाहिए