खबर लहरिया Blog होटलों की अपेक्षा घरों में बनता है अधिक स्वादिष्ट खाना

होटलों की अपेक्षा घरों में बनता है अधिक स्वादिष्ट खाना

उत्तर प्रदेश| बडे शहर हों य छोटे आजकल शादी विवाह हो य जन्मदिन य फिर कोई और खास दिन कि पार्टी| लेकिन होटल में खाना खाने जाने का एक तरह से रिवाज स बनता जा रहा है| जबकि होटल में खाने का दाम भी कई गुना ज्याद रहता है और खाना भी बेस्वाद| जबकि हमारे घरों में बहुत ही स्वादिष्ट और अच्छा खाना बनता है पर यह बात वो लोग अच्छे से समझत सकते हैं| जिन्हें घर से दुर रहने के कारण घर का खाना नसीब नहीं होता|
जैसे हमारे बुन्देलखण्ड में अभी भी लोग घरों का बना खाना ही खाने में ज्यादातर पसंद करते है चाहे शादी विवाह हो य कोई और कार्यक्रम हो| क्योंकि उनको होटलों से अच्छा और स्वादिष्ट घर का खाना लगता है|


बुन्देलखण्ड के लोगों का मनना है कि घर के खाने देशी व्यांजन के मुकबले और फायदेमंद कोई भी खाना नहीं हो सकता| साथ ही घरों में तो मनमर्जी और मौसम के हिसाब से खाना बना कर खा सकते हैं| जैसे कि इस समय शर्दी का मौसम है| इस मौसम का स्वादिष्ठ खाना है ज्वार की रोटी, मिट्ठी पुड़ी चने का साग और आंवले का अचार जिसके सामने होटल का खाना कोई माइने नहीं रखता और इस खाना को खाने के लिए बुन्देलखण्ड से बाहर जो लोग रहकर काम कर रहे है और उनको होटल का खाना खाने के लिए मिल रहा है| वह लोग बहुत ही याद कर रहे होंगें| इसके अलवा शर्दी के मौसम में इस देशी व्यांजन के साथ-साथ त्योहार भी होते हैं| जिसमे बडा़,मुगौडा,बेसन के पापड,सेव,और गुझिया जैसे कई तरह के स्वादिष्ट पकवान बनाकर लोग खाते हैं जो बुन्देलखण्ड का बहुत ही स्वादिष्ट और फेमस खाना है और बडे़-बडे़ होटलों में तक नहीं मिलता|