खबर लहरिया ग्रामीण स्वास्थ्य कितनी बदली गोद लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र की सूरत?

कितनी बदली गोद लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र की सूरत?

जिला वाराणसी में कुपोषित बच्चों को लेकर के लगातार कई नेता कई जिले के अधिकारी कहीं हमारी सरकार खुद सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों को गोद ले रही है ताकि वाराणसी शहर में कुपोषित बच्चे न रहे और इन्हें समय-समय पर पोषाहार भी उपलब्ध होता रहे।

वाराणसी के सेवापुरी ब्लाक केसरी जय करण शर्मा हाथी बाजार सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र है हमारे मुख्यमंत्री योगी ने गोद लिया है। यहां के लोगों का कहना है कि कहने के लिए तो हमारे मुख्यमंत्री ने गोद लिया लेकिन यहां पर जाने के बाद इससे केंद्र पर ना ही अच्छे से दवा मिलती हैं ना ही लोग सुनते हैं। कोई टिकिया होगी तो वही देंगे जितनी भी बढ़िया दवा होगी सब बाहर का ही लिख देते हैं। जब हमें सारी दवाई बाहर से ही लेनी है तो क्या लोग सिर्फ लोग पैरासिटामोल ही लेने जाएं।

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अगर बच्चों की बात करें तो जो पोषाहार मिलता है दो बच्चे हैं तो एक ही बच्चे को मिलेगा । वह भी कभी 1 महीने कभी 2 महीने बाद । 3 से ढाई साल के बच्चे अगर तीन या चार है तो 2 लोगों को ही मिलता है । कबी दलिया मिलेगी तेल मिलेगा तो गेहूं चावल नहीं मिलेगा कभी गेहूं चावल मिला तो दाल तेल नहीं मिलेगा । ऐसी तो सुविधाएँ है जो मुख्यमंत्री ने गोद लिया है ।

हाथी बाजार के आंगनबाड़ी कार्यकर्ता शीला का कहना है कि इस आंगनबाड़ी केंद्र पर 105 बच्चे हैं जिनमें कि 64 बच्चों को गेहूं, चावल, दाल, तेल मिल रहा है । और यहां पर 3 कुपोषित बच्चे भी हैं। सारी सुविधाएं स्वास्थ्य केंद्र पर ही उपलब्ध है जो भर्ती करने लायक होते हैं उन्हें एनआरसी में भेजा जाता है लेकिन अभी एनआरसी पर भेजने की स्थिति नहीं आई है ।

एनआरसी के डॉक्टर का कहना है कि इस समय दो बच्चों के भर्ती किया गया है और इनके लिए खिचड़ी दूध की व्यवस्था और दवा भी सब मिल रहा है जो मां बाप है उनको प्रतिदिन डेढ़ सौ रुपए आता है ₹100 मिलता है ₹50 खाने पर कट जाता है।

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