खबर लहरिया जवानी दीवानी बुन्देलखण्ड में हर घर में खाई जाती है चने की भाजी

बुन्देलखण्ड में हर घर में खाई जाती है चने की भाजी

बुन्देलखण्ड में हर घर में खाई जाती है चने की भाजी :हर प्रदेश का खान पान थोड़ा हटके होता है ये तो सभी जानते ही है मगर सर्दियों के साग को गर्मियों में कहाँ ये तो कोई बुन्देलखंडियों से ही सीखे यह के लोग कैसे चने की भाजी को सूखा क्र उसे गर्मियों के मौसम में कहते है ,ये केवल एक पकवान नहीं होता बल्कि लू न लगने की दवा बी होती है इसको सूस्का कहते है

जिला महोबा ब्लाक जैतपुर गांव बमोरी खुर्द जहां के रहने वाले महिलाएं और बच्चे हैं खबर का एंगल है सुस्का की भाजी जनवरी फरवरी के महीने में चना की भाजी तोड़ के और सुखवा के रख लेते हैं जिससे अब मई जून के महीने में सुस्का की भाजी दम से लोग खाते हैं उनका कहना है कि गर्मियों के महीने में सूखी भाजी बहुत फायदा करती है यह पुरानी परंपरा आज भी कायम है बुंदेलखंड में जहां की इसके फायदे भी बताते हैं कि सुखी भाजी बना के खाने में क्या फायदे हैं जैसे कि धूप बहुत होती है और रूबी लगती है उस भाजी के खाने से और लगाने से लू नहीं लगती है ना ही इतनी धूप लगती है बनी मजदूरी करने वाले ज्यादातर धाम में ही रहते हैं और गर्मी भी बहुत होती है इस वजह से हमेशा 1 दिन में या 2 दिन में भाजी बनाते हैं जिससे उनका पेट में ठंडाई पहुंचाती है सुखी भाजी | इस चने की भाजी के अनेको लाभ है आयरन की भरपूर मात्रा से लेकर स्वादिष्ट पकवान तक