खबर लहरिया ताजा खबरें मै चौकीदार नहीं हूँ, देखिये द कविता शो के एपिसोड 78

मै चौकीदार नहीं हूँ, देखिये द कविता शो के एपिसोड 78

The Kavita Show Episode. 78

इस समय लोक सभा चुनाव का प्रचार जोरो पर जहा एक तरफ लोग विकास की बात कर रहे हैं तो दूसरी तरफ इस समय हमारे प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी मैं चौकीदार हूँ का कैम्पेन शोसल मीडिया पर चला रहे है इस कैम्पेन सब लोग जुड़ रहे हैं और सब बोल रहे है मैं चोकीदार हूँ में भी चौकीदार हूँ इस चौकीदार में लोग भी इतना उलझ गये है की बाकी विकास और योजनाओं की बात छोड़ कर सब इसी मेन लड़ रहें है हमें सम्मान सुरक्षा के साथ हमारे स्वास्थ शिक्षा रोजगार रासन समाजिक सुरक्षा और सविधान के दिए गए हमारे मौलिक अधिकारों की रक्षा के बारे कोईबात ही नहीं क्र रहा है

हर ब्यक्ति अपने आप को देश का चौकीदार मान रहा है और इसको लेकर खूब बहस छिड़ी है अलग अलग तरह के कमेंट बाजी गाली गलौज खूब अलूल जलूल की बातें हो रही हैं कुछ लोग गुस्सा हो रहे तो कुछ लोग खूब मजे भी ले रहे है चुस्कियां ले रहे हैं लेकिन ये मेरे भेजे नहीं चढ़ रहा है बिना सोचे समझे किस तरह से लोग हवा मे क्यों बह रहे हैं . चौकीदार की जो परिभाषा थी ओ रक्षा करना है और मैं गांव गांव में चौकी दार देखती थी जो रात भर पहरा देता है गांव के लोग सो रहे होते हैं और चौकीदार एक डंडा और एक टार्च लेकर पूरे गांव मे घूमता था चौकीदार चोरी डकेती से बचाते हैं और गांव के लड़ाई झगड़ा का फैसला गांव मे ही चौकीदार की अगुवाई मे होता था लेकिन अब तो गाँव मे भी चौकीदार नहीं हैं और आप लोग देश की चौकीदार बनने की बात कर रहे हो है वो पहले अपने घर पड़ोस की मोहल्ले और अपने गांव की रक्षा कर लें फिर देश के चौकी बनेंगे

सोसल मीडिया में लिख देने क्या आप चौकीदार बन गये अरे इसका तो बिरोध करना चाहिए प्रधान मंत्री चौकीदार हैं तो फिर इतने ज्यादा हिंसा और क्राईम के केस क्यों बढ़ रहें है अगर आप अपने आप को चौकीदार बोल रहे हो तो कश्मीर के पुलवामा मेन इतना बड़ा आतकी हमला क्यों हो गया . अगर बुन्देलखण्ड का नौजवान भी चौकीदार का नारा रहा है तो आपने अपने इलाके की चौकीदारी क्यो नही की क्यों बुन्देलखण्ड में 6 साल की बच्ची से लेकर 60 साल की बूढ़ी औरत के साथ बलात्कार हुआ ,फरवरी मे चित्रकूट से दो बच्चों का अपहरण के बाद हत्या क्र दी गई , क्यों हमारे बुन्देलखण्ड का किशान आत्महत्या करता है क्यो खनन होता है बस प्रधानमंत्री कह दिए तो सब लाईन में लग गये अरे भाई ये क्यों नहीं सोचते हो की चौकीदारी के नाम में भटकाने की कोशिश हो रही है अरे चुनाव का सीजन चल है मुद्दों पर बात करो विकास पर चर्चा करो महिलाओं और लड़कियों की सुरक्षा पर बात करो स्वास्थय पर बात करो जिसमें अपना और अपने गांव और देश का भला होगा आप लोग नहीं समझ रहें हैं की चुनाव प्रचार हो रहा है क्योकि पिछले लोकसभा चुनाव में चाय वाले के नाम पर वोट मिले थे और इस बार चाय वाले की जगह चौकीदार आ गया क्योकि लोग वोरोध करे या सपोट प्रचार तो भाजपा का ही हो रहा है . जबकि बाकी की पार्टी विकास के मुद्दों पर बात क्र भी रही है लेकिन वहां पर लोग नहीं जुड़ना चाहते हैं