असम के स्कूल कोर्स में शामिल एक किताब में गुजरात दंगों को लेकर पीएम नरेंद्र मोदी को लेकर लिखी गई टिप्पणी के मामले में पुलिस ने केस दर्ज किया है। इस मामले में किताब के तीनों लेखक के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है।
राजनीति विज्ञान की यह किताब 12वीं क्लास के छात्रों को पढ़ाई जाती है, जो असमिया भाषा में लिखी गई है। यह किताब 2011 से चल रही है, जिसकी पृष्ठ संख्या 376 पर लिखा है कि 2002 में जब गुजरात में दंगे हो रहे थे, साबरमती एक्सप्रेस की बोगी को गोधरा स्टेशन पर आग लगा दी गई थी जिसमें 57 लोगों की मौत हुई थी उस वक्त तत्कालीन सीएम नरेंद्र मोदी चुप थे।
यह किताब तीन लोगों ने लिखी है, जिसमें दुर्गा कांता शर्मा, रफीक जमान और मानस प्रोतिम बरुआ शामिल हैं। बता दें, दुर्गा कांता शर्मा की कुछ साल पहले मौत हो चुकी है।
इस किताब में सीएम मोदी की भूमिका पर लिखे गए चैप्टर के खिलाफ सौमित्रा गोस्वामी और मानव ज्योति बोरा ने एफआईआर दर्ज कराई है।
एफआईआर दर्ज कराने वाले लोगों ने आरोप लगाया है कि लेखक और प्रकाशक असम बुक डिपो ने गोधरा दंगों पर झूठी जानकारी देकर छात्रों को गुमराह करने का काम किया है। उन्होंने किताब की बिक्री पर रोक लगाने की मांग की है।